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इतिहास के पन्नों से

*महाभारत की प्रमुख पात्र द्रौपदी की वास्तविक कथा* :

डॉ डी के गर्ग इस विषय से सम्बंधित पांच भाग है , कृपया जरूर पड़े ,विचार करे और कथाकारों की गप्प कथा से दूर रहे । भाग-१ द्रोपदी महाभारत की एक आदर्श पात्र है। लेकिन द्रोपदी जैसी विदुषी नारी के साथ हमने बहुत अन्याय किया है। सुनी सुनाई बातों के आधार पर हमने उस पर […]

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राजनीति

राजनीति में बदल रहे नैतिकता के मायने

सुरेश हिन्दुस्थानी भारतीय राजनीति में ऐसे कई उदाहरण दिए जा सकते हैं, जो आज भी नैतिकता के आदर्श हैं। लेकिन आज की राजनीति को देखकर ऐसा लगने लगा है कि नैतिकता की राजनीति दूसरा तो अवश्य करें, पर ज़ब स्वयं को नैतिकता की कसौटी पर परखने की बारी आए तब नैतिकता के मायनों को बदल […]

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मुद्दा

अलीबाबा और चालीस चोर की कहानी सुनी है

✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” बचपन में हम सभी ने “अलीबाबा और चालीस चोर” की कहानी पढ़ी और सुनी जरूर होगी। इस कहानी पर एक फ़िल्म भी बनी थी जिसमें महान अभिनेता धर्मेंद्र ने अलीबाबा की भूमिका निभाई थी। उस वक़्त इस कहानी को भले ही काल्पनिक मान लिया गया हो परन्तु आज के राजनीतिक परिवेश में […]

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इतिहास के पन्नों से

अब यह मिथक टूटना ही चाहिए कि देश को आजादी बिना खडग और बिना ढाल के ही मिल गई थी

भारत के इतिहास का सबसे बड़ा झूठ यह है कि आज की नई पीढ़ी को यह पढ़ाया जा रहा है कि देश को आजादी केवल गांधीवादी आंदोलन के कारण मिली। लहजें में गाने लिखवाये गये,”देदी हमे आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल,साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल। जबकि ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में दक्षिण अफ़्रीका […]

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भारतीय संस्कृति

अध्याय 7 …..तो क्या इतिहास मिट जाने दें कांति ,शांति, क्रांति और हिंदू

भारत की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है। इसी सभ्यता को यदि ‘विश्व सभ्यता’ कहा जाए तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसमें दो राय नहीं कि संपूर्ण विश्व समाज ने भारत की संस्कृति और सभ्यता से ही शिक्षा लेकर आंखें खोलीं। मैथिलीशरण गुप्त जी की ये पंक्तियां हमारे इतिहास के गौरवपूर्ण पक्ष को स्पष्ट करती […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्रान्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा के पत्र की बानगी

प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ, डॉ० विवेक आर्य (30 मार्च को श्याम जी का देहांत हुआ था।) यह कौन जानता था कि ४ अक्टूबर १८५७ को कच्छ रियासत के माण्डवी ग्राम के भंसाली परिवार में जन्मे श्यामजी कृष्ण वर्मा, १८५७ के संग्राम के बाद के पहले ऐसे क्रान्तिकारी बनेंगे जो बाद की पीढ़ी के लिए प्रेरणा के […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतीय इतिहास के महानायक गुरु तेग बहादुर

गुरु तेग़ बहादुर सिक्खों के नौवें गुरु थे। विश्व के इतिहास में धर्म एवं सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में इनका अद्वितीय स्थान है। तेग़ बहादुर जी के बलिदान से हिंदुओं व हिन्दू धर्म की रक्षा हुई। हिन्दू धर्म के लोग भी उन्हें याद करते और उनसे संबंधित कार्यक्रमों में […]

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विविधा

1 अप्रैल, मूर्ख दिवस‌ अप्रैल फूल पर विशेष- एक दिन हास परिहास‌ का भी जरूरी

सुरेश सिंह बैस शाश्वत अप्रैल फूल दिवस पश्चिमी देशों में प्रत्येक वर्ष पहली अप्रैल को मनाया जाता है। कभी-कभी इसे ऑल फूल्स डे के नाम से भी जाना जाता हैं। एक अप्रैल वैसे तो छुट्टी का दिन नहीं है परन्तु इसे व्यापक रूप से एक ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है, […]

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पर्व – त्यौहार

होली-पर्व : क्यों और कैसे मनाये* 6

डॉ डी के गर्ग पार्ट-6 होली के नाम पर फुहड़ता और महापुरुषों का चरित्र हनन का गंदा खेल– होली का पर्व सदियों पुराना और हमारे पूर्वजों की दूरदर्शिता का प्रतीक है क्योंकि इस पर्व के द्वारा बदलते मौसम में निरोगी रहने का अचूक उपाय सुझाया है इसलिए इस पर्व पर रात्रि को गांव के बाहर […]

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इतिहास के पन्नों से

लुम्बिनी का माया देवी मंदिर और उसके पास का बोधि वृक्ष,स्तम्भ और तालाब

डॉ. राधे श्याम द्विवेदी अवस्थिति:- शाक्य गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु के निकट उत्तर प्रदेश के ककरहवा नामक ग्राम से 14 मील और नेपाल-भारत सीमा से कुछ दूर पर नेपाल के अन्दर रुमिनोदेई नामक ग्राम ही लुम्बनीग्राम है, जो गौतम बुद्ध के जन्म स्थान के रूप में जगत प्रसिद्ध है। लुम्बिनी-दूधी मार्ग भारत के उत्तर प्रदेश […]

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