(द्वारका प्रसाद चैतन्य – विनायक फीचर्स) अंग्रेजी में कहावत- ‘दि चाइल्ड इज ऐज ओल्ड ऐज हिज एनसेस्टर्स’ अर्थात् बच्चा उतना पुराना होता है जितना उसके पूर्वज। एक बार संत ईसा के पास आई एक स्त्री ने प्रश्न किया- बच्चे की शिक्षा-दीक्षा कब से प्रारंभ की जानी चाहिए? ईसा ने उत्तर दिया- गर्भ में आने के […]
Month: July 2024
सुशीला सिद्ध लूणकरणसर, राजस्थान “मैं चार माह की गर्भवती हूं. लगभग प्रतिदिन कोई न कोई समस्या आती है. जिसके जांच के लिए मुझे अस्पताल की ज़रूरत होती है. लेकिन यहां स्वास्थ्य केंद्र में न तो जांच की कोई सुविधा है और न ही दवा उपलब्ध है. जब भी यहां आती हूं मुझे लूणकरणसर जाने के […]
आजकल विदेशी वित्तीय एवं आर्थिक संस्थान भारत के आर्थिक मामलों में अक्सर अपनी राय देने से चूकते नहीं हैं। अभी हाल ही में सिटीग्रुप इंडिया ने भारत की अपने बढ़ते कार्यबल के लिए पर्याप्त मात्रा में नौकरियां सृजित करने की क्षमता के मामले में चिंता जताई थी और एक प्रतिवेदन में कहा था कि भारत […]
उस अशोक वाटिका में हनुमान जी ने एक ऊंचे उठे हुए गोलाकार भवन को देखा। यह भवन अत्यंत निर्मल था और ऊंचाई में आकाश से बातें करता था। उस भवन को देखते हुए हनुमान जी ने मैले वस्त्रों से युक्त रक्षसियों से घिरी हुई, उपवास करने से अत्यंत दुर्बल ,अत्यंत दु:खी , बार-बार लंबी सांस […]
*🌷 पुनर्जन्म -विवेचन 🌷*
एक शरीर को त्याग कर दूसरा शरीर धारण करना ही पुनर्जन्म कहाता है। चाहे वह मनुष्य का शरीर हो या पशु, पक्षी, कीट, पतंग आदि कोई भी शरीर। यह आवागमन या पुनर्जन्म एक शाश्वत सत्य है। जो जैसे कर्म करता है,वह वैसा ही शरीर प्राप्त करता है।धनाढ़य, कंगाल, सुखी,दुःखी, ऊँच, नीच आदि अनेक प्रकार के […]
हिन्दू तो असली पाकिस्तान का है जो वहां रहकर भी अपने को हिन्दू बोलता है अध्यापक : “सबसे अधिक हिन्दुओं वाला देश बताओ ?” छात्र : “पाकिस्तान !” अध्यापक (चौंककर) : “तो सबसे कम हिन्दुओं वाला देश कौन सा है ?” छात्र : “हिंदुस्तान !” अध्यापक (क्रोध में) : “कैसे ?” छात्र : “श्रीमान जी, […]
#डॉविवेकआर्य रावलपिंडी के समीप हिन्दुओं का एक छोटा सा गांव था। 500 के लगभग व्यसक होंगे। बाकि बच्चे, बुड्ढे। गांव के सरपंच रामलाल एक विशाल बरगद के नीचे बैठे थे। तभी मोहन भागता हुआ आया। बोला सरपंच जी, सरपंच जो। सरपंच जी कहा ,”क्या हुआ मोहन ? ” सरपंच जी मुझे पता लगा है यहाँ […]
========== संसार में तीन सनातन, अनादि, अविनाशी, नित्य व अमर सत्तायें हैं। यह हैं ईश्वर, जीव और प्रकृति। अमृत उसे कहते हैं जिसकी मृत्यु न हो तथा जिसमें दुःख लेशमात्र न हो और आनन्द भरपूर हो। ईश्वर अजन्मा अर्थात् जन्म-मरण धर्म से रहित है। अतः ईश्वर मृत्यु के बन्धन से मुक्त होने के कारण अमृत […]
सहज-सरल-सरस, गण्या प्रेरक प्रशस्या, आवाज खो गई, सब गौर से सुन रहे थे, सहसा वो खामोश हो गई ॥2701॥ *मुक्तक* विलक्षण व्यक्तित्त्व के संदर्भ में :- जब किसी पुण्यात्मा का, धरा पर प्रादुर्भाव होता है। काल की गति बदलती है, फिजा का रंग बदलता है। दिशाएँ गीत गाती हैं, सुयश की बयार बहती है, पौ […]
अनंत की शादी में समृद्धि का फूहड़ प्रदर्शन
(राकेश अचल-विभूति फीचर्स) धीरूभाई अंबानी के पौत्र अनंत अंबानी की शादी भारत में होने वाली शायद सबसे मंहगी और विशेष शादी है।इस शादी में अनंत के पिता मुकेश अंबानी केवल आसमान के तारे तोड़कर नहीं ला पाए अन्यथा धरती पर जितना कुछ संभव था उन्होंने कर दिखाया। मै अंबानी परिवार से वर्षों से जुड़ा हूं, […]