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कृषि जगत

अज्ञात बीमारी का शिकार हो रहे पहाड़ी इलाकों के मवेशी

बाबर नफ़ीस डोडा, जम्मू एक ओर जहां इंसान कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर केंद्रशासित प्रदेश जम्मू के डोडा स्थित पहाड़ी इलाकों में मवेशियों के बीच एक अज्ञात बीमारी ने कोहराम मचा रखा है. जिसने अब तक कई पालतू मवेशियों की जाने ले ली हैं. ये मवेशी गरीबों की […]

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स्वास्थ्य

अपने गुणों में अद्वितीय है नीम

सुनीता बापना / कुसुम अग्रवाल इसके वृक्ष प्राय: भारत में नैसर्गिक रूप से पाये जाते हैं और इनकी महत्वता देखते इनको जगह-जगह लगाए भी जाते हैं। नीम को मृत्युलोक का कल्प वृक्ष माना जाता है। ‘सर्व रोग हरो निम्ब’, ऐसा शास्त्रों में कहा गया है और इसी से इसका नाम ‘निम्बनिसंचति स्वास्थ्यम’ (अर्थात जो रोगों […]

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समाज

आर्य समाज एक क्रांतिकारी संगठन ( कल ,आज और कल) स्वामी दयानंद जी के इतिहास ज्ञान के आदि स्त्रोत , भाग 1

स्वामी दयानंद जी महाराज के इतिहास संबंधी ज्ञान के आदि स्रोत के रूप में उनके 79 वर्षीय गुरु बिरजानंद जी, बिरजानंद जी के 129 वर्षीय गुरु पूर्णानंद जी और पूर्णानंद जी के 160 वर्षीय गुरु आत्मानंद जी थे। इन तीनों ही महान विभूतियों से स्वामी जी का साक्षात्कार हुआ था। बात को समझने के दृष्टिकोण […]

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आओ कुछ जाने

क्या है वृक्षों की पूजा का महत्व

सुनीता बापना / कुसुम अग्रवाल भारतीय ग्रंथों में यज्ञों में समिधा के निमित्त पीपल, बरगद और आम के वृक्षों की काष्ठ को पवित्र माना गया है और कहा गया है ये वृक्ष सूर्य की रश्मियों के घर हैं। इनमें पीपल सबसे पवित्र माना जाता है। इसकी सर्वाधिक पूजा होती है क्योंकि इसके जड़ से लेकर […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “प्रसिद्ध भजनोपदेशक पं. ओम्प्रकाश वर्मा जी का सम्पूर्ण ऋग्वेद कण्ठस्थ किए हुए एक सनातनी विद्वान विषयक महत्वपूर्ण संस्मरण”

=============== पं. ओम्प्रकाश वर्मा जी आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक थे। विगत वर्ष उनका देहावसान हुआ है। उनकी धर्मपत्नी एवं परिवार के सदस्य हरयाणा के यमुनानगर में निवास करते हैं। वर्मा जी ने यमुनानगर के प्रसिद्ध विद्वान पं. इन्द्रजित् देव जी को अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण संस्मरण सुनाये व लिखाये थे। उन संस्मरणों को लेखबद्ध […]

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भारतीय संस्कृति

प्रभु श्रीराम वनवासियों एवं वंचितों के अधिक करीब थे

यह एक एतिहासिक तथ्य है कि प्रभु श्री राम ने लंका पर चढ़ाई करने के उद्देश्य से अपनी सेना वनवासियों एवं वानरों की सहायता से ही बनाई थी। केवट, छबरी, आदि के उद्धार सम्बंधी कहानियां तो हम सब जानते हैं। परंतु, जब वे 14 वर्षों के वनवास पर थे तो इतने लम्बे अर्से तक वनवास […]

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मुद्दा

भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट ना होने के कारण

मुस्लिम रेजिमेंट आपको जानकर हैरानी होगी कि १९६५ तक मुस्लिम रेजिमेंट थी। ३ प्रमुख घटनाएं हैं जिन्होंने सेना से मुस्लिम रेजिमेंट को हटाने के लिए मजबूर किया। पहली – १५ अक्टूबर १९४७ को जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के पठानों ने भारत पर हमला किया, तो पूरी सोई हुई बहादुर गोरखा कंपनी को अपनी ही बटालियन […]

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राजनीति

मुख्यमंत्रियों के रूप में नए तीन चेहरे लाकर भाजपा ने दी राजनीति को नई दिशा

ललित गर्ग – भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व राजस्थान में ऐतिहासिक जीत के बाद जिस प्रकार मुख्यमन्त्री पद पर चौंकाने वाले नामों के फैसले लेकर सबको चकित किया हैं, उनसे स्पष्ट है कि यह पार्टी राजनीति की नयी परिभाषा गढ़ने के साथ जमीनी कार्यकर्ताओं को भविष्य के नेता बनाने के लिये तत्पर […]

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कृषि जगत

सिंचाई के बिना प्रभावित होती कृषि

माधुरी सिन्हा गया, बिहार देश के निर्माण में शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों का भी बराबर का योगदान रहा है. शहर में जहां उद्योग और कल-कारखाने अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र कृषि के माध्यम से देश के विकास में अपनी भूमिका निभाता है. वैसे भी भारत को कृषि प्रधान देश […]

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विशेष संपादकीय

अयोध्या में सड़कों की बढ़ती सुविधाएं

डॉ. राधे श्याम द्विवेदी रामनगरी अयोध्या कभी तंग सड़कों और बदहाल रास्तों के लिए जानी जाती थी, लेकिन जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके कायाकल्प का संकल्प लिया है तब से अयोध्या निरन्तर प्रगति कर रही है। सारे संपर्क के रास्ते चौड़े हो चुके हैं, आवागमन सुगम हो चुका है। यहां विकास की ऐसी […]

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