भारत ने अपनी स्वाधीनता के आंदोलन को उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद के विरुद्ध लड़ा था। भारत जैसे विशाल देश में चल रहे इस आंदोलन का दुनिया के अन्य देशों पर व्यापक प्रभाव पड़ा और इसी का परिणाम था कि द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के पश्चात ब्रिटेन सहित उन सभी देशों को अपने – अपने सभी उपनिवेशों […]
महीना: मार्च 2023
ओ३म् ========= आर्यसमाज धामावाला, देहरादून का दिनाक 26-2-2023 का सत्संग श्री श्रद्धानन्द बाल वनिता आश्रम में आयोजित किया गया। हम जब वहां पहुंचे तो आर्यसमाज के धर्माधिकारी पंडित विद्यापति शास्त्री जी के भेजन वा गीत हो रहे थे। उनका गाया गया एक मुख्य गीत था ‘गुरुदेव प्रतिज्ञा है मेरी पूरी करके दिखलाउगां, इस वैदिक धर्म […]
डॉ डी के गर्ग भाग- 7 ये लेख दस भाग में है , पूरे विषय को सामने लाने का प्रयास किया है। आप अपनी प्रतिक्रिया दे और और अपने विचार से भी अवगत कराये भस्मासुर कथा वास्तविक कथा समझने से पूर्व काल्पनिक कथा पर विचार करते है। ” एक समय महाराजा भस्मासुर को इच्छा जागृत […]
गाजियाबाद ( संवाददाता ) कहा जाता है कि प्रतिभा किसी की गुलाम नहीं होती। वह निखरती है और जब मुखरित होकर बाहर आती है तो निश्चय ही गुल खिलाने का काम करती है। यहां स्थित चरण सिंह कुश्ती अकैडमी के संस्थापक संचालक सतन पहलवान अपनी स्वयं की प्रतिभा के बल पर अपने शिष्यों को भी […]
(हमारे देश में साधुओं के नाम पर मुफ्तखोरों की फौज बढ़ती जाती है। स्वामी दयानन्द इन मुफ्तखोरों के प्रबल विरोधी थे। स्वामी जी चाहते थे की गृहस्थ आदि इन सन्यासी के वस्त्र धारण करने वाले ठगों से बचे। सत्यार्थ प्रकाश के 11 समुल्लास में इनकी ठगी की पोल स्वामी जी एक कहानी के माध्यम से […]
भारत का अहिन्दूकरण चित्र मे नेताजी पालकर की शुद्धि का दृश्य है। शुद्धि के साक्षी स्वयम छत्रपति शिवाजी थे। आज पुरे भारत में दलित जाति के हिन्दूओं को जोर शोर से इसाई बनाया जा रहा रहा है. हिन्दू सो रहा है. प्रायः हिन्दू समझता है कि मत/ मजहब बदलने से कुछ अंतर नहीं पड़ता. सच […]
✍️ डॉ. राधे श्याम द्विवेदी गलताजी जयपुर से 10 कि.मीअरावली पहाड़ियोंमें एक पहाड़ी दर्रे के अंदर निर्मित तीर्थ स्थल है । गैलव ऋषि की तपोभूमि होने के कारण यह “गैलव अजीज” के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। इसका नाम समय के साथ बिगडकर गालव से गलता हो गया। यह आज गलताजी तीर्थ के नाम से […]
फूलदेव पटेल मुजफ्फरपुर, बिहार देश के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब-मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार देने की एक अनोखी पहल के रूप में मनरेगा की शुरुआत की गई थी. वास्तव में रोज़गार सृजन के तौर पर इसे एक सशक्त योजना कही जा सकती है. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा), जिसे बाद में राष्ट्रपिता […]
अकबर के दूतमंडल और महाराणा प्रताप महाराणा प्रताप ने सत्ता संभालते ही अपने लिए कांटों का मार्ग अपना लिया था। उन्होंने राष्ट्र के लिए यह शिवसंकल्प धारण किया कि अपने दादा महाराणा संग्राम सिंह के सपने को साकार करते हुए वह भारत भूमि को म्लेच्छ मुगलों से मुक्त कराएंगे। अपने इस लक्ष्य की प्राप्ति के […]