रसना रूपी कमान से, चले शब्द के तीर। कोई हियो घायल करे, कोई बंधावे धीर॥2271॥ जब प्रभु-कृपा बरसती है- शमा रोशन हौ गई, रहमत बरसी आज। तू और मैं का भेद ना, मनुआ करता नाज़॥2272॥ पीड़ा भरी पुकार प्रभु अवश्य सुनते है- तुझे पुकारू सुन मेरी, दर्द भरी आवाज। रक्षक मेरा है तू ही, प्रभु […]
महीना: मई 2023
– विनोद बंसल राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिन्दू परिषद भारतीय ज्ञान विज्ञान, परंपराएं, रीति रिवाज व सांस्कृतिक मान्यताएं आज विश्व पटल पर स्वीकार की जाने लगी हैं। भोगवादी जीवन से तंग लोग अपनी पाश्चात्य संस्कृति को तिलांजलि देकर जहां वे एक ओर भारतीय संस्कारों व मान्यताओं को अपना रहे हैं वहीं, कुछ मुट्ठी भर लोग भारतीय जीवन मूल्यों […]
गतांक से आगे… नमूने के तौर पर हम यहां वेदों के कुछ सरलार्थं मन्त्रों को उद्धृत करके दिखलाते हैं कि वेद प्रत्येक आवश्यक विषय की शिक्षा किस प्रकार देते हैं। यहां हम एक एक विषय के दो – दो चार – चार मन्त्र ही देंगे। यह वेदविषयों की एक सूची मात्र ही है। इन विषयों […]
‘निरुक्त’ और ‘निघंटु’ के रचयिता महर्षि यास्क भारत के ही नहीं विश्व के एक अद्भुत शब्दशास्त्री के रूप में प्रसिद्ध हैं। आजकल विद्यालयों के पाठ्यक्रम से यास्क आचार्य जैसे विद्वानों को बहुत दूर कर दिया गया है और भाषा को केवल अभिव्यक्ति का माध्यम मान लिया गया है। फिर चाहे वह कितनी ही गरिमाहीन और […]