Categories
आज का चिंतन

मन ही मनुष्यों के बंधन और मुक्ति का कारण है

डॉ विवेक आर्य राजा जनक ब्रह्म विद्या में पारंगत विद्वान माने जाते थे। दूर दूर से लोग उनके पास धर्म सम्बन्धी जिज्ञासा का समाधान करने आते थे। एक बार एक महात्मा व्यक्ति उनसे मिलने आये। उन्होंने चंचल मन के पाश से छूटने का उपाय पूछा। राजा जनक अपने स्थान से उठे और एक वृक्ष को […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर को जिम्मेदार ठहराते हैं एसडीएम दादरी आलोक कुमार गुप्ता

दादरी। किसी भी वाद में जब कोई प्रार्थना पत्र निस्तारण हेतु लगाया जाता है तो पहले उसी का निस्तारण किया जाता है, परंतु एसडीएम दादरी आलोक कुमार गुप्ता कानून और प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाने के लिए मशहूर है। एक मुकदमे में पोषणीयता का प्रार्थना पत्र इस अधिकारी के न्यायालय में दिया गया। स्पष्ट है कि […]

Categories
आओ कुछ जाने

प्राण प्रतिष्ठा –एक विवेचन* भाग 2

* (इस लेख का उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ,लेकिन इस विषय पर वैदिक विचार रखना भी जरुरी है ) डॉ डी के गर्ग भाग-2 कृपया अपने विचार बताये और सभी ग्रुप में शेयर करें योगदर्शन में मुख्य प्राण ५ बताए गए है जिनके नाम इस प्रकार है , १. प्राण […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

भारतीय स्वातंत्र्य में आर्यसमाज का योगदान

दैनिक वीर अर्जुन दिल्ली 9.4.61 में प्रकाशित श्री दीवान अलखधारी जी का लेख, पृ. 9 – -आचार्य सत्यप्रिय शास्त्री, हिसार-द्रष्टव्य कालान्तर में महर्षि के देशभक्ति से भरे हुए विचारों से भारत का बच्चा-बच्चा जग गया। इस कारण वायसराय लॉर्ड नॉर्थ ब्रुक को लन्दन हाउस में सिफारिश करनी पड़ी कि अब हमें भारत को छोड़ देना […]

Categories
आज का चिंतन

देवता कौन हैं ?

देवोदानाद्वा दिपनाद्वा द्योतनाद्वा द्युस्थानो भवतीति देवता | यो देवः सा देवता || तो आप लोगों ने यह देख लिया देवता की परिभाषा क्या है | देवता कोई आकाश से नहीं गिरते और न ही जमीन के अन्दर से निकलते, ये देवत्व के गुण जिनमे हों उन्हें देवता कहा जाता है | मेरे जीवन में इन […]

Categories
आज का चिंतन

आर्य समाज हिंदू विरोधी नहीं |*

क्योंकि, आर्य समाज ये नहीं मानता कि, श्रीकृष्ण माखन चोर थे, गौएँ चुराते थे , गोपियों संग रास रचाते थे, राधा संग प्रेम प्रसंग में लिप्त थे, कुब्जा दासी से समागम किए थे और ईश्वर का अवतार थे । बल्कि ये मानता है कि, वे जन्म से लेकर ४८ वर्ष तक ब्रह्मचारी थे, एक रुक्मणी […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

देव से देश और राम से राष्ट्र का बना विमर्श

22 जनवरी को श्री राम मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा वास्तव में राष्ट्रीय चेतना का मुखर स्वरूप था। जिसे हम सबने प्रकट होते हुए देखा। संपूर्ण देश में ही नहीं, विदेश में भी जहां-जहां भारतवंशी लोग रहते हैं, लोगों ने महादीपावली का पर्व मनाया। लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री […]

Categories
आर्थिकी/व्यापार

अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारत की आर्थिक विकास दर जा सकती है 10 प्रतिशत के पार

किसी भी देश में आर्थिक विकास को अतुलनीय गति देने में केवल 10 वर्ष का समय बहुत कम माना जाता है। इतिहास गवाह है कि कई देशों को आर्थिक विकास की रफ्तार को गति देने में दशकों लग जाते हैं। चीन ने वर्ष 1980 का आसपास अपने देश में आर्थिक सुधार कार्यक्रम लागू किए थे […]

Categories
आओ कुछ जाने

प्राण प्रतिष्ठा –एक विवेचन*

* (इस लेख का उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ,लेकिन इस विषय पर वैदिक विचार रखना भी जरुरी है ) डॉ डी के गर्ग कृपया अपने विचार बताये और सभी ग्रुप में शेयर करें भाग 1 प्राण प्रतिष्ठा को दो भागो में विभाजित करके समझने का प्रयास करते है – 1. […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

नेताजी सुभाषचंद्र बोस को ‘तोजो का कुत्ता’ बताते थे वामपंथी…*

* लगभग आरंभ से ही कम्युनिस्टों को अपनी वैज्ञानिक विचारधारा और प्रगतिशील दृष्टि का घोर अहंकार रहा है। लेकिन अनोखी बात यह है कि इतिहास व भविष्य ही नहीं, ठीक वर्तमान यानी आंखों के सामने की घटना-परिघटना पर भी उनके मूल्यांकन, टीका-टिप्पणी, नीति, प्रस्ताव आदि प्राय: मूढ़ता की पराकाष्ठा साबित होते रहे हैं। यह न […]

Exit mobile version