🚩🚩🌹🙏🙏🌹🚩🚩 👇👇👇👇👇 ** “जस्टिस जी डी खोसला” वो “जज” थे, जिन्होंने “नाथूराम गोडसे” केस की सुनवाई की थी और नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा दी थी l गोडसे को फांसी पर चढ़ाने के बाद जज साहब, अपनी किताब “द मर्डर ऑफ महात्मा एन्ड अदर केसेज फ्रॉम ए जजेज़ डायरी” में पेज नंबर 305 -06 […]
Month: December 2023
[29/11, 06:29] अनूप चड्ढा: गुजरात उच्च न्यायालय ने बेट द्वारका के 2 द्वीपों के अधिग्रहण के सुन्नी वक्फ बोर्ड के सपने को चकनाचूर कर दिया है। गुजरात का ये विषय इस वक्त काफी चर्चा में है. हमें सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला वरना हमें पता नहीं चलता।’ प्रवासन और कब्ज़ा कैसे होता है, […]
( धर्म जैसे जिस पवित्र शब्द के बारे में आजकल अधिकतर लोग शंकित रहते हैं और उल्टी सीधी परिभाषाएं स्थापित करते हैं। धर्म को ‘अफीम’ कहकर अपमानित करते हैं। उनकी दृष्टि में धर्म एक ऐसा नशा है जो मनुष्य से पाप कार्य करवाता है। जबकि वैदिक वांग्मय में धर्म पाप से मुक्त कर पुण्य कार्यों […]
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , तेलंगाना और मिजोरम राज्यों के चुनाव अभी हाल ही में हुए हैं । जिनमें से चार राज्यों के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। इन पांचो राज्यों में से सबसे बड़े तीन राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जिस प्रकार शानदार बहुमत लेकर भाजपा ने अपना प्रदर्शन किया है उससे […]
व्यक्ति अपने भविष्य को सुखमय बनाना चाहता है। ठीक है, बनाना चाहिए। यह अच्छी बात है। “परंतु मुफ्त में तो बनेगा नहीं। इसके लिए वेदानुकूल उत्तम कर्म करने पड़ेंगे।” “जब व्यक्ति इस बात को समझ कर वेदानुकूल कर्म करने आरंभ करता है, तो संसार के स्वार्थी मूर्ख और दुष्ट लोग उसके विरोधी हो जाते हैं। […]
धर्म की आवश्यकता क्यों?
एक दिन गंगा तीर पर एक साधु कमण्डलु आदि प्रक्षालन करके वस्त्र धोने में प्रवृत्त था । संयोग से भ्रमण करते हुए ऋषि वहीं जा पहुंचे । साधुजी ने कहा – आप इतने त्यागी, परमहंस होकर खण्डन मण्डनरूप प्रवृत्ति के जटिल जाल में क्यों उलझ रहे हो ? प्रजा प्रेम का बखेडा क्यों डालते हो […]
परमाणु वाले जड़ पदार्थों की पहचान
“परमाणु वाले जड़ पदार्थों की पहचान यह होती है, कि उनमें रूप रस गन्ध स्पर्श भार आदि गुण होते हैं। जैसे पृथ्वी जल अग्नि वायु आदि। ये सब परमाणु वाले जड़ पदार्थ हैं। इनमें रूप रस गन्ध स्पर्श भार आदि गुण होते हैं।” “चेतन पदार्थ की पहचान यह होती है, कि उसमें इच्छा ज्ञान आदि […]
संन्यास संस्कार सम्यक न्यास अर्थात विचारपूर्वक दूरी बना लेना , अथवा ऐसा भाव उत्पन्न कर लेना कि अब मैं न्यासी या ट्रस्टी हो गया हूँ । मैं निरपेक्ष हो गया हूँ । मैं राग और द्वेष से ऊपर उठ गया हूँ । अब मुझे न किसी से अधिक लगाव है ना किसी से द्वेष है […]
आम आदमी के लिए सुलभ न्याय का भरोसा बेमानी
डॉ. सुधाकर आशावादी – विनायक फीचर्स लोकतंत्र के चार स्तम्भों में से एक न्यायपालिका से यही अपेक्षा की जाती रही है, कि वह कार्यपालिका को अनुशासित रखे , समाज में अराजकता पर लगाम कसे । यद्यपि न्याय व्यवस्था में लचरपन के किस्से कम नहीं हैं, न्याय की आस में पीढियां मर खप जाती हैं, तब […]
बच्चों को प्रोत्साहित कीजिए
सुभाष बड़ावनवाला-विनायक फीचर्स बच्चे बेहद मासूम और भोले होते हैं। उनके मासूम सवाल और बाल सुलभ हरकतें किसी को भी अपनी और आकर्षित कर लेती हैं लेकिन यही बच्चे जब कहना नहीं मानते या फिर कंट्रोल से बाहर हो जाते हैं तो किसी भी मां-बाप के लिए मुसीबत से कम नहीं होते। आखिर ऐसे बच्चों […]