एक ईसाई बंधु ने आर्य विचारों पर यह आक्षेप किया है कि ईश्वर जब कर्मों का फल देता है तो वह न्यायकारी तो हो सकता है, परन्तु, दयालु कैसे कहला सकता है? क्योंकि दया का अर्थ है दण्ड दिये बिना क्षमा कर देना और न्याय का अर्थ है। कर्मों के फल को बिना घटाए या […]
महीना: अप्रैल 2024
रखना इतना ध्यान अब देश न जाए हार जाति-पांति मत पंथ धन देना सभी बिसार। रखना इतना ध्यान सब देश न जाए हार। उठा तर्जनी ध्यान से मान सुदर्शन चक्र। बढ़े मान-सम्मान सुख भाग्य न होगा वक्र। बटन दबा सम्मान से रखकर साथ विवेक। राष्ट्रदेव आराध ले तज कर स्वार्थ अनेक। शक्ति बड़ी है वोट […]
सुरेश हिंदुस्तानी भारत में एक समय ऐसा भी था ज़ब राजनीति से आम जनमानस का विश्वास समाप्त होता जा रहा था। राजनीतिक दलों से जो अपेक्षा थी, सब जनता की इन अपेक्षाओं पर पानी फेरते दिखाई दे रहे थे। उस समय देश की यह अवधारणा बन गई थी कि अब भारत की राजनीति ऐसे ही […]
दसों गुरू और भक्त जन जिनकी वाणी गुरू ग्रन्थ साहब में दर्ज है, मांस शराब आदि के सेवन को महापाप मानते थे। आइये हम सभी जन गुरु की शिक्षाओं पर चलते हुए अपने जीवन में मद्य मांसादि का सेवन कदापि न करने का संकल्प लें जिससे कि इस पर्व को मनाना वास्तव में सार्थक हो […]
‘ कितना विशाल था , ‘वासुकी इंडिकस’ सांप ?🐍 वर्ष 2004 में भारत के जीवाश्म वैज्ञानिकों के दल ने गुजरात के कच्छ की कोयले की खदान से एक सरीसृप जीव की रीढ़ की हड्डियों के जीवाश्म एकत्रित किए जीवाश्म तो एकत्रित कर लिए गए लेकिन उन जीवाश्म पर कोई अध्ययन नहीं किया गया अब वर्ष […]
जेपी मिश्रा- विभूति फीचर्स आधुनिक युग में वातावरण इतना ज्यादा दूषित बना हुआ है कि हर घर में कोई न कोई रोगी जरूर मिल रहा है। एक व्यक्ति में एक ही रोग नहीं बल्कि बहुत सारे रोगों से ग्रसित है। कब्ज, गैस, जुकाम, बुखार, सिरदर्द तो आम बात है। साथ ही दमा, मधुमेह, बवासीर क्षय, […]
हनुमान जयंती* (पंडित विशाल दयानंद शास्त्री -विभूति फीचर्स) हनुमान जयंती भारत में हर साल, हनुमान जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। भारतीय हिन्दी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर साल चैत्र पूर्णिमा को(चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में 15वें दिन) मनाया जाता है। महाराष्ट्र में, यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र […]
डॉ राकेश कुमार आर्य सन 1674 तक शिवाजी अधिकांश प्रांतों या क्षेत्रों पर अपना अधिकार स्थापित कर चुके थे जो उन्हें पुरंदर की संधि के अंतर्गत मुगलों को देने पड़े थे । अतः अब वह अपने आपको राजा घोषित कराने की तैयारी करने लगे थे । उधर मुगलों ने जब शिवाजी महाराज के उद्देश्यों को समझा […]
फूलदेव पटेल मुजफ्फरपुर, बिहार “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है. खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर लेते हैं, लेकिन तैयार फसलों की कटाई के समय बहुत दिक्कत होती है. एक मजदूर को कम-से-कम चार सौ रुपये चुकाना पड़ता है. मजदूर केवल फसलों की कटाई करके चले जाते हैं और […]
सरकारी भ्रष्टाचार की सजा भुगतते शिक्षक (पूरनचंद्र शर्मा-विनायक फीचर्स) कलकत्ता हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने ममता बनर्जी सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए वर्ष 2016 के एसएससी शिक्षक भर्ती के पूरे पैनल को रद्द कर दिया।इससे बंगाल के लगभग 25 हजार शिक्षकों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ेगा।शिक्षकों को चार हफ्ते के […]