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उगता भारत न्यूज़

ओ३म् -आर्यसमाज देहरादून का साप्ताहिक सत्संग- “आर्यसमाज के सत्संग में आकर मनुष्य का जीवन बदल जाता है: शैलेशमुनि सत्यार्थी”

============ आज हमें देहरादून की मुख्य आर्यसमाज धामावाला के साप्ताहिक सत्संग में सम्मिलित होने का अवसर मिला। सत्संग का आरम्भ परम्परागत वैदिक यज्ञ से हुआ जिसके पुरोहित आर्यविद्वान पं. विद्यापति शास्त्री जी थे। यज्ञ के बाद भजन हुए। आर्यसमाज के पुरोहित जी एक प्रसिद्ध भजनोपदेशक भी हैं। उनके गाये हुए प्रमुख भजनों की एक सीडी […]

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आज का चिंतन

ब्रह्मा जी के मन से उत्पन्न हुए थे महान ऋषि मारीच

आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी सृष्टि के शुरुवाती दिनों में मरीचि नाम के एक महान ऋषि हुए थे । वे ब्रह्मा के मानस पुत्र तथा सप्तर्षियों में से एक थे। ये ब्रह्मा जी के मन से उत्पन्न हुए थे। मरीचि का शाब्दिक अर्थ चंद्रमा या सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरण है । और […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी दयानंद जी महाराज ने बताया भारतवासियों को उनका वास्तविक स्वरूप ,भाग 5

वास्तव में यह स्वामी जी महाराज के सात्विक प्रयास और पुरुषार्थ का ही परिणाम है कि उनके वैचारिक मानस पुत्रों के द्वारा इतनी शीघ्रता से आर्य समाज का इतना अधिक विस्तार कर दिया गया। इसके पीछे सात्विक आत्मिक शक्ति लगी हुई थी। जिसने लोगों को हृदय से प्रभावित किया और वह धड़ाधड़ आर्य समाज की […]

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बिखरे मोती

मानव जीवन कब धन्य होता है ?*

ईश्वर – प्रणिधान में, अपना समय गुज़ार। काल – कुल्हाड़ा शीश पें, कब करदे प्रहार॥2625॥ तत्त्वार्थ – ईश्वर प्रणिधान से अभिप्राय है प्रभु की शरणागत होना अर्थात भक्ति के साथ-साथ ऐसे कर्म करना जिनसे प्रभु प्रसन्न हो ,निष्काम-भाव से उन्हें प्रभु के चरणों समर्पित करना ऐसे प्रभु-प्रेम को योगदर्शन ने ईश्वर – प्रणिधान कहा है। […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति – 317 *वैदिक आर्यों की सभ्यता*

[यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधी पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमेन उगता भारत) गतांक से आगे… इसीलिए कहा है कि मोक्ष से अर्थ और काम को सहायता मिलती है। किन्तु प्रश्न यह होता है कि अर्थ काम […]

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इसलाम और शाकाहार

मुहम्मद ने कुरान कब और क्यों बनाई थी ?

मुस्लिम विद्वानों और इतिहासकारों ने यह दावा कर रखा है कि कुरान का पहला हिस्सा जिब्राईल नामका फरिश्ता आसमान से रमजान महीने की तारीख 27 को सन 610 में लेकर आया था ,उस समय रात थी , जिसे आज मुस्लिम लैलतुल ,कद्र कहते हैं ,उस समय मुहम्मद की आयु 40 साल थी , लेकिन यह […]

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आज का चिंतन

पौराणिक और आर्य समाजी में अन्तर

======================== बहुत से लोग हमसे पूछते हैं कि सनातनी पौराणिक हिन्दू और एक आर्य समाजी में क्या अंतर होता है ? तो उनके लिये हम ये मुख्य विचारधारा का अंतर यहाँ पर दिखा रहे हैं :- (१) पौराणिक हिन्दू १८ पुराणों को वेद से ऊपर मानता है और आर्य समाजी वेद को ही ईश्वरीय ज्ञान […]

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आओ कुछ जाने

मैंने इस्लाम क्यों छोड़ा

लेखक :डॉ आनंदसुमन सिंह पूर्व डॉ कुंवर रफत अख़लाक़ इस्लामी साम्प्रदाय में मेरी आस्था दृड़ थी | मै बाल्यकाल से ही इस्लामी नियमो का पालन किया करता था | विज्ञानं का विद्यार्थी बनने के पश्चात् अनेक प्रश्नों ने मुझे इस्लामी नियमो पर चिन्तन करने हेतु बाध्य किया | इस्लामी नियमो में कुरआन या अल्लाहताला या […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “ईश्वर की उपासना का महत्व जानें व इसका ज्ञानपूर्वक पालन करें”

============ उपासना क्या है और इसे क्यों करना चाहिये? उपासना करने के क्या लाभ हैं? यह विषय किसी भी मनुष्य के लिए उपेक्षणीय नहीं है। उपासना पास बैठने को कहते हैं। हम अपनी माता की गोद में होते हैं तो हमें माता का स्नेह तथा उससे ज्ञान प्राप्त होता है। माता हमारी क्षुधा निवृति सहित […]

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आज का चिंतन

भागवत कथा रहस्य* भाग-४

* डॉ डी के गर्ग निवेदन: कृपया अपने विचार बताये और शेयर करें। वराह अवतार कथा पौराणिक कथा : पुरातन समय में दैत्य हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को ले जाकर समुद्र में छिपा दिया तब ब्रह्मा की नाक से भगवान विष्णु वराह रूप में प्रकट हुए। भगवान विष्णु के इस रूप को देखकर सभी देवताओं […]

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