डॉ डी के गर्ग पार्ट-3 प्रश्न एवं उत्तर प्रश्न-१ होली पर्व पर उत्तर भारत में जौ की बालियाँ अग्नि में क्यों भूनते हैं ? उत्तरः इसका वैज्ञानिक महत्व है। होली पर्व के आसपास कभी-कभी वर्षा का डर बना रहता है और इस समय वर्षा होने से फसल को भारी नुकसान होगा। आपने देखा होगा कि […]
महीना: मार्च 2024
दीपमाला पाण्डेय साल 2023 में पृथ्वी की औसत भूमि और महासागर की सतह का तापमान 20वीं सदी से 2.12 डिग्री फ़ारेनहाइट (1.18 डिग्री सेल्सियस) अधिक था। यह आंकड़ा साल 1850 से अब तक रिकॉर्ड किया गया उच्चतम वैश्विक तापमान है। इसने, इससे पहले अब तक के सबसे गर्म वर्ष, 2016 को 0.27 डिग्री फ़ारेनहाइट (0.15 […]
ललित गर्ग लोकसभा चुनावों जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, कई नेताओं की ज़ुबान फिसलती जा रही है, वे राजनीति से इतर नेताओं की निजी ज़िंदगियों में तांक-झांक वाले, धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले ऐसे बोल बोल रहे हैं, जो न सिर्फ़ आपत्तिजनक हैं, बल्कि राष्ट्र-तोड़क है। चुनावी रैलियों में जनता के सामने अपने […]
किस व्यक्ति को परमात्मा की निकट मित्रता प्राप्त होती है और कैसे? कौन व्यक्ति अपने नाम, रूप और विचारों के अहंकार का नाश कर सकता है? नाम, रूप और विचारों के मूल अहंकार का नाश करने के लिए कौन सा पथ है? युधा युधमुप घेदेषि धृष्णुयापुरापुरंसमिदंहंस्योजसा। नम्या यदिन्द्र सख्या परावतिनिबर्हयोनमुचिं नाम मायिनम्।। ऋग्वेदमन्त्र 1.53.7 (युधा […]
अकबर के दरबार का चित्र अनुच्छेद 308 से 323 में संघराज्य सेवाओं को दिखाने के लिए अकबर के दरबार को भी स्थान दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि भारत के लोग सांप्रदायिक सोच से अब ऊपर उठेंगे और आपस में इतिहास पुरुषों के प्रति भी समन्वय बनाकर आगे बढ़ेंगे परंतु यह दायित्व किसी एक […]
वेद वाणी सत्सङ्ग का महत्व है कि – हम पृथ्वी को यज्ञ करने का स्थान समझे हम वनस्पति की हिंसा करने वाले न हो! सत्सङ्ग हम पर ज्ञान वर्षा करे, हम सत्सङ्ग में अवश्य जाये इनसे तो हमारा शत्रु भी वञ्चित न हो! (पृथिवी देवयजन्योषध्यास्ते मूलं मा हिंसिषं व्रत गच्छ गोष्ठानं वर्षतु ते द्यौर्बधान देव […]
त्र्यंबक राव की मृत्यु के बाद मराठों के खिलाफ बंगश का गठबंधन टूट गया। मुगल बादशाह ने उन्हें मालवा से वापस बुला लिया और जय सिंह द्वितीय को मालवा का गवर्नर नियुक्त किया। हालाँकि, मराठा प्रमुख होल्कर ने 1733 में मंदसौर की लड़ाई में जय सिंह को हराया था । दो और लड़ाइयों के बाद, […]
संत अतरसिंह जी का जन्म 28 मार्च, 1866 को ग्राम चीमा (संगरूर, पंजाब) में हुआ था। इनके पिता श्री करमसिंह तथा माता श्रीमती भोली जी थीं। छोटी अवस्था में वे फटे-पुराने कपड़ों के टुकड़ों की माला बनाकर उससे जप करते रहते थे। लौकिक शिक्षा की बात चलने पर वे कहते कि हमें तो बस सत्य […]
** डॉ डी के गर्ग पार्ट- २ पौराणिक मत में कथा इस प्रकार है―होलिका हिरण्यकश्यपु नाम के राक्षस की बहिन थी। उसे यह वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी। हिरण्यकश्यपु का प्रह्लाद नाम का आस्तिक पुत्र विष्णु की पूजा करता था। वह उसको कहता था कि तू विष्णु को न पूजकर मेरी पूजा […]
डॉ डी के गर्ग भाग 1 पौराणिक मान्यता: सरस्वती ज्ञान, संगीत, बहते पानी, प्रचुरता और धन, कला, भाषण, ज्ञान और सीखने की हिंदू देवी है। देवी लक्ष्मी और पार्वती के साथ त्रिदेवियों में से एक हैं । देवी के रूप में सरस्वती का उल्लेख ऋग्वेद में है ।देवी की चार भुजाएं है ,जिनमें चार प्रतीक […]