आर्य सागर खारी🖋️ केंचुआ सच्चे अर्थों में धरतीपुत्र है,प्राकृतिक खेती का केंचुआ मुख्य आधार है ।जंगल के पेड़ को यूरिया व डीएपी कौन डालता है? किटनाशक का छिड़काव कौन करता है ?पानी कौन देता है ?लेकिन समय आने पर वह पेड़ फलों से लद जाते हैं। आप जंगल के किसी पेड़ के पत्ते को लैब […]
महीना: मार्च 2023
आर्य सागर खारी आज की कक्षा का आरंभ करते हुए पूज्य स्वामी विष्वड् परिव्राजक जी आर्य वन रोजड गुजरात ने कहा — शास्त्रों का पढ़ना अध्ययन का एक स्वरूप है। शास्त्र का अर्थ विद्या पुस्तकें है विद्या चाहें भौतिक हो या आध्यात्मिक। विद्या वह होती है जो दुखों को दूर करती है। सा विद्या या […]
मेवाड़ पर फिर चढ़ आई मुगल सेना जहांगीर ने महावत ख़ां को यह सोचकर मेवाड़ भेजा था कि यदि वह मेवाड़ में जाकर हिंदुओं से युद्ध करते हुए मारा जाता है तो एक काफिर ही काफिर के हाथों मर जाएगा। इसके साथ ही वह यह भी देखना चाहता था कि महावत खान की उसके प्रति […]
प्रह्लाद सबनानी अमेरिकी वित्तीय क्षेत्र में बैंकों पर भारी संकट आ गया है। अभी तक दो बैंक (सिलिकॉन वैली बैंक एवं सिग्नेचर बैंक) बंद हो चुके हैं और 6 अन्य छोटे आकार के बैंकों (फर्स्ट रिपब्लिक बैंक, वेस्टर्न अलाइन्स बैंक, पैकवेस्ट, यूएमबी फायनैन्शल सहित) पर गम्भीर संकट बना हुआ है। इन बैंकों में रोकड़ एवं […]
Dr DK Garg भाग -5 ये सीरीज छह भागों मे है , पहले चार भाग में इस्कॉन के विषय में ,इनकी कार्य प्रणाली के विषय में बताया है ताकि आपको पूरी जानकारी हो सके बाकी २ भाग में विश्लेषण किया है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे और अन्य ग्रुप में शेयर करे। इस्कॉन का विश्लेषण: […]
प्रह्लाद सबनानी भारत में सनातन हिंदू परम्परा में नव वर्ष का एतिहासिक महत्व है। भारतीय इतिहास में दरअसल नव वर्ष मनाने के कई महत्वपूर्ण शुभ कारण मिलते हैं। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि इसी दिन के सूर्योदय से श्रद्धेय ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। भारतीय सनातन हिंदू संस्कृति के अनुसार फागुन […]
ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आज दिनांक 21-3-2023 विक्रमी सम्वत् 2079 का अन्तिम दिवस है। कल से नया विक्रमी संवत् 2080 आरम्भ हो रहा है। इसी प्रकार से आज सृष्टि के आरम्भ वा प्रथम दिवस से प्रचलित सृष्टि सम्वत् 1,96,08,53,0123 का भी अन्तिम दिवस है और कल से नया सृष्टि संवत्सर आरम्भ हो रहा है। […]
– डॉ. वन्दना सेन अंग्रेजी नव वर्ष के बढ़ते प्रभाव के बीच राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर भारतीय नागरिकों को सचेत करते हुए लिखते हैं कि ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं, है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं। इन पंक्तियों का आशय पूरी तरह से […]
नववर्ष प्रतिपदा या हिंदू नववर्ष के विषय में बात करते समय हमें इसकी वैज्ञानिकता का पूर्ण आभास होना चाहिए। हमारी सनातनी कालगणना आज समूचे विश्व को हमें आदर देने को विवश करती है। उज्जैन में महाकाल की मूर्ति या विग्रह केवल धार्मिक चिन्ह नहीं अपितु समय की वैज्ञानिक गणना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। महाकाल […]
सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान भारत में जिस प्रकार से सांस्कृतिक मूल्यों का क्षरण हुआ है, उसके चलते हमारी परंपराओं पर भी गहरा आघात हुआ है। यह सब भारतीय संस्कृति के प्रति कुटिल मानसिकता के चलते ही किया गया। आज भारत के कई लोग इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि भारतीय संस्कृति क्या है, हमारे संस्कार […]