ललित गर्ग पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उनकी तारीखों का भी ऐलान हो गया है, अब चुनावी बिगुल बज चुका है, राजनीतिक दल एवं उम्मीदावार मतदाताओं को रिझाने, लुभाने एवं अपने पक्ष में मतदान कराने के लिये तरह-तरह के दांवपेंच चलायेंगे, इन लुभावनी छटाओं के […]
Month: October 2023
मनुष्य कोई भी काम करता है तो वह उसमें प्रायः अपनी हानि व लाभ को अवश्य देखता है। यदि किसी काम में उसे लाभ नहीं दिखता तो वह उसे करना उचित नहीं समझता। ईश्वर की उपासना भी इस कारण से ही नहीं की जाती कि लोगों को ईश्वर का सत्यस्वरूप व उपासना से होने वाले […]
उस समय नेहरू गांधी की कांग्रेस के किसी भी नेता के पास समय नहीं था कि हम लोगों की पीड़ा के विषय में कोई सोचे, सुने या समझे। जब ये लोग शिकारी कुत्ते की भांति हमारा शिकार कर रहे थे, तब भी हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व हाथ पर हाथ धरे बैठा था। यह कर्तव्य के प्रति […]
भारती देवी पुंछ, जम्मू वर्षों बीत जाते हैं यह सुनते सुनते की किशोरियों और महिलाओं पर आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं. दुनिया में इतनी तरक्की हो रही है जिसमें महिलाओं एवं किशोरियों का विशेष योगदान रहा है. फिर भी आज 21वीं सदी में भी महिलाएं एवं किशोरियों सुरक्षित नहीं दिखाई देती हैं. लड़कियों के साथ […]
सारी बुराईयों का मार्ग – ‘वर्तमान शिक्षा’ विद्यार्थी सत्यपाल आर्य आर्ष गुरुकुल टटेसर जोन्ती – दिल्ली- 41 स्त्रोत – समाज संदेश जुलाई 1974 यह दुःख का विषय है कि हमारा आजका विद्य जीवन बड़ा ही विकृत और अस्वस्थ रूप लिए है । आज विद्यार्थियों को जो शिक्षा प्रदान की जाती है. वह कोरे पुस्तक ज्ञान […]
अगर आप जिंदा हैं और अपनी निजी जरूरतों से आगे भी विचार कर सकते हैं तब… हां, तब… विचार करेंगे तो पाएंगे कि इजराइल और हमास की ताजा घटना से कुछ सबक मिले हैं… सबक नंबर 1… उनकी दुश्मनी इजराइली महिलाओं , बच्चियों से नही थी… अगर होती तो वे सिर्फ उन्हे गोली मार देते… […]
जो व्यक्ति खुलेआम घोषणा करता है, कि “मैं नास्तिक हूं। मैं ईश्वर को नहीं मानता।” तो लोग उससे सावधान हो जाते हैं, और उसके साथ संभलकर व्यवहार करते हैं। क्योंकि उसके विषय में लोग ऐसा सोचते हैं कि “यह नास्तिक है। ईश्वर को तो मानता नहीं। कर्म फल को भी नहीं मानता। इसे ईश्वर के […]
मुहम्मद के समय तक अरब के लोगों में शादी (Marriage ) को संस्कार नहीं माना जाता था ,कोई भी व्यक्ति किसी भी स्त्री से जब चाहे शारीरिक सम्बन्ध बना सकता था ,जिसमे आयु और रिश्तेदारी का कोई प्रतिबांध नहीं था , निकाह मतलब (Intercourse ) था , इस्क्के नियम तो बाद में बनाये गए थे […]
1947 का अगस्त माह । मैं तब 4 वर्ष का था। पर उन दिनों की अनेक घटनाएं आज भी मेरे मन मस्तिष्क में ज्यों की त्यों जमी बैठी हैं। जिन बातों का अनुभव व्यक्ति को बहुत बड़ी अवस्था में जाकर होता है, वह मुझे बचपन के उन दिनों में हो गया था। चित्त पर उनकी […]
========= परमात्मा ने मनुष्य एवं इतर आत्माओं के लिये सृष्टि को उत्पन्न कर इसे धारण किया है। परमात्मा में ही यह सारा ब्रह्माण्ड विद्यमान है। आश्चर्य होता है कि असंख्य व अनन्त लोक-लोकान्तर परमात्मा के निमयों का पालन करते हुए सृष्टि उत्पत्ति काल 1.96 अरब वर्षों से अपने अपने पथ पर चल रहे हैं। ये […]