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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

1857 की क्रांति के जनक थे स्वामी दयानंद जी महाराज

महर्षि दयानंद की 200 वी जयंती पर विशेष आलेख गुजरात प्रांत की भूमि युगों युगों से महापुरुषों को पैदा करती आई है जिसनेअनेक महापुरुष भारत मां की गोद में रतन के रूप में प्रदान किए हैं। भारतवर्ष का गुजरात प्रांत बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। जिसका क्षेत्रफल बहुत ही विस्तृत, विशाल और विशद था। वर्तमान […]

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इतिहास के पन्नों से

मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 10 (क) महाराणा कुम्भा ( 1433 – 1468 ई० )

महाराणा कुम्भा ( 1433 – 1468 ई० ) मेवाड़ के महाराणा मोकल के पश्चात उनके वीर पुत्र महाराणा कुंभा ने 1433 ई0 में मेवाड़ का राज्य भार संभाला। महाराणा कुंभा का भी मेवाड़ के राणा वंश के शासकों में प्रमुख स्थान है। उन्होंने अपने शासनकाल में कई ऐसे महान कार्य किए जिन्होंने उनकी कीर्ति को […]

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बिखरे मोती

बिखरे मोती: सकारात्मक और नकारात्मक सोच के संदर्भ में –

सकारात्मक और नकारात्मक सोच के संदर्भ में – कुमति-सुमति से कभी, होता नहीं है मेल। पश्चाताप मन में रहे, एक दिन बिगड़ै खेल॥ 2145॥ सज्जन और दुर्जन के संदर्भ में – सज्जन की दिखती कमी, दूर्जन की फिरै डार। रहना दुष्टों के बीच हो , संयत रख व्यवहार॥2146॥ लक्ष्य प्राप्ति के संदर्भ में – प्रेरक […]

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वैदिक संपत्ति : इतिहास, पशु हिंसा और अश्लीलता

पशुयज्ञों के संहिताकालीक न होने का बहुत बड़ा प्रमाण तैत्तिरीयसाहित्य में लिखा हुआ है। लिखा है कि- यद्दचोsध्यगीषत ताः पय आहुतयो देवानामभवन् । यद्यजूषि घृताहुतयो यत्सामानि सोमाहुतयो पदथर्वाङ्गिरसो मध्वाहुतयो यद्ब्राह्मणानि इतिहासान् पुराणानि कल्पान् गाथा नाराशंसीमँदाहुतयो देवानामभवन् । (तैत्तिरीय प्र 3 अ० 6 मं० 3) अर्थात् ऋग्वेद का पाठ देवताओं के लिए दूध की बाहुतियाँ, यजुर्वेद […]

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पर्व – त्यौहार

*होली का पर्व एक प्राचीन वैज्ञानिक पर्व*

भाग- 3 डॉ डी के गर्ग विशेष : कृपया अपने विचार बताये और अन्य ग्रुप में शेयर करे। प्रहलाद-कथा का सत्य : प्रहलाद का पिता, हिरण्यकश्यप अपने समय का बड़ा प्रतापी सम्राट था, जिसका प्रभुत्व सारे भूमण्डल पर व्याप्त था। राज्य में उसका आतंक इतना प्रबल था कि हिरण्यकश्यप को यह विश्वास हो गया कि […]

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आर्थिकी/व्यापार

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की राह देखता पोथिंग गांव

सीमा मेहता पोथिंग, उत्तराखंड दो दशक पूर्व ‘अ रोड टू एवरी विलेज’ की संकल्पना के साथ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरआत की गई थी. कई अर्थों में इस योजना को क्रांतिकारी कहा जा सकता है, क्योंकि इसने सदियों से उपेक्षित पड़े गांवों को शहरों से जोड़ने का काम किया है. आज़ादी के बाद यह […]

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महत्वपूर्ण लेख

हे राम: दर्द का दस्तावेज

1999 में प्रकाशित 900 पेज के उपन्यास ‘पहला गिरमिटिया’ में लेखक गिरिराज किशोर ने लिखा था- ‘महात्मा गाँधी के जीवन के तीन पक्ष हैं-एक मोहनिया पक्ष, दूसरा मोहनदास पक्ष और तीसरा महात्मा गाँधी पक्ष।’ यह उपन्यास गाँधी के दक्षिण अफ्रीकी जीवन केंद्रित मोहनदास पक्ष पर था। उन्होंने लिखा-आने वाली पीढ़ी को मोहनदास की ज्यादा जरूरत […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सदा निर्भय रहें- आर्य प्रचारक कुंवर सुखलाल “आर्यमुसाफिर”

1947 से पहले की घटना है। अंग्रेजों ने अपने राज को स्थाई बनाने के लिए ईसाई पादरियों को खुले आम सहायता देना आरम्भ किया था। ईसाइयों के इस दुष्चक्र का आर्यसमाज के प्रचारकों ने प्रति उत्तर देना आरम्भ कर दिया। ईसाई मिशनरियों को ऐसे प्रतिरोध की कोई अपेक्षा नहीं थी। इसलिए वे आर्य प्रचारकों से […]

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आज का चिंतन

राम जी का यह देश अजर अमर है……

मैंने अपने शहर को इतना विह्वल कभी नहीं देखा! तीन से चार लाख लोग सड़क किनारे हाथ जोड़े खड़े हैं। अयोध्या में प्रभु की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से शालिग्राम पत्थर जा रहा है, और आज वह ट्रक गोपालगंज से गुजर रहा है। कोई प्रचार नहीं, कोई बुलाहट नहीं, पर सारे लोग निकल आये […]

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इतिहास के पन्नों से

मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 9 ( ख ) एक अजीब घटना घटित हुई

एक अजीब घटना घटित हुई ऐसे वीर पराक्रमी महाराणा मोकल सिंह के जन्म और बचपन की कहानी को भी यहां उद्धृत करना आवश्यक है। उनके जन्म और बचपन की कहानी का उल्लेख कर्नल टॉड ने किया है। वह अपनी पुस्तक राजस्थान का इतिहास भाग – 1 में इस पर प्रकाश डालते हुए लिखते हैं कि […]

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