असम के इतिहास से सबक 13वीं शताब्दी में असम के शासक ब्रह्मपुत्र और खूबसूरत जंगलों के राज्य असम पर सदियों तक हिंदू राजाओं का शासन रहा। 13वीं शताब्दी में ही बख्तियार खिलजी ने असम पर आक्रमण किया था। उनकी विजय में एक परिवर्तित हिंदू ने मदद की थी। उन्होंने टेस्टा नदी के पत्थर के पुल […]
Month: February 2024
जहर के व्यापारी- 2 फरवरी को पुणे की यूनिवर्सिटी में एक नाटक का मंचन किया गया जिसमें माता सीता को सिगरेट पीते हुए और गाली देते हुए दिखाया गया। यह सब अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किया गया है। सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी ( Savitribai Phule Pune University) के ललित कला केंद्र के प्रमुख […]
#डॉविवेकआर्य अकबर घोर विलासी, अय्याश बादशाह था। वह एक ओर हिन्दुओं को मायाजाल में फंसाने के लिए “दीने इलाही” के नाम पर माथे पर तिलक लगाकर अपने को सहिष्णु दिखाता था, दूसरी ओर सुन्दर हिन्दू युवतियों को अपनी यौनेच्छा का शिकार बनाने की जुगत में रहता था। दिल्ली में वह “मीना बाजार” लगवाता था। उसमें […]
नेहरू गुरुकुलों को दकियानूसी की पिछड़ी विचारधारा या मानसिकता का प्रतीक मानते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा जहां ‘हिंदुस्तानी’ को प्रोत्साहित करने और साथ – साथ हिंदी का भी ध्यान रखते हुए संस्कृत को महत्व देने की बात कही गई, वहीं उनकी नीतियों के चलते व्यवहार में इसका उल्टा परिणाम देखने को मिला। हुआ […]
Sita Ram Goel Dayananda was deeply pained by the humiliations suffered by his people which were caused by the military government’s repression and debased Christian harangues against Hinduism. His first priority was to restore his people’s pride in their country and their cultural heritage. Centuries of foreign invasions had sunk Hindu society into poverty, sloth […]
गाजियाबाद,सोमवार 5 फरवरी 2024, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में ‘वीर हकीकत के बलिदान की प्रासांगिकता ” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।य़ह कोरोना काल से 615 वां वेबिनार था। वैदिक विदुषी आचार्या श्रुति सेतिया ने कहा कि यूं तो सभी लोग इस नश्वर जगत में पैदा होते हैं,जीते हैं और अंत […]
वेद रूपी समुन्द्र में जितने गोते लगाओगे उतनी बार मोती मिलेगा-सांसद डा सत्य पाल मनुष्य की हर परेशानी का हल दयानंद ने दिया-आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक महर्षि दयानन्द ने अपनी विचार धारा का आधार वेद को बनाया-स्वामी आर्यवेश गाजियाबाद,रविवार,04-02- 2024 को जिला आर्य प्रतिनिधि सभा एवं आर्य केन्द्रीय सभा के संयुक्त तत्वावधान में महर्षि दयानंद यशोगाथा […]
दिव्य अग्रवाल काशी ज्ञानवापी , व्यास जी तयखाना पूजा के सम्बन्ध में कुछ तथ्य को समझना आवश्यक है । तयखाना अर्थात गर्भ गृह जहाँ पर नियमित पूजा , संकीर्तन आदि चलता रहे , व्यास परिवार पिछले तीन से चार शतकों से अधिक उक्त स्थान पर नियमित पूजा करता आ रहा है जिसको अयोध्या आंदोलन के […]
तहलका वाला तरुण तेजपाल याद है? अभी कुछ दिन पहले अखबार के एक कोने में उसका माफीनामा छपा है। कहानी इस प्रकार है। मार्च 2001 में अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री थे फिर कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने तहलका के संपादक तरुण तेजपाल को अटल सरकार को बदनाम करने की सुपारी दिया और कांग्रेस ने यह […]
” क्या मूर्ति पूजा और प्राण प्रतिष्ठा वेद संगत नहीं है ” कोई मूर्तियों को ईश्वर पर ध्यान केन्द्रित करने का साधन बताता हैं तो कोई यह तर्क देता हैं की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात ईश्वर स्वयं मूर्तियों में विराजमान हो जाते हैं। जो इस प्रकार कहते हैं उनसे निवेदन है कृपया आप हमें वेद […]