इस देश को सबसे बड़ा नुकसान दो प्रधानमंत्रियों के काल में हुआ… जिसमें पहला नाम है इंद्र कुमार गुजराल. इंद्र कुमार गुजराल – पैदाइशी कम्युनिस्ट जो कांग्रेस में गए और फिर जनता दल में… 1996 में जब देवेगौड़ा प्रधानमंत्री थे तब कम्युनिष्टों की पसंद गुजराल को विदेश मंत्री बनाया और तब ही से भारत के […]
Month: April 2023
🚩 साध्वी प्रज्ञा सिंह ने जेल में रहते हुए जो 2013 में चिट्ठी लिखी थी, उसे हर हिंदुस्तानी को पढ़ना चाहिए जिससे हिंदू धर्मगुरुओं पर कितना अत्याचार होता है वह पता चल जाएगा । 🚩 आइए जानते हैं क्या लिखा था साध्वी ने… 🚩 मैं साध्वी प्रज्ञा चंद्रपाल सिंह ठाकुर, उम्र-38 साल, पेशा-कुछ नहीं, 7 […]
मुगल शासनकाल के दौरान बादशाह औरंगजेब का आतंक बढ़ता ही जा रहा था। चारों और औरंगज़ेब की दमनकारी नीति के कारण हिन्दू जनता त्रस्त थी। सदियों से हिन्दू समाज मुस्लिम आक्रांताओं के झुंडों पर झुंडों का सामना करते हुए अपना आत्म विश्वास खो बैठा था। मगर अत्याचारी थमने का नाम भी नहीं ले रहे थे। […]
काबा के गिलाफ का इतिहास
काबा के गिलाफ का इतिहास विश्व में जितने भी धर्म और संप्रदाय हैं सभी के अपने अपने उपासना स्थल या भवन है ,जिनमे कुछ तो ऐसे भी हैं जो अपनी स्थापत्य कला और निर्माण शैली के विश्व में विख्यात हैं जिनको देखने के लिए अन्य धर्म के लोग भी जाते हैं यह भवन इस प्रकार […]
सौम्या ज्योत्सना मुजफ्फरपुर, बिहार बिहार में कला और संस्कृति के नाम मधुबनी पेंटिंग और भाषा के रूप में भोजपुरी विश्व पटल पर अपनी पहचान रखता है. आमतौर पर लोग भोजपुरी को केवल एक भाषा के तौर पर ही जानते हैं, जबकि कला के रूप में भी इसकी एक पहचान रही है. लेकिन वर्तमान समय में […]
हमारे उपनिषद हमारे महान ऋषियों की मेधा शक्ति और उनकी आध्यात्मिक शक्ति के प्रदर्शन का एक अकाट्य प्रमाण है। उपनिषदों के गूढ़ रहस्यों को समझकर हमें यह पता चलता है कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही बौद्धिक जागृति की हलचल रही है। साधना की अमोघ शक्ति की घुट्टी पीकर हमारे ऋषियों ने प्रकृति […]
रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने में सिर्फ सात महीने का समय रह गया है। ऐसे में अब सभी राजनीतिक दल अपने संगठन को मजबूत बना कर चुनावी व्यूह रचना बनाने में लग गए हैं। जहां सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मानना है कि उनकी लोक हितकारी योजनाओं से इस […]
** स्वामी दयानन्द के पूना प्रवास के समय ज्योतिबा फुले स्वामी जी का विशेष स्वागत करने वालों में से थे। फुले के आग्रह पर स्वामी दयानन्द फुले द्वारा स्थापित दलित लड़कियों की पाठशाला में गायत्री मंत्र पर उपदेश देने गए थे। फुले की संस्था ने स्वामी दयानन्द जी के सम्मान हेतु प्रशस्ति पत्र भी भेंट […]
नरेन्द्र सिंह बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड पलायन पर्वतीय क्षेत्रों के लिए गंभीर समस्या के रूप में उभर रही है. उत्तराखंड में रोज़गार की कमी, राज्य में पलायन का सबसे बड़ा कारण आंका गया है. जिसके कारण बड़ी संख्या में युवा राज्य से बाहर जा रहे हैं. आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 के अनुसार उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड […]
वेदों के अद्वितीय विद्वान और समाज सुधारक महर्षि दयानन्द सरस्वती जुलाई, 1875 में पूना गये थे और वहां आपने 15 व्याख्यान दिये थे जो आज भी लेखबद्ध होकर सुरक्षित हैं। सत्यशोधक समाज के संस्थापक महात्मा ज्योतिबा फुले महर्षि दयानन्द के व्याख्यान सुनने आते थे। दोनों परस्पर प्रेमभाव व मित्रता के संबंधो में बन्ध गये। पूना […]