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कविता

कुंडलियां … 18 तपसी साधे राष्ट्र को..,…

57 तप जीवन की साधना, तपे सो पंडित होय। तप बढ़ाता राष्ट्र को तप से सब कुछ होय।। तप से सब कुछ होय व्यवस्था अच्छी बनती। मानव की मानव से, तनिक नहीं ठनकती।। ध्यान बढ़े तपसी संगत में जीवन उन्नत बनता। सोना भट्टी में पड़कर ही सचमुच कुंदन बनता।। 58 तपसी साधे राष्ट्र को , […]

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विविधा

गुलामी का खामियाजा वन्यजीवों ने भी चुकाया*____

* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ भारत की गणना जैव विविधता (Biodiversty)अर्थात जीव-जंतुओं पक्षियों की विविधता, संख्या, उपलब्धता के मामले मैं धनी देशों (Megadiverse)में रही है….| जैव विविधता के मामले में भारत महादीपो के बीच टक्कर लेता है.. |लेकिन 700 वर्ष के गुलामी के कालखंड में भारत के आर्थिक संसाधनों को ही नहीं लूटा गया, […]

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संपादकीय

विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई पर विशेष: विश्व नेतृत्व और विश्व जनसंख्या दिवस का पाखण्ड

वर्ष भर में ऐसे बहुत से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय दिवस आते हैं जिनकी पहचान मानवता के हित में किसी विशेष उद्देश्य को लेकर की जाती है। जैसे नेत्रदान दिवस, डॉक्टर्स डे, फादर्स डे, मदर्स डे ,श्रम दिवस, पर्यावरण दिवस इत्यादि। इसी प्रकार वर्ष में हम एक बार विश्व जनसंख्या दिवस भी मनाते हैं। इन दिवसों की […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

गोलवलकर जी का चिंतन और सामाजिक समरसता

लोकेन्द्र सिंह राजपूत हिन्दुओं को जातीय भेदभाव के आधार पर एक-दूसरे के विरुद्ध खड़ा करने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बदनाम करने के प्रयास भारत विरोधी विचारधाराएं प्रारंभ से करती आई हैं। श्रीगुरुजी ने 1 जनवरी 1969 को दैनिक समाचारपत्र ‘नवाकाल’ के संपादक को एक साक्षात्कार दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्रद्धेय माधव […]

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देश विदेश

एससीओ की अध्यक्षता के दौरान भारत ने किया पूरे विश्व को आकर्षित

ललित गर्ग चीन एवं पाकिस्तान जैसे देशों ने एससीओ जैसे सार्थक मंच पर भी शतरंज की बिसात बिछा रखी है, यूं तो पूरा विश्व शतरंज बना हुआ है और सब अपने-अपने मोहरे और अपनी-अपनी चालें चल रहे हैं। विश्व की शतरंज में घोड़ा सीधा और हाथी टेढ़ा चलता है। शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ के सदस्य देश […]

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विविधा

बाढ़ की विभीषिका से विकास में पिछड़ते गांव

फूलदेव पटेल मुजफ्फरपुर, बिहार जुलाई अगस्त का महीना आते ही उप्र, बिहार और उत्तर पूर्वी राज्य बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. जनजीवन बिल्कुल अस्त-व्यस्त हो जाता है. समस्या केवल आदमी तक सीमित नहीं है बल्कि पशुओं के दाना-साना से लेकर चारागाह और चिकित्सा तक की रहती है. बाढ़ आते ही किसानों की फसल […]

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वह था “दयानन्द”…

◆ “तीस करोड नामर्दों में जो अकेला मर्द होकर जन्मा, बरसाती घास-फूस और मच्छरों की तरह फैले हुए मनुष्य जन्तु की मूर्खता की चरमसीमा के प्रमाण स्वरुप मत-मतान्तरों का जिसने मर्दानगी से विध्वंसिनी ज्वाला की तरह विध्वंस किया, मरे हुए हिन्दू धर्म को अपने जादू के चमत्कार से जीवित कर दिया और उसे नोंच नोंच […]

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कविता

कुंडलियां … 17 शशि चांदनी देता है……

54 धन बढ़े है दान से, यश का बने आधार। महकता जीवन रहे , छा जाती है बहार।। छा जाती है बहार, मन भी चंगा रहता। हृदय मुदित रहने से प्रसन्न आत्मा रहता।। जग के व्यापार का संतुलन सही बना रहे। दान से जीवन का मर्यादा पथ सजा रहे।। 55 दान जगदाधार है, यही यज्ञ […]

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विविधा

नीयत साफ तो नियति हर पल साथ

डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 सारी उपासनाओं, साधनाओं और कर्मयोग का यही सार है कि जिसकी नीयत साफ है, भगवान उसी के साथ है। फिर जिसके साथ भगवान है उसे नियति भी हरसंभव सहयोग देती ही देती है। मनुष्य के जीवन में सफलता पाने के लिए मन का साफ होना पहली और अंतिम अनिवार्य शर्त है। […]

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Uncategorised

समान नागरिक संहिता: मुस्लिम महिला दृष्टिकोण से

Praveen Gugnani, guni.pra@gmail.com विदेश मंत्रालय, भारत सरकार मे राजभाषा सलाहकार मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक। पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक॥ भारतीय मुस्लिम समाज के साथ एक बहुत बड़ी दिक्कत है की उसे इस भाव का नेतृत्व कभी नहीं मिल पाता। भारतीय मे मुस्लिम नेतृत्व कभी भी मुखिया मुख सो चाहिए […]

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