124 विश्व गुरु भारत बने, सबकी सोच समान । चमक उठे संसार में , भारत मां की शान।। भारत मां की शान, अपने शासक होवें। भारत का विस्तार करें, सारे पापों को धोवें।। फिर से हो भोर हमारी, फिर से हों यज्ञ शुरू। धरा आर्यों की होवे , भारत बने विश्व- गुरु।। 125 सुख – […]
कुंडलियां … 42 सुख – शांति संसार में…..
