ओ३म् ============= स्वामी विद्यानन्द सरस्वती जी आर्यसमाज वा वैदिक धर्म के एक ऐसी मनीषी संन्यासी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन आर्यसमाज के किसी बड़े पद पर न होते हुए भी समाज को अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया एवं वैदिक साहित्य के प्रणयन के क्षेत्र में अविस्मरणीय कार्य किया। उनका जीवन न केवल साधारण अपितु आर्यजगत के […]
महीना: मई 2023
‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ की ओर से थाईलैंड की अंतरराष्ट्रीय परिषद में शोधनिबंध का प्रस्तुतिकरण ! अच्छा अथवा बुरा व्यक्तित्व हमारे जीवन के आध्यात्मिक पहलु से संबंधित होता है । उच्च आध्यात्मिक स्तर प्राप्त अर्थात अच्छी साधना करनेवाला नेता निःस्वार्थी होता है और वो समाज के भलेके लिए कार्य करता है । इसके विपरित अल्प आध्यात्मिक […]
🌻(1) अजन्मा:- ईश्वर को वेद में अजन्मा कहा गया है।यथा ऋग्वेद में कहा है कि- अजो न क्षां दाधारं पृथिवीं तस्तम्भ द्यां मन्त्रेभिः सत्यैः । अर्थात् ‘वह अजन्मा परमेश्वर अपने अबाधित विचारों से समस्त पृथिवी आदि को धारण करता है।’ इसी प्रकार यजुर्वेद में कहा है कि ईश्वर कभी भी नस-नाड़ियों के बन्धन में नहीं […]
जिस समय श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ उस समय कंस जैसा एक राक्षस इस धरती पर शासन कर रहा था। उसने अपनी बहन देवकी और उनके पति वसुदेव को ही कारागार में डाल रखा था। हम सभी जानते हैं कि कृष्ण जी के जन्म लेने से पूर्व वह कंस नाम का राक्षस कृष्ण जी […]
मुजफ्फरपुर ,बिहार ।रविवार को घिरनीपोखर स्थित आर्यसमाज मन्दिर मुजफ्फरपुर के साप्ताहिक अधिवेशन के तहत वैदिक यज्ञ व सत्संग कार्यक्रम सविधि संचालित हुए। यज्ञ का आचार्यत्व करते हुए बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री व ”भारत को समझो अभियान”” के राष्ट्रीय महामंत्री व महोपदेशक प्रो.डा.व्यासनन्दन शास्त्री वैदिक ने कहा कि यज्ञ जहां मानव जीवन का […]
[ब्रह्मचर्य का व्रत धारण करने से मनुष्य ऐश्वर्यशाली बनता है। आज नौजवान ब्रह्मचर्य के व्रत को भूलकर भोगवाद की ओर भाग रहे हैं। ब्रह्मचर्य के अभाव में मनुष्य शारीरिक, मानसिक और आत्मिक उन्नति से वंचित हो रहा है। आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध विद्वान् स्व० पं० बुद्धदेव विद्यालंकार जी (स्वामी समर्पणानन्द जी) का यह लेख ‘आर्य गजट’ […]
आज के समय में अधिकांश व्यक्ति उन खाद्य का सेवन करते हैं जिनमें शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं। इस कारण वे तरह-तरह की परेशानियों का सामना करते है। शारीरिक कमजोरी की समस्या आम हैं। थोड़ा सा काम करने के बाद ही लोग थकावट महसूस करते है। लोग शरीर को ताकतवर […]
प्रवीन मोहता इटावा का एक छात्र कानपुर के एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में पहुंचा। लक्ष्य, IIT से बीटेक करना। एक दिन टीचर ने उस छात्र से एक सवाल किया तो वह सकपका गया। जवाब दिया, ‘अब तक आपने जो पढ़ाया, उसमें से कुछ समझ नहीं आया।’ टीचर यह सुनकर हैरान थे। काउंसलिंग में पता चला कि […]
प्रणय विक्रम सिंह कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो समाज को अपने स्थापित जीवन मूल्यों के प्रति पुनः दृढ़ होने को मजबूर कर देती हैं। कुख्यात माफ़िया सरगना अतीक अहमद और उसके हर गुनाह में बराबर के शरीक अशरफ की हत्या एक ऐसी ही घटना है।निर्बल को न सताइये जाकी मोटी हाय, बुरे काम का […]
डॉ. राधे श्याम द्विवेदी भारत वर्ष के प्रायः हर क्षेत्र में मुख्य रूप से दो वर्गों का बर्चस्व रहा है। एक को शासक और दूसरे को शासित वर्ग कहा जा सकता है। शासक बाहुबली वर्ग के बारे में लोगों की आम जन अवधारणा में कोई विशेष परिवर्तन अभी तक नही दिखता है। राजशाही तो संविधान […]