राजनीतिज्ञ को वर्तमान परिस्थितियों में अपना स्वार्थ सिद्ध करना प्राथमिकता पर दिखाई देता है। जबकि राजनेता को राष्ट्रहित दिखाई देता है। राजनीतिज्ञ अपने निहित स्वार्थ की राजनीति करता है। जब कि राजनेता देश के और राष्ट्र के भविष्य निर्माण की योजना में निमग्न रहता है। यही कारण है कि जहां राजनीतिज्ञ छोटी-छोटी बातों को तूल […]
महीना: अप्रैल 2024
Dr DK Garg बचपन में महाशय मामचंद भजनीक एक भजन सुनाया करते थे अखिल विश्व कल्याणकारी,वेद सभा घर घर हो, ओम पताका फैराए जो, आर्य समाज अमर हों मुझे पिताजी अपने साथ पारायण यज्ञ में ले जाया करते थे और गुरुकुल के ब्रह्मचारियों का वेद पाठ मुझे प्रभावित करता था,इसी आलोक में मैं पीछे 18 […]
(स्वामी गोपाल आनन्द बाबा – विभूति फीचर्स) हिमाचल प्रदेश की अत्यन्त मनोरम वादी मनाली व कुल्लू घाटी की महादेवी व इस क्षेत्र के शासकों की कुलदेवी हैं. हिडि़म्बा। जिनका सुप्रसिद्ध मंदिर मनाली में है। हि =अम्बा, डि=वनी और अम्बा = दुर्गा अर्थात् वन दुर्गा हैं हिडिम्बा। उक्त मंदिर विशाल प्राचीनता लिए हुए हैं। वर्तमान मंदिर […]
डॉ. गुलाबचंद कोटडिय़ा- विभूति फीचर्स विटामिन साधारणतया 4 प्रकार के ही अभी चिन्हित किए गए है। ए.बी.सी और डी। इन चारों में सारी शक्तियां व गुण समाहित होते हैं जिन्हें मनुष्य अपने शरीर के लिए चाहता है। इन विटामिनों की द्रव्य या गोलियां बनी बनाई बाजार में उपलब्ध है। इसके अलावा मजाक में एक और […]
उत्तर — जी हां, अवश्य करना चाहिए। जब किसी संस्था में वार्षिक उत्सव आदि अवसर पर 100 / 200 व्यक्ति उपस्थित हो जाते हैं, और आप उन्हें भोजन खिलाते हैं, तो उस समय वे सभी लोग क्या एक ही थाली में भोजन खाते हैं? या सबके लिए अलग-अलग 100 / 200 थालियां लगाई जाती हैं? […]
मोहन लाल गमेती उदयपुर, राजस्थान “हमें हर महीने की पहली से तीन तारीख के बीच राशन मिल जाता है. यदि कभी लेट होता है तो मेरे पोता और पोती राशन डीलर से नहीं मिलने का कारण पूछते हैं. मुझे तो कुछ नहीं पता है लेकिन मेरे घर की नई पीढ़ी बहुत जागरूक है. बच्चों ने […]
वर्ष 1991 में भारत के पास केवल 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बच गया था जो केवल 15 दिनों के आयात के लिए ही पर्याप्त था। वहीं, आज भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 65,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है एवं यह पूरे एक वर्ष भर के आयात […]
प्रेमप्रकाश शास्त्री (स्नातक गुरुकुल प्रभात आश्रम मेरठ ) जहां एक ओर राष्ट्र शब्द की उत्पत्ति राजृ दीप्तौ धातु और ष्ट्रन् प्रत्यय के योग से निष्पन्न होती है वहीं दूसरी ओर राष्ट्र में तद्धित शब्द और ईय प्रत्यय के जुड़ने से राष्ट्रीय शब्द बनता है । राष्ट्र […]
भारत सनातन है और सनातन ही भारत है। इन दोनों का अन्योन्याश्रित संबंध है । जिसे समझना प्रत्येक भारतीय के लिए आवश्यक है जो इस पहेली के रहस्य को समझ जाता है वह भारत को समझ जाता है और फिर उसे सनातन को समझने में भी देर नहीं लगती। जिस प्रकार सनातन और भारत का […]
शंका समाधान दिनांक 17/4/2024। नमस्ते स्वामी जी। स्वामी जी आयु या जीवन के संबंध में कठोपनिषद के एक मंत्र को लेकर शंका है, जो निम्न है। 1 )जीवात्मा को उसके कर्मों का फल जाति आयु भोग के रूप में मिलता है आयु के विषय में आप जैसे परम विरक्त विद्वानों से ही सुना है पढ़ा […]