कठोपनिषद में एक बहुत सुंदर आख्यान आया है। वहां पर उल्लेखित किया गया है कि एक बार वाजश्रवा के पुत्र उद्दालक आरुणि ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। बताया गया है कि ऋषि उद्दालक ने उस यज्ञ में अपना सारा धन दान में दे दिया था। ऋषि उद्दालक आरुणि के पुत्र का नाम नचिकेता […]
महीना: अप्रैल 2023
इस्लाम का अविष्कार मानव बम
मुसलमानों ने आज तक एक भी ऐसा अविष्कार नहीं किया ,जिस से ,हरेक व्यक्ति को फायदा हो सके ,लेकिन मुसलमानों ने लोगों को बर्बाद करने और उनको मारने के अनेकों अविष्कार किये हैं ,मुसलमानों की नीति है कि हर उपाय से दूसरों को मारा जाये ,चाहे ऐसा करते समय हम खुद क्यों न मर जाएँ […]
ओ३म् =========== महात्मा बुद्ध को उनके अनुयायी ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक मानते हैं। इस सम्बन्ध में आर्यजगत के एक महान विद्वान पं. धर्मदेव विद्यामार्तण्ड अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘‘बौद्धमत एवं वैदिक धर्म” में लिखते हैं कि आजकल जो लोग अपने को बौद्धमत का अनुयायी कहते हैं उनमें बहुसंख्या ऐसे लोगों की है जो […]
कभी लावा भू-गर्भ में, कभी शिखर बन जाय। बर्फ की चादर मिल गई, हरियाली छुट जाय॥2264॥ प्रभु से जब भी मांगो तो इन तीनो को मांगो दिव्य गुणो से चित मेरा, होय सदा भरपूर। सरस्वती हो वाक में, आत्मा में हरि – नूर॥2265॥ लालच बुरी बलाय है लालच में मत पाप कर, भोगेगा तू आप। […]
इतिहास से जो पन्ने हटा दिए गए हैं उन्हें वापस संकलित करना ही होगा क्यूंकि वही हिन्दू रेजिस्टेंस और शौर्य के प्रतीक हैं। इतिहास में तो ये भी नहीं पढ़ाया गया है कि हल्दीघाटी युद्ध में जब महाराणा प्रताप ने कुंवर मानसिंह के हाथी पर जब प्रहार किया तो शाही फ़ौज पांच छह कोस दूर […]
दीवान बहादुर हरबिलास शारदा जी ने इंग्लिश में 1943 में लिखी थी। लम्बे समय से इसकी हिन्दी मे करने की मांग थी। अब यह हिन्दी मे है।इसे मंगवाने के लिए 7015591564 पर Whatsapp करे. मूल्य ₹700 डाक खर्च सहित। 824 पृष्ठ सजिल्द। इस पुस्तक से कुछ अंश। महर्षि दयानन्द द्वारा स्थापित आर्यसमाज। (१) प्रथम आर्यसमाज […]
परदे वाली अल्लाह !!
भारतीय धर्मों में इश्वर को अनेकों रूप से माना जाता है .उसे माता ,पिता ,बंधू और अपना मित्र तक कहा गया है .अर्थात वह पुरुष और स्त्री दोनो ही हो सकता है .भारत में देवताओं के साथ देवियों की भी पूजा की जाती है .इसी के साथ कई महिला संतों का आदर करते हैं .इस्लाम […]
योगी आदित्यनाथ इस समय एक कठोर प्रशासक की छवि बना चुके हैं। स्पष्ट है कि उनकी यह कठोरता जनसाधारण के लिए न होकर उन असामाजिक और राष्ट्र विरोधी तत्वों के प्रति है, जो लोगों का जीना मुहाल करते हैं और राष्ट्र की मुख्यधारा में किसी न किसी प्रकार का विघ्न डालते रहते हैं। किसी भी […]
अतिप्राचीन भारत में कैलाश पर्वत के आसपास भगवान शिव के गणों की सत्ता थी। उक्त इलाके में ही दक्ष राजा का भी साम्राज्य था। ऐसा माना जाता है कि कश्यप ऋषि कश्मीर के पहले राजा थे। कश्मीर को उन्होंने अपने सपनों का राज्य बनाया था और कश्यप ऋषि के नाम पर ही कश्यप सागर (कैस्पियन […]
ललित गर्ग चालीस सालों तक सियासत की दुनिया में जिस अतीक अहमद का सिक्का सबसे खरा था, उसी माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को कैमरे के सामने तीन शूटरों ने मौत के घाट उतार दिया। अशरफ और अतीक के खामोश हो जाने के बाद अब गुड्डू मुस्लिम को लेकर कई तरह के कयास लगाए […]