ओ३म् मौलाना कैसे बने आर्य प्रचारक पंडित भोजदत्त आर्य मुसाफिर आगरा में पंडित लेखराम जी की स्मृति में आर्य मुसाफिर उपदेशक विद्यालय चलाते थे एवं ‘आर्य मुसाफ़िर’ के नाम से साप्ताहिक पत्र का संपादन भी करते थे। इस्लाम की मान्यताओं की तर्क पूर्ण समीक्षा इस पत्र में छपती रहती थी जिसे पढ़कर अनेक मुसलमान भाई […]
महीना: मई 2023
महाराणा प्रताप सिंह अपने पितामह राणा संग्राम सिंह के प्रति अत्यधिक समर्पित थे। वह उन्हीं की भांति वीरता और देशभक्ति के कीर्तिमान स्थापित करना चाहते थे। उनका संकल्प यही था कि जैसे उनके पितामह महाराणा संग्राम सिंह ने मुगलों और मुसलमानों को देश से बाहर निकालने के लिए कार्य किया था वैसे ही जीवन भर […]
स्वाभिमान के पुरोधा अनुपम योद्धा महाराणा प्रताप की 483 वीं जयंती 9 मई पर विशेष भारत के स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप की 483 वीं जयंती के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। हल्दीघाटी के मैदान में युद्ध करने की योजना महाराणा प्रताप ने गोगुंदा के किले में रहते हुए बनाई थी। जब […]
रुपी उदयपुर, राजस्थान देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाली शारीरिक एवं यौन हिंसा को लेकर हाल में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. सर्वे के मुताबिक, 18 से 49 साल की आयु वाली लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें 15 साल की उम्र के बाद शारीरिक हिंसा […]
अनन्या मिश्रा त्यागराज ‘कर्नाटक संगीत’ के महान ज्ञाता और भक्ति मार्ग के एक प्रसिद्ध कवि थे। त्यागराज ने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उन्होंने समाज और साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध करने का काम किया था। त्यागराज की हर रचना में इनकी विद्वता झलकती है। बता दें कि […]
संसार के सबसे पहले पत्रकार : महर्षि नारद मन की गति को जो समझ ले और उस पर अधिकार करके जितनी तीव्रता से कहीं मन पहुंचने में सक्षम हो पाता है ,उतनी तीव्रता से अपने आपको उस स्थान पर उपस्थित करा दे, उसे नारद कहते हैं। महर्षि नारद को संसार का सबसे पहला पत्रकार कहा […]
प्रभु-प्रदत्त विभूति अर्थात् विलक्षणता के संदर्भ में:- “शेर” तौफीक है ख़ुदा की, ये मुनव्वर जो तेरा। नादानगी से कहता, ये मुनव्वर है मेरा॥ है जुगनू जैसा डेरा , तू सिर झुका कर कह दे, जो भी दिया है तेरा॥ भाव यह है किं प्रभु-प्रदत्त विभूतियाँ अर्थात- विलक्षणताएँ परम-पिता परमात्मा की दिव्य दौलत हैं। भगवान कृष्ण […]
गतांक से आगे…. यजुर्वेद में लिखा है कि- शतमिन्नु शरदो अन्ति देवा यत्रा नश्रवका जरसं तनूनाम् । पुत्रासो यत्र पितरो भवन्ति मा नो मध्या रीरिषतायुर्गन्तोः ।। (यजु० 25/22) अर्थात् है विद्वानो ! मनुष्य की आयु सौ वर्ष नियत है, अतः जब तक हमारे शरीरों की जरा अवस्था न हो जाय और हमारा पुत्र भी पिता […]
भले ही भारत के सेकुलर इस्लाम को धर्म कहते रहें ,लेकिन जिन विद्वानों ने निष्पक्ष रूप से इस्लामी साहित्य का गहन अध्ययन किया हैं ,उन्होंने इस्लाम को धर्म नहीं माना है क्योंकि इस्लाम के विचार मानवता विरोधी , तर्कहीन , परस्पर विरोधी और कल्पित मान्यताताओं पर आधारित है , और यदि इस्लाम को एक ऐसा […]
=================== ब्राम्हणों की कथित यूनियनबाजी के खिलाफ अब धीरे-धीरे हिन्दुत्व की अन्य जातियों का गुस्सा सामने आ रहा है। राजद के वरिष्ठ नेता और राष्टीय सचिव यदुवंश यादव ने ब्राम्हणों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाला, उसने ब्राम्हणों को विदेशी कहा, इतना ही नहीं बल्कि ब्राम्हणों को लड़ाने वाला भी कहा। उसने ब्राम्हणों से दूर रहने […]