पंचभूत से जग रचा, रचनाकार महान। स्थूल समाया सूक्ष्म में, मन होता हैरान॥2257॥ वेद ने विधाता को हिरण्यगर्भः क्यों कहा:- क्षितिज से उस पार क्या, क्या उनका आधार। सृष्टि तेरे गर्भ में, पालक सर्वाधार॥2258॥ विशेष : देवताओ को भूख क्यो नही लगती- देवत्त्व को जो प्राप्त हो हो, उड़ै पार्थिव भूख। तन्मात्राओं से तृप्त हो, […]
Month: April 2023
गतांक से आगे….. प्रायः लोग कहा करते हैं कि मनुष्यों को ज्ञान की जितनी आवश्यकता है, वह सभी ज्ञान वेदों में हितार्थी मैं – नहीं है, अर्थात् हमारे व्यवहार में आनेवाली ऐसी अनेक बातें हैं, जिनका वर्णन वेदों में नहीं है, इसलिए वेदों के साथ जबतक अन्य ग्रन्थों की शिक्षा भी सम्मिलित न की जाय, […]
ऋषिराज नागर (एडवोकेट) बच्चों के निर्माण में माता-पिता को किसी प्रकार का प्रमाद नहीं करना चाहिए। हमें संस्कार देने के लिए कदम कदम पर उनका ध्यान रखना माता-पिता का सबसे बड़ा कर्तव्य धर्म है। यदि नासमझी से हमारा बच्चा किसी से वाद- विवाद या झगड़ा -फिसाद करता है, तो सबसे पहले हमें अपने बच्चे को […]
क्या मूर्तिपूजा सीढ़ी है ???
प्रश्न:- क्या मूर्तिपूजा सीढ़ी है ??? उत्तर :- जी हाँ !! बिलकुल यह सत्य है | मूर्तिपूजा सीढ़ी ही है | देखिये, किस प्रकार एक मूर्तिपूजक सीढ़ी-दर-सीढ़ी आगे ही आगे बढ़ता है और कभी पीछे हटता नहीं है | 1. महाभारत से पहले इस देश में कोई मूर्ति नहीं पूजी जाती थी, सब केवल एक […]
खेती में हक़ की लड़ाई लड़ती महिलाएं
रूबी सरकार भोपाल, मप्र कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जहां 80 फीसदी काम महिलाएं करती हैं. बावजूद इसके सरकार महिला किसानों को केंद्र में रखकर कोई निर्णय नहीं लेती है. यहां तक कि उन्हें महिला किसान का दर्जा भी नहीं दिया जाता है. किसान के नाम पर सिर्फ पुरुष चेहरे ही उभर कर आते हैं. […]
भारत के लोग अपने आप को सनातनधर्मी कहने और मानने में इसीलिए गर्व और गौरव की अनुभूति करते हैं कि उनका ज्ञान का खजाना शाश्वत है , सनातन है । वेदज्ञान जब सृष्टि दर सृष्टि चलता है तो इसका अर्थ यही है कि यह ज्ञान कभी समाप्त होने वाला नहीं है , यह कभी पुरातन […]
टीकमगढ़। ( अजय कुमार आर्य) भारत को समझो अभियान के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने यहां नगर भवन में आयोजित हिंदू इतिहास की गौरव गाथा और इतिहास का पुनर्लेखन आवश्यक क्यों ? विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इतिहास क्रूरता का नहीं वीरता का बनता है। हमारे देश के लोगों ने […]
#डॉविवेकआर्य हमारे देश में पढ़ाई जाने वाली किसी भी इतिहास पुस्तक को उठाकर देखिये। वास्को दी गामा को भारत की खोज करने का श्रेय देते हुए इतिहासकार उसके गुणगान करते दिखेंगे। उस काल में जब यूरोप से भारत के मध्य व्यापार केवल अरब के माध्यम से होता था। उस पर अरबवासियों का प्रभुत्व था। भारतीय […]
#डॉविवेकआर्य यह चित्र देख रहे है आप। यह का गोवा का कुख्यात ‘हाथ कटारो खंभ’। आपने कभी नहीं सुना होगा। इस खंभ का नाम हाथ कटारो इसलिए पड़ा क्योंकि संत? नाम से जाने जाने वाले फ्रांसिस जेवियर यहाँ लाकर उन हिन्दुओं को बाँध देता था जो ईसाई बनने से मना कर देते थे। उन्हें तड़पा […]
सत्यार्थ प्रकाश के 13वें समुल्लास में एक स्थान पर ऋषि दयानन्द ने लिखा है – “यह भी विदित हुआ कि ईसा ने मनुष्यों के फसाने के लिये एक मत चलाया है कि जाल में मच्छी के समान मनुष्यों को स्वमत में फसाकर अपना प्रयोजन साधें । जब ईसा ही ऐसा था, तो आजकल के पादरी […]