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राजनीति

इंडिया गठबंधन की रैली और नेताओं का बेसुरा राग

-ललित गर्ग- दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी गठबंधन इंडिया की लोकतंत्र बचाओं महारैली में जुटे 28 दलों के नेता आगामी लोकसभा चुनाव की दृष्टि से कोई प्रभावी संदेश देने में नाकाम रहे हैं। भले ही चुनाव के ठीक पहले विपक्षी दलों ने इसके जरिए अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने में कामयाबी हासिल की हो। लेकिन […]

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आज का चिंतन

*द्रौपदी का चीर हरण* –1

डॉ डी के गर्ग (साभार -आर्य मनतव्य वेबसाइट) महाभारत में द्रौपदी के “चीर हरण ” जैसी कुत्सित और भ्रष्ट आचरण की कथा कथाकार बहुत विस्तार से सुनाते है जैसे की सम्पूर्ण घटना उनके सामने हुई है। मेरे विचार से द्रौपदी का चीर हरण दुर्योधन ने नहीं किया बल्कि आजकल के कथाकारों और नकली लेखकों ने […]

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विविधा

विज्ञान के युग में अंधविश्वास की जगह नहीं

संजना चोरसौ, उत्तराखंड 08 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर खगोलशास्त्रियों में जहां उत्साह है तो वहीं परंपरा और मान्यताओं को प्राथमिकता देने वालों में बेचैनी भी है. हालांकि वैज्ञानिकों ने स्पष्ट कर दिया है कि करीब 50 साल बाद लंबी अवधि के लिए लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं […]

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आज का चिंतन

*द्रौपदी का चीर हरण* –२

डॉ डी के गर्ग (साभार -आर्य मनतव्य वेबसाइट) श्रीकृष्ण के चमत्कार–इस प्रसंग में श्रीकृष्ण के चमत्कार को दर्शाने के लिए भी मनगढ़ंत बात गढ़ी हैं।यदि कृष्ण ने साडी देकर नग्न होने से बचाया इसका मतलब ये हुआ की द्रौपदी अर्धनग्न हो चुकी थी ? तभी क्यों नहीं बचा लिया ? या फिर जब दुःशासन बाल […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

….तो क्या इतिहास मिट जाने दें, अध्याय 10 , ओमप्रकाश राजभर और महाराजा सुहेलदेव की आत्मा

सुहेलदेव भारतीय इतिहास के एक ऐसे महानायक हैं जिन पर प्रत्येक भारतीय को गर्व होना चाहिए। उन्हीं के नाम पर उत्तर प्रदेश में ओमप्रकाश राजभर नाम के एक नेता सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी चलाते हैं। वास्तव में सुहेलदेव इस समय राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका राजनीति में सिद्धांत क्या है ? – […]

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आज का चिंतन

किसने नदियों और वनों को गर्जने के योग्य बनाया?

किसने नदियों और वनों को गर्जने के योग्य बनाया? क्या कोई व्यक्ति युद्धों, विवादों या पापों में फंसना चाहता है? हमें परमात्मा की संगति क्यों करनी चाहिए? मानोअस्मिनमघवन्पृत्स्वंहसिनहितेअन्तः शवसः परीणशे। अक्रन्दयोनद्यो३ रोरुवद्वनाकथा न क्षोणीर्भियसासमारत।। ऋग्वेदमन्त्र 1.54.1 (मा) नहीं (नः) हमें (अस्मिन) यह (मघवन्) समस्त सम्पदाओं का दाता (पृत्सु) युद्धों में, विवादों में (अंहसि) पापों में […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

4 अप्रैल: जामा मस्जिद में स्वामी श्रद्धानन्द जी द्वारा वेद-मन्त्र पाठ स्मृति दिवस

04 अप्रैल का दिन था वर्ष ईस्वी सन् 1919 शुक्रवार था, जुम्मा था जुम्मे की सामूहिक नमाज जामा-मस्जिद में दी जानी थी अतः बहुत भीड़ थी लोग अंग्रेजों द्वारा की गई अन्धाधुन्ध गोलोबारी से परेशान थे अतः हिन्दू-मुस्लिम शहीदों की प्रार्थना सभा का आयोजन जामा-मस्जिद में किया गया था | . शुद्धि आन्दोलन के अग्रणी, […]

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इतिहास के पन्नों से

छत्रपति शिवाजी महाराज का राजा जय सिंह के नाम पत्र

पत्र जो बांह फडका दे ! वीरवर छत्रपति शिवाजी की पुण्य तिथि 4 अप्रैल पर शत शत नमन औरंगजेब छत्रपति शिवाजी महाराज से इतना आतंकित था कि शायस्ता खान और अफजल खान के असफल हो जाने के बाद उसने आगरे के महाराज जय सिंह जिनके नाम पर जयपुर बसा है को बरगलाकर तैयार कर लिया […]

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भारतीय संस्कृति

वेद में पाप और क्षमा

शंका:- जब ईश्वर पाप को क्षमा नहीं करता तो फिर ये स्तुति व प्रार्थना किस एतबार से ईश्वर करवा रहा है अपने भक्त से क्या ईश्वर भक्तों को भ्रम में रखना चाहता है ? समाधान:- सर्वप्रथम आपने जो अर्थ दिया है इसे पूरा कर लेते हैं ताकि समझने में सरलता हो। अव नो वृजिना शिशीह्यृचा […]

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आओ कुछ जाने

*दुदुम्भी से बंब, बंब से नगाड़ा* ।

लेखक आर्य सागर खारी🖋️। कथित समृद्धि व आधुनिकता के शोर में लुप्त हो रहा है, नगाड़ों का नाद। रणभेरी ,दुदुम्भी व शंख यह सभी युद्ध वाद्य थे। तीनों का ही महाभारत में उल्लेख मिलता है कुरुक्षेत्र के मैदान में कौरव पांडव दल की ओर से यह युद्ध में बजाए जाते थे। सैन्य दल में ऊर्जा […]

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