सुरेश हिन्दुस्तानी देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों में बयानों की आंधी सी चल रही हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने आपको आम जनता का हितैषी सिद्ध करने का प्रचार कर रहे हैं। इन बयानों में कहीं कहीं राजनीति की मर्यादा का भी उल्लंघन भी होता दिख रहा है। चुनाव […]
महीना: अप्रैल 2024
आधुनिक राम-काव्य का महत्व (डॉ. परमलाल गुप्त – विनायक फीचर्स) समस्त भारतीय साहित्य में राम-काव्य का महत्वपूर्ण स्थान है। संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, मराठी, उडिय़ा, बंगला, असमिया, हिन्दी आदि सभी भाषाओं में प्रचुर परिमाण में राम-काव्य की रचना हुई है। हिन्दी में उसके आदि काल से ही राम-काव्यों की भी बड़ी संख्या […]
(दुर्गाप्रसाद शुक्ल ‘आजाद’ – विभूति फीचर्स) श्रीराम का अलौकिक व्यक्तित्व भारतीय जनमानस पर विशाल वटवृक्ष के सदृश छाया हुआ है, जिसकी सुशीतल छाया में धर्म, आध्यात्म, नैतिकता, सच्चरित्रता तथा परोपकार आदि सद्ïगुण पलते और बृद्धि को प्राप्त होते हैं। वैदिक ऋषियों से लेकर नरेन्द्र कोहली तक के साहित्यिक सफर में रामकथा के इतने रूप हमारे […]
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति में उन देशों को प्राथमिकता दी गई है जो भारतीय धर्म, संस्कृति और इतिहास की परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के प्रति संकल्पित हैं । भारतीय मूल के प्रवासियों की संतानों के रूप में मॉरीशस की अधिसंख्य हिंदू जनसंख्या ने भारत के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करने में कभी […]
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ महर्षि दयानन्द अध्यात्म जगत के गूढ रहस्य को उद्घाटित करने वाले अध्यात्म मार्ग के प्रशास्ता दार्शनिक योगी ही नहीं थे केवल वह आदिभूत जगत के विज्ञान के सिद्धांतों के मर्मज्ञ ज्ञाता भी थे। महर्षि दयानंद का विज्ञान बोध भी उच्च कोटि का था। जिसकी झलकियां हमें उनके अमर ग्रंथ सत्यार्थ […]
बांसवाड़ा, 14 अप्रेल/चैत्र नवरात्रि में मेष संक्रांति के दिन ही सतुआन पर्व पर भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती सामाजिक समरसता दिवस पर इस्कान की बांसवाड़ा इकाई के तत्वावधान में रविवार को इस्कान केन्द्र पर अभय गोरांग प्रभु की अगुवाई में हुए बहुआयामी कार्यक्रम में श्रृद्धा-भक्ति का ज्वार उमड़ आया। इस अवसर पर अपने प्रवचन […]
(राकेश अचल -विभूति फीचर्स) भारत की सियासत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का सम्मान जनक स्थान है।वे ऐसे नेताओं में से एक थे जिनके अपनी पार्टी के साथ साथ दूसरे दलों के नेताओं से भी बहुत अच्छे रिश्ते रहे।आज भी राजनीति मेंअटल जी का नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है ।अटल जी […]
डॉ डी के गर्ग 5.कर्ण को सूर्य पुत्र क्यों कहा? माता कुंती ने करूड़ ऋषि के आश्रम में विद्या अध्ययन किया था। श्वेत मुनि भी अपने समय के एक महान ऋषि हुए हैं। जिन दोनों के संयोग से कर्ण पैदा हुआ था। सामाजिक लोक लिहाज के कारण कुंती ने कर्ण को गंगा नदी के मार्ग […]
बेबी कंवर लूणकरणसर, बीकानेर राजस्थान एक अप्रैल से राजस्थान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहयोगिनियों और सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है. इससे आंगनबाड़ी से जुड़े सदस्यों को काफी लाभ पहुंचेगा. इस वक़्त पूरे राज्य में 62,020 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. जिसके माध्यम से लाखों बच्चों और गर्भवती […]
देवयज्ञ का अर्थ है अग्निहोत्र और विद्वानों का संग एवं सेवा आदि | अग्निहोत्र का समय सूर्योदय के पश्चात् सूर्यास्त के पूर्व है | अग्निहोत्र के लिए निम्न उपकरणों की आवश्यकता है- १. एक धातु अथवा मिट्टी की चौकोर वेदी इस प्रकार बनवा लें कि ऊपर जितनी चौड़ी हो उतनी ही गहरी हो, परन्तु नीचे […]