========== महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन-अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई-नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। मृतक श्राद्ध में यह कल्पना […]
महीना: सितम्बर 2023
‘एक देश एक चुनाव’ के विचार की आवश्यकता बहुत देर से अनुभव की जा रही थी। यदि प्रशासनिक स्तर पर दृष्टिपात किया जाए तो पता चलता है कि हर छठे महीने कोई ना कोई चुनाव देश में होता रहता है। इससे सरकारी तंत्र का दुरुपयोग होता है। धन भी अधिक खर्च होता है । इसके […]
उगता भारत ब्यूरो चौंकिए मत! इस तरह के पेड़ उत्तराखंड में अक्सर दिखाई पड़ते है। च्यूर नाम का यह पेड़ देवभूमि वासियों को वर्षों से घी उपलब्ध करा रहा है। इसी खासियत के कारण इसे ‘इंडियन बटर ट्री’ कहा जाता है। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के डॉ. वीपी डिमरी बताते हैं कि […]
मृत्युंजय दीक्षित प्रशासनिक सक्रियता के परिणाम स्वरूप शिक्षिका के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग भी हरकत में आया है और विभाग ने स्कूल प्रबंधक को मान्यता रद्द करने का नोटिस जारी किया है। विगत दिनों देश में कुछ […]
ललित गर्ग भारत पुरातन काल से ज्ञान-विज्ञान का असीम भंडार रहा है। हमारे ऋषियों-मनीषियों ने आचार-विचार, आत्म-विकास एवं गहन खोजों से चिकित्सा, दर्शन, अर्थ और सौरमंडल तक की ऐसी जानकारी प्रदान की है, जिसके बारे में विश्व को बहुत बाद में पता चला। चंद्र अभियान की ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान […]
214 झूठ कपट को छोड़कर, कर ली ऊंची सोच। अंतः सुख जो हो गया, मिला उसी को मोक्ष।। मिला उसी को मोक्ष, सब आना-जाना छूटा। पाया ब्रह्मानंद उसी ने, मधुरस जिसने लूटा।। झूठी दुनिया छोड़ी जिसने करी नाम की लूट। मिले शरण उसी को, छोड़ दिया जिसने झूठ।। 215 काया, मन, बुद्धि सभी, हों योगी […]
डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 पर्व और त्योहार मनाने की वागड़ अंचल की अपनी अनूठी परम्पराएँ और अँदाज रहे हैं जिनमें पारिवारिक आत्मीयता, सामजिक सौहाद्र्र और परिवेशीय संगीत प्रतिध्वनित होता है। रक्षाबंधन आम तौर पर सारे देश में मनाया जाने वाला पर्व है किन्तु वाग्वर अंचल में इसके साथ एक सामाजिक रस्म भी सदियों से जुड़ी […]
प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज भाग 1 महाभारत काल: योगेश्वर कृष्ण का काल (ईसा पूर्व ३१३८ अर्थात आज से लगभग 5200 वर्ष पहले) यूरोपीय क्षेत्र में इस सम्पूर्ण अवधि में हिमयुग है। पूरा क्षेत्र मोटी बर्फीली परतों से ढँका। भारतवर्ष का तत्कालीन विस्तार: भीष्म पर्व के अन्तर्गत जम्बू खण्ड विनिर्माण पर्व में नवम अध्याय में श्लोक […]
Dr D K Garg पौराणिक कथा : असुरों के राजा बलि ने देवताओं को युद्ध में पराजित कर दिया था और स्वर्ग अपने कब्जे में ले लिया था। बलि की वजह से सभी देवता बहुत दुखी थे। दुखी देवता अपनी माता अदिति के पास पहुंचे और अपनी समस्या बताई। इसके बाद अदिति ने पति कश्यप […]
ग़ाज़ियाबाद: रविंद्र आर्य सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं लेखक द्वारा हिमाचल प्रदेश के जिला कँगड़ा के पालमपुर सिटी के प्रशासन (एस डी एम) डॉ. अमित गुलेरिया, पुलिस अधीक्षक) शालिनी अग्निहोत्री एवं (एस अच ओ) संदीप शर्मा को दिनांक: 28 अगस्त 2023 को लिखित पत्र लिखा। तहरीर कांगड़ा जिले के पालमपुर सिटी मे मानिक एवं अस्वनी जों की […]