महाराणा प्रताप की अंतिम समय की वेदना हमारे देश में पृथ्वीराज चौहान का चरित्र चित्रण करते समय उन्हें वैसा दिखाया जाता है जैसा मोहम्मद गौरी के इतिहास लेखकों ने उन्हें दिखाया है। इसी प्रकार सल्तनत काल में भी हमारे इतिहास नायकों को सल्तनत काल के शासकों के चाटुकार दरबारी लेखकों की दृष्टि से दिखाने का […]
महीना: मार्च 2023
महाराणा बन गए थे एक अबूझ पहेली अकबर के लिए महाराणा उन दिनों एक ऐसी अबूझ पहेली बन चुके थे जिसका उत्तर वह जितना ही खोजना चाहता था, उतना ही वह उसमें उलझता जाता था। मेवाड़ की दलदल से अकबर भागना चाहता था, पर भागने के स्थान पर उसमें धंसता ही जा रहा था। वह […]
प्रह्लाद सबनानी भारत में पिछले 97 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के नागरिकों में देशप्रेम की भावना का संचार करने का लगातार प्रयास कर रहा है। वर्ष 1925 (27 सितम्बर) में विजयादशमी के दिन संघ के कार्य की शुरुआत ही इस कल्पना के साथ हुई थी कि देश के नागरिक स्वाभिमानी, संस्कारित, चरित्रवान, शक्तिसंपन्न, […]
सांसद वरुण गांधी का राजनीतिक स्वास्थ्य कैसा है? यदि इस पर विचार किया जाए तो वे भीतर ही भीतर अस्वस्थ दिखाई देते हैं। कभी-कभी उनकी अस्वस्थता उनकी बयानबाजी से झलक जाती है, जब वह अपनी पार्टी भाजपा के विरुद्ध मुखर होकर आलोचना करने लगते हैं। फिर कुछ समय बाद लगता है कि उनके सुर धीमे […]
Dr DK Garg भाग -३ ये सीरीज पांच भागों मे है , पहले तीन भाग में इस्कॉन के विषय में ,इनकी कार्य प्रणाली के विषय में बताया है ताकि आपको पूरी जानकारी हो सके बाकी २ भाग में विश्लेषण किया है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे और अन्य ग्रुप में शेयर करे। इस्कॉन में दीक्षा […]
प्रह्लाद सबनानी संघ ने आने वाले समय के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय कर दीं हैं भारत आज न केवल आर्थिक क्षेत्र में बल्कि राजनैतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान कायम कर रहा है। चूंकि आज विश्व के कई देश विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं एवं […]
हर्ष वी पंत ‘बस, बहुत हुआ!’ यह कहकर सिस्टम के सिर दोष मढ़ते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पिछले हफ्ते अवैध प्रवासियों से निपटने की पांच सूत्री योजना हाउस ऑफ कॉमंस में पेश कर दी। इस योजना में एक स्थायी एकीकृत स्मॉल बोट्स ऑपरेशनल कमांड गठित किए जाने, इमिग्रेशन ऑफिसरों की क्षमता बढ़ाने, शरण […]
डॉ. जितेंद्र कुमार हाल के दिनों में किडनी फेलियर के मामले काफी बढ़े हैं, जिसमें कई बार मरीज की जान भी चली जाती है। एक अनुमान के अनुसार, भारत में 15 फीसदी लोग किडनी की बीमारियों से जूझ रहे हैं, लेकिन उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं है। देश में हर साल 300000 नए लोग किडनी […]
रिमझिम कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार किसी भी राष्ट्र की समृद्धि इस बात पर निर्भर करती है कि वहां के निवासी कितने सेहतमंद हैं? क्योंकि सेहत अच्छी होगी, तो शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी होगा. केंद्रीय बजट वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 89,155 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, जो पिछले बजट से 13 […]
कर्नल टॉड का कथन है …. इस प्रसंग में कर्नल टॉड के एक काल्पनिक कथन को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। उसने महाराणा के प्रवास काल के विषय में लिखा है :- ” कुछ ऐसे अवसर आए जब अपनी अपेक्षा से भी अधिक प्रिय व्यक्तियों की आवश्यकताओं ने महाराणा को विचलित कर दिया। उसकी […]