लेखक- ब्रह्मचारी इन्द्रदेव “मेधार्थी” (गुरुकुल झञ्जर) प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ समय-समय पर अनेक ऐसे लोकोत्तर महापुरुष हुये हैं जिन्होंने अपनी अद्भुत प्रतिभा एवं कर्मशीलता से संसार में मानवता की स्थापना की है। और ब्रह्मचर्य को अपने जीवन में धारण के साथ साथ लोक में भी प्रचार करने का यत्न किया है। किन्तु इस विषय में जितना […]
Month: June 2024
— सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” विश्व की सभी महाशक्तियां और ताकतवर देश संयुक्त राष्ट्र संघ एवं सुरक्षा परिषद द्वारा बनाएं नियम तो हैं ही, लेकिन प्रकृति के नियमों का भी उल्लंघन और अवहेलना कर रहे हैं ये शक्तिशाली देशों के नित परमाणु परीक्षणों, विस्फोटों के कारण अतिवृष्टि, अनावृष्टि और दूषित वायुमंडल हमें चेतावनी […]
** डॉ डी क गर्ग –भाग-11 नोट : प्रस्तुत लेखमाला ९ भाग में है ,ये वैदिक विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो के संपादन द्वारा तैयार की गयी है ,जिनमे मुख्य विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत, कार्तिक अय्यर, गंगा प्रसाद उपाधयाय प्रमुख है। कृपया अपने विचार बताये और फॉरवर्ड भी करें । बौध […]
प्रधानमंत्री श्री मोदी अपने दो कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। 10 वर्ष के अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जो कुछ किया है उसे स्वयं प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी ने देश के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि के रूप में जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया। उन्होंने देश के मतदाताओं को यह बताया […]
6 जून पर देवेंद्र सिंह आर्य अध्यक्ष उगता भारत समाचार पत्र की ओर से विशेष विशेष प्रस्तुति आज के महाराष्ट्र में नागपुर व उसके आसपास के क्षेत्र के राजा गुर्जर जाति के थे जो शिवाजी के वंशज थे। शिवाजी का गोत्र बैंसला था। जिसको आज बहुत से साथियों ने बिगाड़ करके बंसल कहने का प्रयास […]
दिलीप बीदावत बीकानेर, राजस्थान दुनिया भर में पर्यावरण एक अहम मुद्दा बनता जा रहा है. यह वह मुद्दा है जिस पर क्रियान्वयन कम और संपूर्ण सृष्टि पर इसका प्रभाव अधिक नजर आ रहा है. थार का पर्यावरण भी अति संवेदनशील है. जरा सी नकारात्मक छेड़छाड़ अथवा सकारात्मक पहल का प्रभाव बड़ा होता है. विकास के […]
जब पादरी बन गया था वैदिक धर्म का उपदेशक
पादरी आर्य उपदेशक बन गया (यह एक पादरी की सत्य कथा है। जिसमें पादरी ने सत्य का ज्ञान होते ही अपनी आत्मा के साथ न्याय करते हुए असत्य को त्याग कर न केवल सत्य मार्ग का वरण किया अपितु औरों को भी सत्य मार्ग बताने में अपने जीवन को समर्पित किया) यह घटना सन् 1954 […]
ऐ खुदा ! मैं इस काबिल तो नहीं,
‘ विशेष ‘ जब तुम्हें किसी सभा में सम्मानित किया जाय तो कृतज्ञता इस प्रकार ज्ञापित करें :- ऐ खुदा ! मैं इस काबिल तो नहीं, कि कोई दिल से नवाजे मुझे, लगता है तोफ़ा भेजा है तूने , यही सोचकर नज़रें मैंने झुका दीं। ऐ वाहिद! तू इतना बता मुझे, तुझे मेरी खूबी किसने […]
जिस समय दक्षिण भारत में शिवाजी महाराज का उदय हो रहा था , उस समय उत्तर भारत में मुगल सत्ता दिल्ली पर अपना अधिकार किए हुए थी । वैसे तो मुगलों के प्रत्येक शासक या बादशाह ने हिंदुओं के प्रति निर्दयता और निर्ममता का प्रदर्शन करने वाली नीतियों का अनुगमन किया , परंतु शिवाजी के […]
यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन – उगता भारत गतांक से आगे …. *जड़ सृष्टि की उत्पत्ति* सृष्टि के परिवर्तन और प्राणियों के उत्तम और अधम स्वभावों से जाना जाता है कि […]