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आतंकवाद

मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र को उठाने होंगे कड़े कदम

रमेश सर्राफ धमोरा मणिपुर देश के पूर्वोत्तर में स्थित एक महत्वपूर्ण राज्य है। जिसकी सीमा पड़ोसी देश म्यांमार से लगती है। पिछले 3 महीनों से मणिपुर राज्य अंदरूनी हिंसा से जूझ रहा है। यहां की आबादी के दो प्रमुख समुदाय मैतई व कुकी जनजाति के मध्य जातीय संघर्ष छिड़ा हुआ है। जिसमें अब तक सरकारी […]

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आर्थिकी/व्यापार

विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय स्टॉक (पूंजी) बाजार में बढ़ रहा है निवेश

किसी भी देश के लिए स्टॉक (पूंजी) बाजार में हो रहा उतार चढ़ाव उस देश की अर्थव्यवस्था में भविष्य में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है। यदि स्टॉक बाजार में तेजी दिखाई देती है तो इसका आशय सामान्यतः यह लगाया जाता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था में सुधार दृष्टिगोचर है। इसके विपरीत यदि स्टॉक […]

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शिक्षा/रोजगार

किशोरियों के भविष्य का केंद्र बना लाइब्रेरी भारती सुथार

दुलमेरा, लूणकरणसर बीकानेर, राजस्थान डिजिटल टेक्नोलॉजी की धमक के बावजूद कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका महत्त्व कभी ख़त्म नहीं होगा. इन्हीं में एक लाइब्रेरी यानि पुस्तकालय भी हैं. जिनका हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है और सदैव रहेगा. दरअसल इसके पीछे सबसे बड़ी वजह वहां सभी प्रकार की पुस्तकों का उपलब्ध होना है. कई […]

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विविधा

हमारी लापरवाही हमें संकट में डाल देती है हरीश कुमार

पुंछ, जम्मू दक्षिण पश्चिमी मानसून भारत में कुल वर्षा का लगभग 86 प्रतिशत योगदान देते हैं. भारत में मानसून का समय जुलाई से लेकर लगभग सितम्बर तक रहता है. इस दौरान अत्यधिक वर्षा होती है, तो ऐसे में बाढ़ आना स्वाभाविक है. वास्तव में, बाढ़ एक भयंकर प्राकृतिक आपदा है. इसके कारण जब नदी उफनती […]

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कविता

कुंडलियां … 36 यही जगत कौ नीम ….

106 खर्च करो वैसा सुजन, जैसी आमद होय। फैला उतने पांव भी, जितनी चादर हाय।। जितनी चादर होय, मन भी रहता चंगा। मन में है संतोष , तो मिले कठौती गंगा।। संतोषी बन जीवन जियो, हो आदर्श ऐसा। जितना ईश्वर ने दिया, खर्च करो तुम वैसा।। 107 जब तक तन में जान है, भरी ऊर्जा […]

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महत्वपूर्ण लेख

संसद हो या विधानसभाएं, हर जगह हो रहा हंगामा संसदीय लोकतंत्र पर सवाल खड़े कर रहा है

ललित गर्ग भारत की संसदीय प्रणाली दुनिया में लोकप्रिय एवं आदर्श है, बावजूद इसके सत्ता की आकांक्षा एवं राजनीतिक मतभेदों के चलते लगातार संसदीय प्रणाली को धुंधलाने की घटनाएं होते रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। अब संसद की कार्रवाई को बाधित करना एवं संसदीय गतिरोध आमबात हो गयी है। न केवल संसद बल्कि राज्यों की विधानसभाओं में […]

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आतंकवाद

चीरहरण को देख कर, दरबारी सब मौन प्रश्न करे अँधराज पर, विदुर बने वो कौन

यहां बात सिर्फ आरोप-प्रत्‍यारोपों की नहीं है। सवाल सिस्‍टम के बड़े फेलियर का है। क्‍या सिर्फ वीडियो वायरल होने के बाद सरकार के संज्ञान में कोई घटना आएगी? उसका तंत्र क्‍या कर रहा है? क्‍यों दो महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई? क्‍या लोगों की निशानदेही नहीं की जा सकती थी? ऐसे कई बड़े सवाल […]

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आज का चिंतन

शिव – पार्वती विवाह*

* डॉ डी के गर्ग प्रचलित पौराणिक कथा : भगवान शिव को पाने के लिए देवी पार्वती ने कठिन तपस्या की। भोलेनाथ ने कहा कि वे किसी राजकुमार से शादी करें क्योंकि एक तपस्वी के साथ रहना आसान नहीं है। पार्वती की हठ के आगे अंतत: शिव पिघल गए और दोनों का विवाह हुआ। मान्यताओं […]

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देश विदेश

तेजी से भारत को छोड़ती जा रही प्रतिभाओं से उपजे प्रश्न

अशोक मधुप केंद्र सरकार ने राज्यसभा को सरकारी आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी कि साल 2011 के बाद से 16 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी है। राज्य सभा में क्रमबद्ध तरीके से नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों को हर साल का आंकड़ा पेश किया। केंद्र की भाजपा सरकार का जोर […]

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महत्वपूर्ण लेख

मतई वर्ग भी पीड़ित है, इन्हें भी सुरक्षा व न्याय चाहिए ?*

* आचार्य विष्णु हरि सरस्वती मणिपुर की हिंसा पर एंकाकी चर्चा और विमर्श नहीं हो रहा है? क्या मणिपुर की हिंसा की चर्चा व विमर्श संपूर्णता में नहीं होनी चाहिए? क्य सिर्फ हिंसा के लिए आरक्षण ही एक मात्र कारण है?मणिपुर हिंसा के लिए क्या सिर्फ मतई वर्ग ही जिम्मेदार है? क्या कूकी मॉब जिम्मेदार […]

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