डॉ. वंदना सेन व्यक्ति जीवन भर शिक्षा ग्रहण करता है, तब भी शिक्षा का कोई न कोई अध्याय अधूरा ही रह जाता है। लेकिन भारत के राष्ट्र निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक अपने शिष्य में अपनी छवि का दर्शन देखना चाहते हैं। शिक्षक वही है, जो अपने अनुसार देश का चरित्र निर्माण कर सके। अपने […]
महीना: सितम्बर 2023
220 जो भी लत हमको लगी, कर देती बर्बाद। दारू – धुआं छोड़ दे, रहना जो आबाद।। रहना जो आबाद , सीख कुछ कछुए से भी। सिकोड़ लेत है अंग, चोट लगे ना मारे से भी।। सिकुड़ कछुए की भांति, क्यों बनता है भोगी ? लक्ष्य वही पा जाएगा , दिल से चाहता जो भी।। […]
ललित गर्ग आखिरकार केजरीवाल सरकार के अधिकार सीमित करने वाला दिल्ली सर्विस बिल राज्यसभा में भी पास हो गया। सोमवार को राज्यसभा में बिल के समर्थन में 131 व विरोध में 102 वोट पड़े। बहरहाल, अब संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के उपरांत कानून का रूप ले […]
अमृतांज इंदीवर मुजफ्फरपुर, बिहार किसी भी राष्ट्र की उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि उसके नागरिक सामाजिक, बौद्धिक व चारित्रिक स्तर पर कितने समृद्ध हैं. ज्ञान, विज्ञान, सामाजिक ज्ञान आदि के जरिए ही मानव ज्ञानी, विवेकी, सक्षम और चरित्रवान बनता है. मानव को अच्छा इंसान बनाने में औपचारिक व अनौपचारिक रूप से शिक्षा […]
डा ईश नारंग , प्रधान आर्य गुरुकुल, दयानंद विहार दिल्ली श्रावणी उपाकर्म मूलत: वेद के अध्ययन की परंपरा से जुड़ा हुआ पर्व है। अथवा यह कहें कि यह स्वाध्याय पर्व है। आर्यवर्त की परंपरा में श्रावण मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर पौष मास की पूर्णिमा तक लगभग 4.5 मास का यह स्वाध्याय पर्व होता […]
ललित गर्ग ब्रिक्स ने अपने गठन से लेकर अब तक जो तरक्की की है उसकी उपलब्धि इसके क्षेत्रों की वह आपसी समझदारी रही है जिसके तहत उन्होंने आपसी हितों की सुरक्षा करते हुए विश्व को नया शक्ति सन्तुलन चक्र देने का प्रयास किया है। ब्रिक्स समिट दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में काफी सफल एवं निर्णायक […]
योगेंद्र योगी रॉकेटों को एक सटीक कोण पर बांस पर रखा जाता था, यह इस बात पर निर्भर करता था कि वे कितनी दूर गिरे और इसके बाद उसे उड़ाया जाता था। माना जाता है कि पोल्लिलोर की लड़ाई (आज के तमिलनाडु का कांचीपुरम) में इन रॉकेट ने ही खेल बदलकर रख दिया था। चंद्रयान-3 […]
* (जगतगुरु महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 200 लेखों की लेखमाला के क्रम में आर्य जनों के अवलोकनार्थ लेख संख्या 7) प्रज्ञा चक्षु विरजानन्द जी अपने प्रत्येक विद्यार्थी को अपूर्व व अभिनव प्रणाली से पढ़ाते थे। जैसे अध्यापक गण सब छात्रों को एकत्रित करके उनका विभाग करके एक-एक श्रेणी […]
217 यज्ञ करो संसार में, वर्षा हो भरपूर। अन्न उगेगा खेत में , रोग शोक हों दूर।। रोग शोक हों दूर,फैले खुशहाली चहुंओर। प्रेम – प्रीत सहयोग से, नाचे मन का मोर।। ऋषियों का उपदेश – यज्ञ करो, यज्ञ करो। वेद का संदेश यही – यज्ञ करो, यज्ञ करो।। 218 कामी करता कामना, रहे दुखी […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ वैदिक संस्कृति पर्व प्रधान रही है। वैदिक संस्कृति के नियामक ग्रंथ ग्रह्य सूत्र हैं। आपस्तम्ब आश्वलायन, गोभिल, पारस्कर जैसे असंख्य ऋषियों द्वारा समय समय पर वेदानुकूल प्रणीत ग्रह्य सूत्रों ने भारतीय जीवन को परिष्कृत नियमित व्यवस्थित आदर्श बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।अध्यात्म आधिदैव, धर्माचार, कर्तव्य ,यज्ञ कर्मकांडादि […]