पण्डित शिवकुमार शास्त्री (भूतपूर्व संसद्-सदस्य) परमात्मा सर्वशक्तिमान्, सर्वव्यापी और अन्तर्यामी है, अतएव यह निराकार है। हेतु यह है कि साकार वस्तु सीमाबद्ध रहेगी और जो चीज सीमित होगी उसके गुण और कर्म भी सीमित ही रहेंगे । जिसकी शक्ति सीमा में होगी वह सर्वशक्तिमान् कैसे हो सकता है? यह ठीक है कि प्रत्येक निराकार सर्वशक्तिमान् […]
Month: May 2024
• • वेद की सम्मति में एक बार पति-पत्नी रूप में जिसका हाथ पकड़ लिया, जीवन भर उसी का हो कर रहना चाहिये • • Vedas : not in favour of Divorce • आचार्य प्रियव्रत वेदवाचस्पति वैदिक धर्म में तलाक की भी जगह नहीं हैं। वर-वधू को विवाह से पूर्व भली-भाँति देख-भाल और पड़ताल करके […]
जीवन का अन्तिम लक्ष्य क्या है? एष प्र पूर्वीरव तस्य चम्रिषोऽत्यो न योषामुदयंस्त भुर्वणिः। दक्षं महे पाययते हिरण्ययं रथमावृत्या हरियोगमृभ्वसम्।। ऋग्वेद मन्त्र 1.56.1 (एषः) वह, दाता तथा इन्द्रियों का नियंत्रक (प्र – उदयंस्त से पूर्व लगाकर) (पूर्वीः) पूर्ण रूप से (अव – उदयंस्त से पूर्व लगाकर) (तस्य) उसके लिए (परमात्मा की अनुभूति के लिए) (चम्रिषः) […]
ओ३म् !!!—: घोर घने वन में :—!!
=============== एक बार विदुर जी संसार भ्रमण करके धृतराष्ट्र के पास पहुँचे तो धृतराष्ट्र ने कहा, “विदुर जी ! सारा संसार घूमकर आये हो आप, कहिये कहाँ-कहाँ पर क्या देखा आपने ?” विदुर जी बोले, “राजन् ! कितने आश्चर्य की बात देखी है मैंने। सारा संसार लोभ शृंखलाओं में फँस गया है। काम, क्रोध, लोभ, […]
धुंआधार किया प्रचार (पवन वर्मा – विनायक फीचर्स) डॉ. मोहन यादव जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में 5 महीने पहले शपथ ले रहे थे, तब प्रदेश की जनता के मन में कई सवाल उमड़े थे। सवाल कई तरह के थे कि क्या तीन बार के विधायक रहे यादव प्रदेश की सियासत पर छा […]
गाजियाबाद ।( ब्यूरो डेस्क ) प्रधानमंत्री श्री मोदी अपने दो कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। 10 वर्ष के अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जो कुछ किया है उस पर निश्चय ही देश के इतिहास को गौरव की अनुभूति होगी। उन्होंने देश को प्रत्येक क्षेत्र में स्वाभिमान से भरने में किसी प्रकार की कमी […]
#डॉविवेकआर्य आजकल इस्लामिक लेखकों में एक होड़ लगी है। वेदों के आधार पर मुहम्मद साहिब को वेदों में सिद्ध करने का प्रयास। ऐसा प्रयास अबू मुहम्मद इम्माउद्दीन ने श्री वेद दिग्दर्शन , मुहम्मद फारूकखां ने वेद और क़ुरान, डॉ वेद प्रकाश उपाध्याय ने कल्कि अवतार और मुहम्मद आदि पुस्तकों के माध्यम से किया हैं। इन […]
‘योगदर्शन’ में तो अतिशीघ्र मन की एकाग्रता प्राप्त करने का सरल सीधा साधन ओ३म् का जप और ओ३म् के अर्थ का चिन्तन बतलाया है। ‘योगदर्शन’ के समाधिपाद में लिखा है: तज्जपस्तदर्थभावनम् । ―(योगदर्शन १ । २८ ) ‘उस ओ३म् का जप और उस ओ३म् के अर्थभूत ईश्वर का पुन:-पुन: चिन्तन करना चाहिये।’ इस ओ३म् का […]
– सुरेश सिंह बैस शाश्वत हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन ही यह त्यौहार भी मनाया जाता है। यह खासकर कायस्थ वर्ग में अधिक प्रचलित है। […]
=========== आर्यसमाज के शीर्ष विद्वान् एवं समर्पित ऋषिभक्त आचार्य पं. वेदप्रकाश श्रोत्रिय जी अब नहीं रहे। शनिवार दिनांक 11-5-2024 की रात्रि लगभग 1.00 उनकी मृत्यु का समाचार फेसबुक पर उनके भक्तों द्वारा डाली गई कुछ पोस्टों से ज्ञात हुआ। आचार्य श्रोत्रिय जी आर्यसमाज के शीर्ष विद्वान् एवं ऋषिभक्त एक अद्वितीय विद्वान थे। वह धारा प्रवाह […]