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उगता भारत न्यूज़

कार्यकाल कम ही क्यों न हो पर हो निर्णायक, हिन्दू समाज के लिए बड़ा सोचना होगा

दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक) मुस्लिम समाज की चालाकी कहें या हिन्दू समाज की अकर्मण्यता,एलन कुर्दी एक मुस्लिम बच्चा सबको स्मरण होगा जो समुद्र किनारे मृत अवस्था में तब मिला था जब मुस्लिम समाज बतौर शरणार्थी दूसरे देशों में घुसपैठ करना चाहते थे। विश्व उस बच्चे के प्रति संवेदना दिखाते हुए मुस्लिम समाज को अन्य […]

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स्वास्थ्य

मनुष्य स्वस्थ तो रहना चाहते हैं परंतु….

यह संसार ईश्वर ने बनाया है। इसलिए संसार में ईश्वर के नियम चलते हैं, उन नियमों का उल्लंघन कोई भी नहीं कर सकता। “जो लोग ईश्वर के नियमों का उल्लंघन करने का प्रयास करते हैं, उन्हें दंड स्वरूप अनेक प्रकार से दुख ही भोगना पड़ता है। इसलिए अधिक अच्छा तो यही है, कि ईश्वर के […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति अध्याय 333 वैदिक आर्यों की सभ्यता,जड़ सृष्टि से उत्पत्ति

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक से सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति-देवेंद्र सिंह आर्य (चैयर मैन- ‘उगता भारत ‘) गतांक से आगे … इस गति से प्रकृति के पाँचों कर्म उत्पन्न होते हैं।। अग्नि का गुण ऊपर आना है, इसीलिए अग्नि के परमाणु ऊपर […]

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बिखरे मोती

ज्ञान को गम्भीरता और चरित्र की उच्चता के संदर्भ में

‘विशेष शेर’: – ज्ञान की गहराई, चरित्रा की ऊँचाई, दिलों पर गहरी छाप छोड़ती हैं। एक लम्हा ऐसा भी आता है, जब ज़िन्दगी को, रुहानी राह की तरफ मोड़ती हैं॥2674॥ सोचो, यह कितना बढ़ा अज्ञान है? ऐ बशर ! जो तेरा नहीं है, उसे तू मेरा कहता है। खुदा का नाम तेरा था, तेरा है,तेरा […]

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इतिहास के पन्नों से

अफगानिस्तान का हिंदू वैदिक अतीत, भाग – 7 , भारत का सिकन्दर सम्राट ललितादित्य मुक्तापीड़*

* वीर सावरकर जी हिंदुओं की दिग्विजय के विषय में कहते हैं कि “साधारणतः सन् 550 के बाद हिंदू राजाओं ने सिंधु नदी को विभिन्न मार्गों से लाँघकर आज जिन्हें बलूचिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, हिंदूकुश, गिलगित, कश्मीर इत्यादि कहा जाता है और जो प्रदेश सम्राट अशोक के पश्चात् वैदिक हिंदुओं के हाथ से यवन, शक, हूण […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “पापों में वृद्धि का कारण ईश्वर द्वारा जीवों को प्राप्त स्वतन्त्रता का दुरुपयोग”

============= संसार में मनुष्य पाप व पुण्य दोनों करते हैं। पुण्य कर्म सच्चे धार्मिक ज्ञानी व विवेकवान् लोग अधिक करते हैं तथा पाप कर्म छद्म धार्मिक, अज्ञानी, व्यस्नी, स्वार्थी, मूर्ख व ईश्वर के सत्यस्वरूप से अनभिज्ञ लोग अधिक करते हैं। इसका एक कारण यह है कि अज्ञानी लोगों को कोई भी बहका फुसला सकता है। […]

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राजनीति

रचनात्मक राजनीति समय की जरुरत

सुरेश हिंदुस्थानी भारत एक लोकतांत्रिक है। इसका तात्पर्य यही है कि देश की जनता ही भारत की असली सरकार है। लोकसभा चुनावों के बाद अब देश में सरकार और विपक्ष की भूमिका भी तय हो गई है। जनता ने जहां नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए राजग को बहुमत दिया है, वहीं कांग्रेस के […]

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उगता भारत न्यूज़

आर्य वीर दल गौतम बुद्ध नगर का प्रशिक्षण शिविर हुआ आरंभ

ग्रेटर नोएडा। ( विशेष संवाददाता ) यहां स्थित महात्मा हंसराज आदर्श विद्यालय बंबावड दादरी गौतम बुध नगर मैं आर्य वीर दल चरित्र निर्माण शिविर का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर भाजपा के विधायक श्री तेजपाल सिंह नागर ने ध्वजारोहण कर प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आर्य समाज एक ऐसी […]

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राजनीति

सिंधिया और शिवराज पर भरोसे के निहितार्थ*

(राकेश अचल -विभूति फीचर्स) केंद्रीय मंत्री मंडल में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को शामिल करने के पीछे क्या वजह है यह जानने में लोगों की बड़ी दिलचस्पी है। भाजपा की यह दो हंसों की जोड़ी 2018 के विधानसभा चुनाव में आमने-सामने थी । तब महाराज यानि […]

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विविधा

कुमाऊनी बोली और भाषा से कैसे जुड़ेगी नई पीढ़ी?

श्रुति कपकोट, उत्तराखंड “बेडू पाको बारो मासा, नारायण ! काफल पाको चैता मेरी छैला” (बेडू तो बारह माह पकते हैं, लेकिन काफल तो केवल चैत माह में ही पकता है) उत्तराखंड के इस प्रसिद्ध कुमाऊनी लोकगीत को गाते हुए 95 वर्षीय बछुली देवी के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान तैरने लगती है. वह उत्साह […]

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