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भारतीय संस्कृति

भारत में सांस्कृतिक धरोहरों को दिलाया जा रहा है उचित स्थान

22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में सम्पन्न होने जा रही है। पिछले लगभग 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष के पश्चात श्रीराम लला टेंट से निकलकर एतिहासिक भव्य श्रीराम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। पूरे देश का वातावरण राममय हो गया है। न केवल भारत के […]

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आज का चिंतन महत्वपूर्ण लेख

जन्मभूमि निर्माण के कालखंड में हमारा भावसंसार  

प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार, राजभाषा guni.pra@gmail.com 9425002270  सुमन बृष्टि नभ संकुल भवन चले सुखकंद। चढ़ी अटारिन्ह देखहिं नगर नारि नर बृंद।।  श्रीराम जन्मभूमि के भव्य निर्माण व उसके  लोकार्पण को केवल मंदिर निर्माण व लोकार्पण का अवसर मात्र कहना, भारत को कतई व्यक्त नहीं कर पाएगा। इस जन्मभूमि निर्माण और उसकी भूमिका के […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत की संस्कृति के उन्नायक गुरु गोविंद सिंह और जफरनामा

गुरु गोविन्द सिंह और जफरनामा का सच (गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर विशेष रूप से प्रचारित) गुरु गोविन्द सिंह जी एक महान योद्धा होने के साथ साथ महान विद्वान् भी थे. वह ब्रज भाषा, पंजाबी, संस्कृत और फारसी भी जानते थे. और इन सभी भाषाओँ में कविता भी लिख सकते थे. जब औरंगजेब […]

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भारतीय संस्कृति

भारत के उपनिषदों का ज्ञान और हमारा राष्ट्रीय जीवन

भारत की राष्ट्रीय चेतना को आर्ष ग्रंथों ने बहुत अधिक प्रभावित किया है । दीर्घकाल तक भारतीय संस्कृति की प्रेरणा के स्रोत बने इन ग्रंथों ने भारत के राष्ट्रीय मानस को ,राष्ट्रीय चेतना को , राष्ट्रीय परिवेश को और राष्ट्रीय इतिहास को इतना अधिक प्रभावित किया है कि इनके बिना भारतीयता के उद्बोधक इन सभी […]

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भारतीय संस्कृति

प्रणाम की प्रक्रिया और उसका महत्व

मनुष्य अनादि काल से अपना पूरा जीवन आत्मा और परमात्मा के गूढ़ रहस्य को जानने की जिज्ञासा में रेगिस्तान में जल के लिये भटकते एक मृगतृष्णा की भांति समाप्त कर देता है और वह तामसिक प्रवृत्तियों के गहन अंधकार में निमग्न रहकर प्रणाम, प्रार्थना और विसर्जन के मूल तत्व तक से अनभिज्ञ बना रहता है। […]

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आओ कुछ जाने

भारत का समुद्री पर्यटन और उसकी समस्याएं

शिवेश प्रताप मालदीव एवं लक्षद्वीप का मुद्दा बीते दिनों विश्व चर्चा के केंद्र में आ गया। भारत में भारत के तमाम ख्यातिलब्ध लोग देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के समर्थन में उतर आए हैं जो उचित है। इसी के साथ लोगों में यह विमर्श भी चल पड़ा है की आखिर क्यों भारत को छोड़कर […]

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संपादकीय

कांग्रेस का चिंतन और उसकी कार्यशैली चिंतनीय

अब यह बात पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है कि कांग्रेस ने भारत में धर्मनिरपेक्षता (जो कि वास्तव में पंथनिरपेक्षता शब्द है ) का अनुचित अर्थ किया और इसका लाभ देश के अल्पसंख्यकों को देने का भरपूर प्रयास किया। शासन का स्वरूप पंथनिरपेक्ष होना चाहिए । पंथनिरपेक्षता का अर्थ है कि शासन में जो […]

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मुद्दा

राम का विरोध करती कांग्रेस और उसका राजनीतिक भविष्य

प्रवीण दुबे श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जहां संपूर्ण विश्व का हिंदू समाज उत्साहित है वहीं दूसरी ओर इस आयोजन को लेकर राजनीति भी पूरी तरह उफान पर है। फिलहाल जानकारी मिली है कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे सहित सोनिया गांधी और […]

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महत्वपूर्ण लेख

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विपक्ष की अपरिपक्व राजनीति

ललित गर्ग- रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी एवं इंडिया गठबंधन के अन्य दलों ने शामिल नहीं होने का निर्णय लेकर जहां अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय दिया है, वहीं भारत के असंख्य लोगों की आस्था एवं विश्वास को भी किनारे करते हुए आराध्य देव […]

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देश विदेश

मालदीव पर लेफ्ट, लिबरल और कांग्रेस के एक जैसे सुर

डा समन्वय नंद देश का लेफ्ट लिबरल गुट के लोग व उनका सिस्टम हमेशा से भारत के राष्ट्रीय हितों के मुद्दों पर भारत के खिलाफ वातावरण तैयार करने में आगे रहता है, यह किसी से छुपी हुई नहीं है । अभी हाल ही में मालदीव प्रकरण में भी लेफ्ट लिबरल लोग ने इस बात को […]

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