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इतिहास के पन्नों से

सनातन शब्द की व्याख्या

================ पंडित गंगा प्रसाद उपाध्याय ‘सनातन’ शब्द का अर्थ है ‘सदा एक सा रहने वाला’। इसीलिये ईश्वर को भी ‘सनातन’ कहते हैं। सनातन धर्म का अर्थ है वह धर्म या नियम जो कभी बदलें नहीं, सदा एक से रहे। अथर्ववेद में ‘सनातन’ शब्द का यह अर्थ किया गया है :- “सनातनमेनमाहुरताद्य स्यात् पुनर्गवः । अहो […]

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इसलाम और शाकाहार

अजान यानी दंगाफसाद का प्लान

इस लेख को पढ़ने से पहले पाठक पहले इस बात को अच्छी तरह से समझ लें कि मुसलमान हमेशा दंगा फसाद करने का कोई न कोई बहाना निकलते रहते हैं , जैसे रस्ते पर नमाज , दूसरो की भूमि पर मजार बना देना इत्यादि , यह चाहते है कि सरकार हमेशा उलझी रहे और हमेशा […]

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विविधा

पूर्णिमा और अमावस्या

भारतीय मनीषा में प्रत्येक पर्व के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण है। इसका कारण भारतीय धर्म का वैज्ञानिक स्वरूप है। भारतीय संस्कृति का पावन भवन कर्म और विज्ञान के समुच्चय पर खड़ा किया गया है। इस समुच्चय को ही ‘सत्य’ और ‘धर्म’ माना गया है। कर्म को जीवन का आधार बनाकर ज्ञान-विज्ञान से उसका […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

संविधान में दिए गए चित्र और उनके संदेश

हमारे देश के संविधान को बनाने के लिए 29 अगस्त 1947 को डॉ अंबेडकर की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया था। संविधान की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा की अध्यक्षता में हुई थी। 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष […]

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उगता भारत न्यूज़

भारत का वैभवपूर्ण इतिहास लेखन समय की आवश्यकता : डॉ राकेश कुमार आर्य

महरौनी (विशेष संवाददाता ) भारतवर्ष के सुप्रसिद्ध इतिहासकार एवं ‘भारत को समझो’ अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने ने यहां पर अलग-अलग स्थानों पर तीन सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का वैभवपूर्ण इतिहास लेखन समय की आवश्यकता है। डॉ आर्य ने महरौनी ब्लाक में आयोजित की गई पहली […]

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इतिहास के पन्नों से

महामानव कान्हा रावत जिन्होंने क्रूर औरंगजेब से सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था.

धर्म बलिदानी कान्हा रावत का जन्म दिल्ली से 60 मील बहीन गाँव में चौधरी बीरबल के घर माता लाल देवी की कोख से संवत 1697 (सन 1640) में हुआ. वह समय भारत में मुग़ल साम्राज्य के वैभव का था. हर तरफ मुल्ले मौलवियों की तूती बोलती थी. औरंगजेब ने 9अप्रेल 1669 को फरमान जारी किया- […]

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महत्वपूर्ण लेख

डॉ0जाकिर नाईक को जवाब ?

धरती पर जितने भी मत पंथ हैं, सब की अपनी अपनी पुस्तकें भी हैं जिसे धर्म पुस्तक के नाम से कहा जाता है, किसी का कुरान है, किसीका बाईबिल है, किसीका पूराण है , किसी का त्रिपिटक है, किसी का जिन्दावेस्ता है, किसी का तौरैत है, किसी का जाबुर है, किसी का इन्जील है आदि […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

वेदोत्पत्ति ऋषि की दृष्टि का

वेदोत्पत्ति ऋषि की दृष्टि का || मैंने आप लोगों को बताया था वेदोत्पत्ति के विषय को ऋषि दयानन्द सरस्वती जी ने अपना विचार क्या दिया है, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका में, उसपर एक मन्त्र को उठाकर, ईश्वर की दयालुता पर लिखा है, जिसमें यह भी दिखाया की जो ईश्वर दयालु है, वह कभी किसी मनुष्य को यह उपदेश […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

नशेड़ी_युवक_से_क्रांतिकारी_रामप्रसाद_बिस्मिल

आर्य सागर खारी🖋️ शहीद रामप्रसाद बिस्मिल का जीवन प्रेरणा बन सकता है उन हजारों लाखों भारत के नव युवको के लिए जो नशे धूम्रपान की गिरफ्त में फंसे हुए हैं..| राम प्रसाद बिस्मिल को किशोरावस्था में घर से पैसे चुराने सिगरेट पीने भांग पीने तथा #उपन्यास पढ़ने जैसी कई बुरी आदतें लग गई थी छठी […]

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आज का चिंतन

मधुमास मधुमक्खी और मधु”

================== मधुमक्खी गजब का परिश्रमी सामाजिक बुद्धिमान कीट है । मधुमक्खी अपना जीवन अप्रैल से लेकर सितंबर इन 6-7 महीनों में जी लेती है…. सितंबर के पश्चात सर्दियों का मौसम मधुमक्खियों के लिए बहुत बेरहम विध्वंसक होता है…. इस मौसम में मधुमक्खियां भुख ठंड से मरती हैं। छत्ते में शहद लगभग खत्म हो जाता है […]

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