जब बाली का अंत हो गया तो उसकी मृत्यु की सूचना उसकी पत्नी तारा को प्राप्त हुई। तब वह विलाप करती हुई अपने पति के शव के पास आ पहुंची। तारा बहुत ही विदुषी महिला थी। उसे राजनीति का गहरा ज्ञान था। कूटनीति की वह महान पंडिता थी। उसने अपने पति को अपने भाई सुग्रीव […]
Month: July 2024
नई दिल्ली 157 पुस्तकों के रचयिता,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विनय कुमार सिंघल के 75 वें जन्मदिवस के अवसर पर उनकी 06 पुस्तकों का विमोचन दिग्गज विभूतियों के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर चार साहित्यकारों सहित विनय जी को भी सम्मानित किया गया।काव्य गोष्ठी का आयोजन भी हुआ। पालम विहार,गुरुग्राम में डॉ विनय जी के […]
भ्रष्टाचार की पोल खोलते ढहते हुए पुल
– ललित गर्ग – बिहार में एक पखवाड़े के भीतर लगभग एक दर्जन छोटे-बड़े पुलों के ध्वस्त होने की घटनाएं हैरान करने के साथ-साथ चिंतित करने वाली हैं। जैसी खबरें हैं, अकेले बुधवार, यानी 3 जुलाई को ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में पांच पुल-पुलिया धराशायी हो गए। इनमें सिवान में छाड़ी नदी पर बने […]
इसे संसद का क्षरण ही कहा जा सकता है ….
डॉ दयानंद कादयान संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर होता है। इस मंदिर को सनातन व आधुनिक रूप देकर नए गरिमामय स्वरूप में लाया गया है। परंतु संसदीय कार्रवाइयों के क्षरण का विषय हर लोकतंत्र प्रेमी के के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।लेकिन किसी ने भी इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं समझी […]
जून 2024 के अंतिम सप्ताह में, 27 जून 2024 को, भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता प्रतिवेदन जारी किया है। यह प्रतिवेदन वर्ष में दो बार, 6 माह के अंतराल पर, जारी किया जाता है। इस प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत की वित्तीय प्रणाली लगातार मजबूत बनी हुई है […]
============== परम पिता परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में संसार के सभी मनुष्यों के पूवर्जों को वेदों का ज्ञान दिया था और आज्ञा की थी कि जीवात्मा व जीवन के कल्याण के लिए संसार की प्रथम वैदिक संस्कृति को अपनाओं व धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के मार्ग का अनुसरण करो। इस मार्ग पर चलने […]
– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” प्राचीन काल में संसार के सभी देशों में विवाह और संतान की उत्पत्ति को महत्व दिया जाता था। भारत में विवाह पर अग्नि की परिक्रमा करते समय वर कन्या “कहा करते थे- “पुयान विन्दावहे” । अर्थात बहुत प्राप्त करें। उस समय जनसंख्या कम रहती थी, अतः जनसंख्या में वृद्धि […]
मनोज ज्वाला गाजियाबाद ( ब्यूरो डेस्क) विश्व भर की रिलीजियस-मजहबी शक्तियों के लिए चुनौती बना अकेला धर्मधारी देश भारत जब से अंग्रेजी उपनिवेशवादी कांग्रेसी शासन से मुक्त हो कर हिन्दुत्ववादी भाजपाई सत्ता से शासित हो रहा है तब से इसके विरुद्ध भिन्न-भिन्न वैश्विक दुष्प्रचारों की आंधी से चल पडी है । अभी हाल ही में […]
============ आर्यसमाज का उद्देश्य संसार में ईश्वर प्रदत्त वेदों के ज्ञान का प्रचार व प्रसार है। यह इस कारण है कि संसार में वेद ज्ञान की भांति ऐसा कोई ज्ञान व शिक्षा नहीं है जो वेदों के समान मनुष्यों के लिए उपयोगी व कल्याणप्रद हो। वेद ईश्वर के सत्य ज्ञान का भण्डार हैं जिससे मनुष्यों […]
कबंध ने अपनी पराजय के पश्चात श्री राम और लक्ष्मण जी को यह बताया था कि यदि वह अपने मनोरथ में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें सुग्रीव नाम के वानर के साथ मित्रता करनी चाहिए। इंद्र पुत्र बाली ने क्रुद्ध होकर अपमानजनक ढंग से उसे राज्य से निकाल दिया है। वह वानर पंपा […]