हाय! जननी जन्मभूमि छोड़कर जाते हैं हम | वश नहीं चलता है रह-रह कर पछताते हैं हम || स्वर्ग के सुख से भी ज्यादा सुख मिला हमको यहां| इसलिए तजते इसे हर बार शरमाते हैं हम || ऐ नदी, नालों, दरख्तो , ये मेरा कसूर , माफ करना जोड़ ,कर ,तुमसे फरमाते हैं हम| मातृभूमि! […]
Month: April 2023
अशोक भाटिया स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इन दिनों राजस्थान उबाल पर है। यह देश की पहली ऐसी राज्य सरकार है, जिसने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत लाया राइट टू हेल्थ बिल 2022 बीती 21 मार्च को पारित किया है। विधेयक के प्रावधानों से असंतुष्ट लगभग 2,500 निजी अस्पतालों के डॉक्टर सड़कों पर हैं। इस […]
वराहमिहिर भारत की गौरवशाली वैज्ञानिक परंपरा के महातेजस्वी नक्षत्र हैं। इनका जन्म 499 ई0 में और मृत्यु 587 ई0 में हुई मानी जाती है । अपने जीवन काल में उन्होंने भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री के रूप में संसार भर में विशेष कीर्ति प्राप्त की थी। उनके तेजस्वी जीवन के कारण भारत को भी विश्व भर […]
=================== आचार्य श्री विष्णुगुप्त निरोध शब्द का प्रयोग करना सही प्रतीत नहीं होता है। निरोध शब्द का प्रयोग करने से सभ्य लोग बचते हैं। लेकिन जब पानी सिर से उपर बहने लगता है तब निरोध जैसे शब्द का प्रयोग करना मजबूरी बन जाती है। हिन्दुओं पर निरोध शब्द का प्रयोग बहुत ही सटीक हैं। निश्चित […]
डी के गर्ग धर्म गुरुओं की मार्केटिंग वर्तमान मे देश में छोटे बड़े हजार से ज्यादा स्वयंभू धर्म गुरु उपलब्ध है जो स्वयं को भगवान का दूत बताने से नही हिचकते, अधिकांश अनपढ़ है जो चमत्कार दिखाने और आशीर्वाद देने में माहिर हैं,इनके दरबार में खूबसूरत महिलाओं का जमावड़ा रहता है और ये जोड़े में […]
ओ३म् -आर्यसमाज धामावाला, देहरादून का रविवारीय सत्संग- ========== आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के आज दिनांक 2-4-2023 के रविवासरीय सत्संग में गुरुकुल कांगड़ी से पधारे विद्वान डा. योगेश शास्त्री जी का व्याख्यान हुआ। उन्होंने कहा कि संगीत वही है जिसके सुनने से मनुष्य आनन्दविभोर हो जाये। आचार्य जी ने ऋषि दयानन्द के ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्य भूमिका, संस्कारविधि […]
अभी 3 अप्रैल को हमने छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है। आज का यह लेख हम उन्हीं को समर्पित कर रहे हैं। जिससे यह स्पष्ट होगा कि उनकी मृत्यु के बाद भी बहुत देर तक उनके वंशज और देश के क्रांतिकारी उनसे किस प्रकार प्रेरणा लेते रहे थे ? […]
लेखक- पं० युद्धिष्ठिर मीमांसक जिस समय योरोपीय देशों में वेदार्थ जानने के लिए प्रत्यन हो रहा था, उसी समय भारत में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने एक सर्वथा नई दृष्टि से वेदार्थ करने का उपक्रम किया। स्वामी दयानन्द का वेदार्थ इन दोनों प्रकार के वेदार्थों से भिन्न था। स्वामी दयानन्द ने वेदार्थ की प्राचीन और अर्वाचीन […]
डा0 घनश्याम बादल महावीर व उनकी शिक्षाएं शाश्वत प्रकाशपुंज हैं ।अहिंसा, दया, करुणा व मानव मात्र की भलाई के बारे में सोचने वाले इस महापुरुष की आज जयंती है । वैशाली के राजकुमार संन्यास से पूर्व के वर्धमान महावीर स्वामी का जीवन त्याग और तपस्या का साक्षात् उदाहरण है। उनके अनुसार सत्य के पक्ष में […]
ऋषिराज नागर (एडवोकेट) हमारे देश में विधि-व्यवसाय या वकालत एक सम्मानजनक व्यवसाय या कार्य है। इसलिए वकील को इस पेशे की मर्यादा का ध्यान रखकर मेहनत – ईमानदारी,लगन के साथ अपना कार्य करना पड़ता है। शुरुआत – “सर्वप्रथम वकील को समय पर अपने आफिस जाना चाहिए, जो भी वादकारी वकील के आफिस पर अपना कार्य […]