Categories
इतिहास के पन्नों से

कम्युनिस्ट ना तो देश के कभी हुए हैं और ना हो सकेंगे

कम्युनिस्ट न देश के थे, न होंगे मार्क्सवाद के प्रणेता कार्ल माक्र्स की समग्र रचनाओं में “राष्ट्र” नामक इकाई के लिए कोई स्थान नहीं है। मार्क्सवादी तो केवल सर्वहारा को जानता है, जिसे मार्क्स ने “प्रोलेतेरियत” कहकर पुकारा है और जो उसके अनुसार भौतिक द्वंद्ववाद के आधार पर हो रहे ऐतिहासिक विकास-क्रम में पूंजीवाद की […]

Categories
भारतीय संस्कृति

गुरु बिन मुक्ति नाही* भाग 5

डॉ डी के गर्ग कबीर ने कहा है जाका गुरु भी अंधला, चेला खरा निरंध अँधा-अँधा ठेलिया, दून्यू कूप पड़ंत 1जीवन में दुःख का कारण मनुष्य के स्वयं के कर्म हैं। जो जैसा करेगा वो वैसा भरेगा के वैदिक सिद्धांत की अनदेखी कर मनुष्य न तो अपने कर्मों को श्रेष्ठ बनाने का प्रयत्न करना चाहता […]

Categories
स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य दिवस (07 अप्रैल) पर विशेष कितना मुमकिन है सभी के लिए स्वस्थ परिवेश उपलब्ध कराना?

हरीश कुमार पुंछ, जम्मू कहते हैं कि स्वास्थ्य ही जीवन है. वास्तव में प्रथम सुख ही निरोगी काया को कहा गया है. किंतु आज की व्यस्त एवं तनावग्रस्त जिंदगी में मानव अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहा है. काम, व्यस्तता और तनाव के कारण ही इंसान के स्वास्थ्य पर लगातार प्रतिकूल प्रभाव […]

Categories
समाज

नहीं बदली है माहवारी से जुड़ी अवधारणाएं

नैना सुहानी मुजफ्फरपुर, बिहार मासिक धर्म एक ऐसा विषय है जिस से ग्रामीण इलाकों में अनगिनत अंधविश्वास और पुरानी सोच जुड़ी हुई है. सामाजिक प्रतिबंध के कारण यहां ऐसे विषयों पर बात करना भी पाप माना जाता है. जिस वहज से महिलाएं सही जानकारी के अभाव में बीमारियों का शिकार हो जाती हैं और उन्हें […]

Categories
राजनीति

भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नेताओं की बेलगाम जुबान

योगेंद्र योगी यह पहला मौका नहीं है जब किसी राष्ट्रीय स्तर के नेता को अदालत से मिली सजा और उसके बाद संसद की सदस्यता गंवानी पड़ी हो। इससे पहले राजद के नेता लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता सहित कई नेताओं को विधानसभा और लोकसभा से सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। देश के विकास […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

यज्ञ ( हवन ) करने की सटीक और सही विधि

यज्ञ ( हवन ) करने की सटीक और सही विधि :- हमारे बहुत से आर्य समाज के मित्र या अन्य सनातनी भी बहुत सा यज्ञ करते और करवाते हैं परन्तु यज्ञ का पूरा लाभ जैसा कि शास्त्रों में वर्णित है वैसा लाभ नहीं उठा पाते हैं । इसका कारण है कि बहुत से प्रकार की […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

ममता बनर्जी : डंडा पड़ने मात्र की देर है….

बात उन दिनों की है जब क्रांतिवीर सावरकर जी की योजना अनुसार महान क्रांतिकारी मदनलाल ढींगरा ने कर्जन वायली को गोली से उड़ा दिया था और कहा था कि कर्जन वायली स्वर्गधाम का नहीं , अपितु नरक धाम का अधिकारी है । इस हत्याकांड का केस लंदन की एक अदालत में विचाराधीन था । तभी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

देश के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज को ऐसे मिली थी छत्रपति की उपाधि

अनन्या मिश्रा छत्रपति शिवाजी महाराज की 3 अप्रैल को मौत हो गई थी। वह अपनी बहादुरी, रणनीति और प्रशासनिक कौशल के लिए प्रसिद्ध थे। शिवाजी ने अपना पूरा जीवन स्वराज्य और मराठा विरासत पर ध्यान केंद्रित किया था। शिवाजी अपनी गुरिल्ला युद्ध कला से दुश्मनों को धूल चटाते थे। एक वीर योद्धा, सैन्य रणनीतिकार, एक […]

Categories
भारतीय संस्कृति

गुरु बिन मुक्ति नाही* भाग -४

गुरु बिन मुक्ति नाही डॉ डी के गर्ग गुरु , उपदेशक,आचार्य,शिक्षक का भेद समझें ये समझना बहुत जरूरी है इसी अज्ञानता के कारण धर्म प्रचारक पहले गुरु की उपाधि से सुशोभित होते है और फिर धीरे धीरे स्वयं को ईश्वर का दूत बताकर पूजने लगते है। ये स्पष्ट हो चुका है कि गुरुओं का गुरु […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

संदर्भ: 6 अप्रेल, भाजपा स्थापना दिवस भाजपा: वैचारिक धुंधकाल के निराकरण का तंत्र

गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में राजभाषा सलाहकार विमर्श या नैरेटिव के नाम पर भारत में एक अघोषित युद्द चला हुआ है। इन दिनों भारत में चल रहा विमर्श शुद्ध राजनैतिक है। राजनीति और कुछ नहीं समाज का एक संक्षिप्त प्रतिबिंब ही है। विमर्श में यह प्रतिबिंब विषय व समयानुसार कुछ छोटा या बड़ा होता […]

Exit mobile version