हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विदेशी बैंकों में रखे भारत के 100 टन सोने को ब्रिटेन से वापिस भारत में ले आया गया है। यह सोना भारत ने ब्रिटेन के बैंक में रिजर्व के तौर पर रखा था और इस पर भारत प्रतिवर्ष कुछ फीस भी ब्रिटेन के बैंक को अदा करता रहा […]
Month: June 2024
एक गृहस्थी किस प्रकार अग्नि पुरुष के पदचिन्हों पर चल सकता है? क्राणा रुद्रेभिर्वसुभिः पुरोहितो होता निषत्तो रयिषाळमर्त्यः। रथो न विक्ष्वृृंजसान आयुषु व्यानुषग्वार्या देव ऋण्वति ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.58.3 (कुल मंत्र 676) (क्राणा) प्रकृति के कर्मों का प्रतिनिधि (रुद्रेभिः) ज्ञान और ऊर्जा देने वाले के साथ (वसुभिः) वास देने वाले के साथ (पुरोहितः) ब्रह्माण्ड के […]
नरेंद्र मोदी : हिंदूवाद से सत्तावाद की ओर
✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री आदरणीय मोहन भागवत और श्री इंद्रेश जी के बयानों के पश्चात मीडिया और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा ज़ोर पकड़ने लगी है कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के बीच “खटपट” चल रही है? यहां यह प्रासंगिक है कि श्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वप्रथम 2014 में “हिंदूवाद” के मुद्दे […]
👆 दिल्ली में पर्दे के पीछे तेजी से घट रही घटनाएं लोकसभा नतीजों के बाद साफ हो गया कि बीजेपी को सिर्फ 240 सीटें मिलेंगी. उस समय श्री मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह और नड्डा ने सोच-विचार कर निर्णय लिया कि वे विपक्षी दल में बैठेंगे। और घटक दलों से कहा गया कि आप अपना […]
(सत्यशील अग्रवाल-विभूति फीचर्स) यद्यपि भाजपा समर्थकों के लिए यह संतोष का विषय है कि मोदी सरकार ने तीसरी बार सत्ता संभाल ली है ,परन्तु जो लक्ष्य लेकर चुनाव लड़ा गया था, उससे बहुत नीचे मिली सफलता ने आम भाजपाइयों को निराश अधिक किया है। क्या जनता को एक देशभक्त, कर्मठ, विकास पुरुष पसंद नहीं आया? […]
– सुरेश सिंह बैस शाश्वत लो आ गया एक और वृद्धजन दिवस, हर वर्ष की तरह फिर परंपरागत रूप से समारोह और कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे और वृद्ध जनों को बुलाकर फूलों, मालाओं से लाद दिया जायेगा। उनके लिये बडी-बडी बातें एवं घोषणायें की जायेंगी। बस इसके बाद फिर वही ढर्रा चलता रहेगा लेकिन हकीकत […]
प्रवीण गुगनानी, सलाहकार, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, (राजभाषा) 9425002270 guni.pra@gmail.com श्री गुरुजी, माधव सदाशिव राव गोलवलकर शक्तिशाली भारत की अवधारणा के अद्भुत, उद्भट व अनुपम संवाहक थे। श्री गुरुजी के संदर्भ में “थे” शब्द कहना सर्वथा अनुचित होगा, वे आज भी पराक्रमी भारत, ओजस्वी भारत, अजेय भारत, निर्भय भारत, संपन्न-समृद्ध-स्वस्थ भारत व राष्ट्रवाद भाव के […]
प्रवीण गुगनानी, सलाहकार, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार 9425002270 ग्रीष्म की छूट्टियों में जब कि सामान्यतः लोग किसी पहाड़, पठार, ठंडे स्थान जैसे सुरम्य स्थान पर या होटल के वातानुकूलित कमरों में जाकर आराम करना पसंद करते हैं, तब देश का एक बड़ा वर्ग अपनी स्वरुचि से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अभ्यास वर्गों में जाकर पंद्रह-बीस […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार, राजभाषा 9425002270 डॉक्टर भीमराव रामजी अम्बेडकर यानि बाबा साहेब केवल किसी एक समुदाय या जाति विशेष में व्याप्त रूढ़ियों, कुरीतियों और बुराइयों हेतु ही चिंतित नहीं थे। बाबा साहेब। समूचे भारत के सभी वर्गों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु प्रयासरत रहते थे। इस नाते ही […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय में राजभाषा सलाहकार, guni.pra@gmail.com 9425002270 आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार […]