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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सामाजिक-पारिवारिक मूल्यों के रखवाले है राम

डॉ0 राकेश राणा राम का अतीत इतना व्यापक और विस्तारित है कि उस पर समझ और संज्ञान की सीमाएं है। उन्हें चिन्हित करना बहुत दूर की कोड़ी है। भारतीय समाज में राम उस वट-वृक्ष की तरह है जिसकी छत्रछाया में भक्त, आलोचक, आम, खास, आराधक, विरोधक, सम्बोधक सबके सब न जाने कितने सालो से एक […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतीय स्वातंत्र्य में आर्यसमाज का योगदान

दैनिक वीर अर्जुन दिल्ली 9.4.61 में प्रकाशित श्री दीवान अलखधारी जी का लेख, पृ. 9 – -आचार्य सत्यप्रिय शास्त्री, हिसार-द्रष्टव्य कालान्तर में महर्षि के देशभक्ति से भरे हुए विचारों से भारत का बच्चा-बच्चा जग गया। इस कारण वायसराय लॉर्ड नॉर्थ ब्रुक को लन्दन हाउस में सिफारिश करनी पड़ी कि अब हमें भारत को छोड़ देना […]

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इतिहास के पन्नों से

प्राचीन भारत में विदेशी आक्रमण

ईरानी आक्रमण जिस समय मगध के राजा अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहे थे उसी समय ईरान के हखमानी शासक भी अपने राज्य का विस्तार कर रहे थे। भारत पर आक्रमण करने में प्रथम सफलता दारा प्रथम (दारयबहु) को प्राप्त हुई थी जो साइरस का उत्तराधिकारी था। दारा प्रथम के तीन अभिलेखों बेहिस्सून, पर्सिपोलिस एवं […]

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महत्वपूर्ण लेख

वेदों में हिंदू शब्द को ढूंढना बेकार की कसरत है

कुछ लोग हिन्दू शब्द को ऋग्वेद में ढूंढ़ने का बौद्धिक विलास जैसा करते हैं, परन्तु वेद और उसके अंग में जैसे ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद,अथर्ववेद, आयुर्वेद, धनुर्वेद, गन्धर्ववेद, अर्थवेद, ऐतरेय ब्राह्मण, शतपथ ब्राह्मण, ताण्ड्य ब्राह्मण, साम ब्राह्मण, विंश ब्राह्मण, गोपथ ब्राह्मण या किसी १०२७ वेद की शाखाओ में हिन्दू शब्द उपलब्ध नही है । इसके अतिरिक्त […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वामी दयानंद जी के जीवन के गुमनामी के चार पांच वर्ष भाग 1

स्वामी दयानंद जी महाराज के जीवन पर यद्यपि बहुत कुछ लिखा जा चुका है पर उनसे जुड़ी हुई कई ऐसी पहेलियां आज भी इतिहास के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई हैं ,जिनका उत्तर खोजा जाना समय की आवश्यकता है। इनमें से सबसे बड़ी पहेली है कि स्वामी दयानंद जी महाराज 1856 से 1860 के […]

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उगता भारत न्यूज़

ममता की हत्या का स्टार्टअप*

* -राजेश बैरागी- क्या यह भी कोई स्टार्टअप है? मुझे लगता है कि अब यह जयशंकर प्रसाद या मैथिलीशरण गुप्त का देश नहीं रहा है जिसमें औरत की पहचान आंचल में दूध और आंखों में पानी से होती थी। भूजल का स्तर गिर रहा है, आंखों में कहां बचेगा। बंगलूरू में एक स्टार्टअप फर्म माइंडफुल […]

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मुद्दा

सनातन धर्म मानने वालों का प्राण प्रतिष्ठा विरोध समझ से परे ?

श्रीमती सोनिया गांधी , पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा राम प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराने की बात तो समझ में आती है, क्योंकि वे जन्मजात क्रिश्चियन है , मुस्लिम परिवार की बहू है और कथाकथित “निरपेक्षता” का परिपालन करती है। लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे ,वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष और श्री अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता […]

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इतिहास के पन्नों से

कोठारी बधुओं को स्मरण करने का सही समय

‼️साल 2003 ‼️ अयोध्याजी में खुदाई चल रही थी। अखबार के पहले पन्ने पर उसी से जुड़ी खबरें छपती थीं। तब एकाएक अखबारों की बिक्री बढ़ गयी थी। तब एक एक अखबार को पच्चीस पचास लोग पढ़ते थे। कोई एक पढ़ता तो कई कई लोग तन्मयता से सुनते। मन्दिर से जुड़े कुछ साक्ष्य मिलने की […]

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विविधा

भारत को भारत बनाएं – चलें गांव की ओर

प्राचीन काल में भारत का पूरे विश्व में साम्राज्य था। आज ऐसे कई प्रमाण मिल रहे हैं, जिससे सिद्ध हो रहा है कि सनातन संस्कृति का अनुपालन करने वाले लोग इंडोनेशिया तक फैले थे। यह तो हम सब जानते ही हैं कि अफगनिस्तान, ईरान, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश अखंड भारत का ही हिस्सा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भगवान राम के षोडश पार्षद

✍️ आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी जिस प्रकार संसार में कार्य चलाने के लिये मनुष्यों को सहायकों की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार सृष्टि के पालनकर्ता श्रीहरि को भी अपना कार्य करने के लिए सहायकों की आवश्यकता पड़ती है। इसी प्रयोजन से श्रीहरि के भी मुख्य 16 पार्षद यानी सहायक हैं, जिनको समय-समय पर समाज […]

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