आर्य समाज ऋषि दयानंद जी की विचारधारा का ध्वजवाहक है। पिछले लगभग डेढ़ सौ वर्ष में इस संस्था ने भारत को ही नहीं संपूर्ण भूमंडल के निवासियों को बहुत कुछ दिया है। देश-विदेश के अनेक विद्वानों ने इस क्रांतिकारी संगठन के महत्वपूर्ण योगदान की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। भारत की लुप्त वैदिक संपदा […]
महीना: दिसम्बर 2023
*विष्णुदत्त शर्मा – विनायक फीचर्स* केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने संसद के दोनों सदनों में आपराधिक न्यायिक प्रणाली में सुधार के तीन विधेयक प्रस्तुत किये एवं दोनों सदनों में यह विधेयक ध्वनिमत से पारित होने के पश्चात् एक नए युग की शुरुआत हो गयी है। भारत में अब भारतीय न्याय संहिता विधेयक […]
ग्रेटर नोएडा। यहां स्थित पी 3 सेक्टर के डी ब्लॉक के पार्क में 21 कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा कि स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा स्थापित किए गए आर्य समाज ने अनेक बलिदानी सपूत देकर भारत की स्वाधीनता के आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण […]
सरदार उधम सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन की विचारधारा के एक महत्वपूर्ण किरदार हैं। उनके बारे में कई प्रकार की भ्रांत धारणाएं समाज में प्रचलित रही हैं। हमने भी बचपन में उनके बारे में एक कविता सुनी थी। जिसका भावार्थ था कि उधम सिंह नाम का एक होनहार देशभक्त बच्चा 7 वर्ष की अवस्था में अपनी […]
✍️ डॉ. राधे श्याम द्विवेदी सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद साल 2020 में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत हुई । रामजन्म भूमि परिसर कभी 70 एकड़ का था। आज रामजन्म भूमि परिसर करीब 100 एकड़ में विस्तारित हो चुका है। विशाल परिसर की पूरी तरह सफ़ाई कराने के बाद उसमें से दो एकड़ […]
======== ईश्वर और वेद शब्दों का प्रयोग तो आर्यसमाज के विद्वानों व सदस्यों को करते व देखते हैं परन्तु इतर सभी मनुष्यों को चार वेदों और ईश्वर का परस्पर क्या संबंध है, इसका यथोचित ज्ञान नहीं है। इस ज्ञान के न होने से हम वेदों की महत्ता को यथार्थरूप में नहीं जान पाते। वेद अन्य […]
गिलगित बाल्तिस्तान हमारा है हमको लौटाओ। वरना जबरन ले लेंगे मत रोओ मत चिल्लाओ।। खून सने कातिल कुत्तों से जनता नहीं डरेगी। दे दो वरना तेरी छाती पर ये पाँव धरेगी।। तेरी मेरी जनता कहने की ना कर नादानी। याद करो आका जिन्ना की बातें पुन: पुरानी।। देश बाँटकर जाते जाते उसने यही कहा था- […]
प्रस्तुति – ‘अवत्सार’ स्वामी दयानन्द सरस्वती के समय वेदविषयक प्रचलित मान्यता के परिप्रेक्ष्य में यह जानना आवश्यक है कि उन्होंने वेदों का जो स्वरूप जनता एवं विद्वानों के समक्ष उपस्थापित किया, उसका परिज्ञान उन्हें कहाँ से और कैसे प्राप्त हुआ ? बाल्यावस्था में उन्होंने घर में केवल शुक्लयजुर्वेद की माध्यन्दिनसंहिता कण्ठस्थ की थी। यह बात […]
आर्य राष्ट्र और हिंदू राष्ट्र ऊपरी तौर पर एक हैं, परंतु एक मौलिक अंतर इन दोनों में है और वह अंतर है विचारधारा का अंतर। यद्यपि हम इन दोनों शब्दों को लेकर किसी प्रकार के विवाद के पक्षधर नहीं है, परंतु फिर भी बता देना चाहते हैं कि आर्य राष्ट्र हमारे देश के सत्य सनातन […]
(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक संपत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं ) प्रस्तुति: देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ ) वेदमन्त्रो के उपदेश गतांक से आगे…. औषधियों के अतिरिक्त वायु सेवन के द्वारा रोगनिवृत्ति करनेका उपदे इस प्रकार है- आत्मा देवानां भुवनस्य गर्भो […]