ललित गर्ग भारत एवं चीन दोनों देशों के बीच संबंधों में आने वाली तल्खी की बड़ी वजह भी चीन की नीयत में खोट, उच्छृंखलता एवं अनुशासनहीनता ही है। चीन ने एक बार फिर अपनी इस हरकत से भारत के प्रति शत्रुता को ही जाहिर किया है। चीन अपनी दोगली नीति, षडयंत्रकारी हरकतों एवं विस्तारवादी मंशा […]
महीना: सितम्बर 2023
अजय कुमार योगी की ब्राह्मण विरोधी इमेज उनके पहले कार्यकाल से ही बनने लगी थी, जब मोदी के करीबी पूर्व नौकरशाह को योगी ने तमाम चर्चाओं के बाद भी अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था। यह छवि माफिया विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद और भी पुख्ता हो गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी […]
232 तेज ,क्षमा और धैर्य, वैरभाव का त्याग। अहंकार से दूर हो, उसका दिव्य स्वभाव।। उसका दिव्य स्वभाव, आशीष देव का। मानव वही बना करता , आदर्श देश का।। राष्ट्रवंदना सिखिलाता है, मेरा भारत देश। जिसने समझा ‘भारत’, मिला उसी को तेज।। 233 समझो अपने देश को, दुनिया का सिरमौर। रहा बांटता ज्ञान को, बना […]
कविता रावल गनीगांव, उत्तराखंड भारतीय समाज जटिलताओं से भरा हुआ है. जहां रीति और रिवाज के नाम पर कई प्रकार की कुरीतियां भी शामिल हो गई हैं. इसका सबसे अधिक खामियाज़ा महिलाओं को भुगतनी पड़ती है. पितृसत्तात्मक समाज में लड़का और लड़की में जहां अंतर देखा जा सकता है वहीं बेटी और बहू के मामले […]
डॉ डी के गर्ग वर्तमान स्थिति मेरे घर के पास बचपन में एक दुखद घटना हुई की एक महिला ने तांत्रिक के कहने पर पड़ोसी के दोनो बच्चो की निर्मम हत्या इसलिए कर दी ताकि उसको संतान पैदा हो।बच्चो को चुराकर उनकी बलि देने की सेकडो हृदय विदारक घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती है। […]
1947 के बंटवारे को हम सब देशवासियों को एक गंभीर चुनौती और दुखद त्रासदी के रूप में लेना चाहिए । देश के संजीदा लोग इस बात पर सहमत भी हैं कि हमें देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए। इसके उपरांत भी कुछ लोग हैं जो अभी भी देश […]
डॉ. पवन सिंह मलिक “दुनिया सुनना नहीं, देखना पसंद करती है कि आप क्या कर सकते हैं”…. और अपने अंदर छिपी इसी असीम शक्ति की पहचान करवाना, मैं कौन हूँ ओर क्या कुछ कर सकता हूँ इस भाव को परिणाम में बदलने के लिए प्रेरित करने की प्रेरणा है शिक्षक। आज शिक्षक दिवस है और […]
इस समय देश में ‘भारत बनाम इंडिया’ की बहस चल रही है। जो लोग इसे भारत के ‘नाम परिवर्तन’ के साथ जोड़कर देख रहे हैं उनका तर्क है कि देश के संविधान निर्माताओं ने जो नाम रख दिया, वही उचित है। उनके दृष्टिकोण में भारत का नाम ‘इंडियन यूनियन’ ही रहना चाहिए । जो लोग […]
229 दूर नहीं वह पास है, क्यों खोजे नादान ? तेरा मालिक घट बसे, तू नाहक है परेशान।।7 तू नाहक है परेशान , देख उसे अंतर्मन में। वह निकट से निकट , बसा हुआ है मन में।। निकट का आभास , मिले भक्ति में भरपूर। ज्ञानी पिता सर्वज्ञ को, कहते- दूर से भी दूर। 230 […]
सौजन्य : सुभाष काक / स्वराज्य पत्रिका प्राचीन भारतीय मंदिर मानव जाति की कुछ सबसे बड़ी कलात्मक उपलब्धियाँ हैं, जिन्हें दुनियाभर में माना जाता है, लेकिन उनके इतिहास को समझने के लिए पर्याप्त अनुसंधान नहीं किया गया है। वर्तमान की अनिश्चितता और भ्रम के माध्यम से खोज, अतीत का ज्ञान रोशनी प्रदान करता है, जिसके […]