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विविधा

” जयन्ती ” शब्द के बारे में भ्रांति निवारण

डॉ.राधे श्याम द्विवेदी सोसल मीडिया में एक खबर कहीं से आ गई कि जीवित व्यक्ति की जयंती नहीं मनाई जाती है,नश्वर व्यक्ति की जयंती मनाई जाती है। यह कथन बिल्कुल सत्य नहीं है। आइए ” जयन्ती” शब्द के बारे में कुछ विचार विमर्श कर लें। केवल सही विश्लेषण को आगे बढ़ाएं। भ्रांतियां और गलत संदेश […]

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आर्थिकी/व्यापार

रेपो दर में वृद्धि को रोकना, भारतीय रिजर्व बैंक का साहसिक निर्णय

पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से पूरे विश्व में लगभग सभी देश लगातार बढ़ती मुद्रा स्फीति की दर को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ब्याज दरों में वृद्धि करते जा रहे हैं। अभी हाल ही में अमेरिका ने यूएस फेड दर में 25 आधार अंकों की एवं ब्रिटेन ने केंद्रीय ब्याज दर में […]

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भारतीय संस्कृति

निरंकारी मिशन का सच-* भाग 1

भाग 1 डॉ डी के गर्ग निवेदन:कृपया लेख पूरा पढ़े,अपने विचार बताए और अन्य ग्रुप में फॉरवर्ड करे। प्रश्न : निरंकारी मिशन क्या हिन्दू धर्म का एक हिस्सा है ? २ निरंकारी मिशन क्या एक परिवार की धरोहर है ? ३ निरंकारी मिशन वास्तव में है क्या ? निरंकारी मिशन का इतिहास : १९वीं शताब्दी […]

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आज का चिंतन

पंच महायज्ञ की वैदिक परंपरा और मानव समाज

वेदो के अनुसार मनुष्य को प्रतिदिन अपने जीवन में पाँच महायज्ञ जरूर करने चाहिए।* (1) ब्रह्मयज्ञ :- ब्रह्म यज्ञ संध्या ,उपासना को कहते है। प्रात: सूर्योदय से पूर्व तथा सायं सूर्यास्त के बाद जब आकाश में लालिमा होती है, तब एकांत स्थान में बैठ कर ओम् वा गायत्री आदि वेद मंत्रों से ईश्वर की महिमा […]

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इतिहास के पन्नों से

आर्य सुधारक थे महात्मा बुद्ध”

ओ३म् -मन मोहन कुमार आर्य, देहरादून। बौद्ध मत के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध के बारे में यह माना जाता है कि वह आर्य मत वा वैदिक धर्म के आलोचक थे एवं बौद्ध मत के प्रवर्तक थे। उन्हें वेद विरोधी और नास्तिक भी चित्रित किया जाता है। हमारा अध्ययन यह कहता है कि वह वेदों को मानते […]

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कृषि जगत

कौन सुनेगा श्रमिक महिलाओं का दर्द?

वंदना कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदंड खेती-किसानी और मजदूरी है. यदि खेती नहीं हो, तो आदमी खाएगा क्या? आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के मुताबिक कृषि में सकल घरेलू उत्पाद की हिस्सेदारी 20.2 फीसदी है. भारत की तकरीबन आधी जनसंख्या रोजगार के लिए खेती बाड़ी पर ही निर्भर है. कृषि द्वितीयक उद्योगों के […]

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मुद्दा

राजस्थानी को कब हासिल होगा निज भाषा का गौरव?

देवेन्द्रराज सुथार जालौर, राजस्थान मातृभाषा किसी भी देश या क्षेत्र की संस्कृति और अस्मिता की संवाहक होती है. इसके बिना मौलिक चिंतन संभव नहीं है. नई शिक्षा नीति में कक्षा 5 तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में रखने की बात कही गई है, लेकिन राजस्थान के लोग मातृभाषा में शिक्षा पाने […]

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आतंकवाद विशेष संपादकीय

सांप्रदायिक दंगे और हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य

कुछ लोग भारत में सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए यह तर्क देते हैं कि भारत में प्राचीन काल से ही सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने के प्रति लोगों में सतर्कता बनी रही है । इस बात से किसी सीमा तक हम भी सहमत हैं , परंतु हमारी सहमति वहीं तक है जहां तक […]

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Uncategorised

हुतात्मा महाशय राजपाल की बलिदान गाथा एवं #रंगीला_रसूल

🙏 6 अप्रैल बलिदान दिवस पर प्रकाशित #डॉविवेकआर्य 🚩सन १९२३ में मुसलमानों की ओर से दो पुस्तकें “#१९वींसदीकामहर्षि” और “#कृष्णतेरीगीताजलानीपड़ेगी ” प्रकाशित हुई थी। 🚩पहली पुस्तक में आर्यसमाज का संस्थापक #स्वामीदयानंद का सत्यार्थ प्रकाश के १४ सम्मुलास में कुरान की समीक्षा से खीज कर उनके विरुद्ध आपत्तिजनक एवं घिनौना चित्रण प्रकाशित किया था जबकि दूसरी […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

बड़ा बुरा लगता है जब लोकतंत्र की जननी भारत को कोई लोकतंत्र का पाठ पढ़ाता है

डॉ. आशीष वशिष्ठ मामले ने तूल तब पकड़ा जब राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त होने पर प्रतिक्रया देते हुए जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में अपेक्षा की कि राहुल गांधी पर कार्रवाई करते हुए न्यायिक स्वतंत्रता के मानकों और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों का ध्यान रखा जाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन में […]

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