आत्माराम यादव पीव लोक कथाओं में नियति प्रधान, व्यक्ति प्रधान, समाज प्रधान एवं जाति प्रदान विशेषणों का आधिक्य देखने को मिलता है। कुछ रचनाएं व्यक्तिविशेष के माध्यम से उत्पन्न होती है तो कुछेक रचनाओं को जनसमुदाय द्वारा यथावत प्रस्तुत करने का चलन रहा है।व्यक्तिप्रधान रचनाओं का जन्म किसी कवि,लेखक की कृतियों-रचनाओं को आधार माना गया […]
Month: May 2024
आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी चित्रकूट उतर मध्य भारत का एक बेहद खूबसूरत शहर है। जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच विंध्य पर्वत और घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस जगह पर लोग आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ शांति की तलाश में आते हैं। त्रेता युग में भगवान श्री रामचंद्र जी के वन […]
“*कीट ,चांदनी रात के सेलानी*”
🌚🌕🦋🪲🦋 लेखक आर्य सागर तिलपता रात्रिचर कीट तितलियां जुगनू भंवरें करोड़ों वर्षों से चांद तारों के प्रकाश का प्रयोग नेविगेटर के तौर पर करते आ रहे हैं ।जिससे यह कीट रात्रि में आकाश में अपनी स्थिति गंतव्य का निर्धारण करते हैं। चंद्रमा के प्रकाश को यह अपनी पीठ पर लेते हैं एक खास एंगल के […]
निकाह यानी योनि का सौदा !!
निकाह यानी योनि का सौदा !! असदुद्दीन ओवैसी के बारे में सभी जानते हैं यह धूर्त व्यक्ति कट्टर जिहादी और हिन्दू द्वेषी है ,यह हिन्दुओं को नीचे दिखने के लिए कोई मौका नहीं छोडता ,आपको याद होगा कि जब संसद में तीन तलाक के बारे में बहस हो रही थी ,तो ओवैसी ने कहा था […]
मनुष्य शरीर में आत्मा का सर्वोपरि महत्व है। शरीर को आत्मा का रथ कहा जाता है और यह है भी सत्य। जिस प्रकार हम रथ व वाहनों से अपने गन्तव्य स्थान पर पहुंचते हैं उसी प्रकार से मनुष्य शरीर मनुष्य की आत्मा को उसके लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति कराता है। ईश्वर सर्वव्यापक होने से आत्मा […]
[यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधी पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमेन उगता भारत) गतांक से आगे… *नियमों से कारणों का पता* (2 ) यदि सारे शरीर में व्याप्त होती, तो शरीर के बढ़ने के साथ उसको भी […]
भक्ति के संदर्भ में ‘शेर’ ग़र ख़ून में बेवफाई हो, तो वफ़ा मिलती नहीं हैं। ग़र दिल की ज़मी बंजर हो, तो तेरे ईश्क की कली खिलती नहीं है॥2644॥ कब मिलती है मन की शांति सुकून -ए-दिल के लिए, तू दर – दर गया। मगर ये उसको मिला, जो रहबर हो गया॥2645॥ रहबर अर्थात् – […]
आजादी से पहले भारत की संसद को ‘केंद्रीय विधानसभा’ के नाम से जाना जाता था। जब देश का नया संविधान बनने लगा और उसके लिए पूरे देश से सदस्य चुनकर आए तो इसे ‘संविधान सभा’ के नाम से पुकारा गया। 26 जनवरी 1950 को जब देश का संविधान लागू हो गया तो इसका नाम ‘संसद’ […]
आज की आवश्यकता है जीवनशैली में बदलाव
(राजीव मिश्र – विभूति फीचर्स) आज का संकट संस्कृति एवं सभ्यता का संकट है। भारत अपनी संस्कृति एवं सभ्यता का उद्देश्य भूलकर पश्चिमी संस्कृति एवं सभ्यता में बह रहा है। यह भारत के लिए आत्म विश्वास खोने का संकट है। भारतीय सभ्यता की धारा सत्य, प्रेम, करुणा, परस्पर, सुख-दु:ख का बंटवारा एवं संयम पर जोर […]
आम आदमी पार्टी में हो सकती है बगावत
(सुभाष आनंद – विभूति फीचर्स) देश में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का अंतिम दौर नजदीक आता जा रहा हैं वैसे-वैसे पार्टियों में हलचल बढ़ती जा रही है। आम आदमी पार्टी जिन्होंने पंजाब में अपने आठ उम्मीदवारों के चुनाव लडऩे की घोषणा की थी उनमें से एक उम्मीदवार के बगावत करके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने […]