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भाषा

राष्ट्र-चिंतन : उर्दू तो विखंडन की भाषा रही है

विष्णुगुप्त अभी-अभी उर्दू को लेकर परतंत्रवाद-सेक्युलरवाद और परसंस्कृतिवाद की वैचारिक गुलामी देखने और समझने को मिली। अवसर था वरिष्ठ कवि महेश बंसल की जन्मतिथि पर आयोजित राष्टीय कवि सम्मेलन का। कवि सम्मेलन में मेरे अतिरिक्त डॉ सुरेश नीरव और डा सरस्वत मोहन मनीषी सहित देश भर से आये एक दर्जन से अधिक कवि शामिल थे। […]

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आतंकवाद

धर्मगुरुओं के बिगड़े बोल और उनके परिणाम

कमलेश पांडे लोकतांत्रिक परिस्थितियों वश हमारे धर्मगुरुओं और राजनेताओं के द्वारा वक्त-वक्त पर जो विवादित बोल बोले जा रहे हैं, उससे इतिहास में मिलावट का खतरा बढ़ा है, जो एक खतरनाक प्रवृत्ति है। इससे इतिहास की वस्तुनिष्ठता प्रभावित होती है और लोक श्रुत इतिहास की मान्यता प्रदूषित होती चली जाती है। यदि सदियों से चला […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

ईश्वर और अल्लाह एक नहीं हैं*

ईश्वर और अल्लाह एक नहीं हैं ये लेख विभिन्न विद्वानों के लेख पर आधारित ४ भागो में है। कृपया पूरा पढ़े और मुस्लिम वर्ग को शेयर करे। भाग -2 मुस्लिम नेता मेहमूद मदनी ने कहा है की ईश्वर और अल्ला एक ही है ,ऐसा गाँधी ने भी कहा की ईश्वर अल्ला तेरो नाम ,और बहुत […]

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आओ कुछ जाने

पशु चिकित्सा को चिकित्सा की जरूरत

सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं को पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही नये पशु अस्पतालों का निर्माण और उनमें आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति, आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता,हर पशु का बीमा, खण्ड स्तर पर पशु धन मेलों का आयोजन और पालकों को हरसंभव मदद मुहैया करवाकर उन्हें दूध का सही दाम […]

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मुद्दा

भरण-पोषण की तलाश में खोता बचपन

निधि तिवारी असम असम के बारपेटा क्षेत्र के चरचापुरस की सात वर्षीय अमरीन अपनी सबसे अच्छे दोस्त अमू को याद करती है, जो अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के लखनऊ में चंदन बस्ती में रहने के लिए आ गई है. अमू, स्कूल नहीं जाती है बल्कि घर पर रहती है और घर की देखभाल […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी दयानंद और राजधर्म [स्वामी दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती पर विशेष रूप से प्रकाशित]

-प्रियांशु सेठ उन्नीसवीं शताब्दी के महान् दार्शनिक चिन्तक स्वामी दयानंद सरस्वती भारतवर्ष में आत्मनिर्भरता, स्वतंत्रता और संप्रभुता का संचार करना चाहते थे। सन् 1947 से पूर्व का भारत तो पराधीनता की बेड़ियों में बंधा था, लेकिन महाभारत के बाद का भारत तो कुप्रथाओं की कटपुतली बनकर झूम रहा था। स्वामी दयानंदजी ने अपने दूरदर्शी चिन्तन […]

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आतंकवाद

अरब मनुष्यों और पिशाचों की मिश्रित नस्ल हैं !

जिहादी किसके वंशज हैं ? अरब मनुष्यों और पिशाचों की मिश्रित नस्ल हैं ! आजकल मध्य एशिया को अरबी साम्राज्य का मूल स्थान माना जाता है . और यदि हम इतिहास देखें तो पता चलेगा कि इस समय जो अरब काफी धनवान बने हुए हैं ,वह स्वाभाविक रूप से लुटेरे , अत्याचारी , क्रूर ,और […]

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विशेष संपादकीय

नई संभावनाओं का प्रतीक बना योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश

आर्थिक क्षेत्र में ‘प्रिंसिपल ऑफ 4 एम’ अर्थात Man, Money, Material and Management बड़ा कारगर काम करता है। इस प्रिंसिपल की कसौटी पर उत्तर प्रदेश पहले दिन से खरा उतरने की क्षमता रखता था ,पर इसे ठीक से ‘मैनेज’ नहीं किया गया। उसी का परिणाम था कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की पूर्व […]

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उगता भारत न्यूज़

जिंदा है आतंकवादी संगठन लिट्टे चीफ प्रभाकरण: कांग्रेस नेता का दावा

पाझा नेदुमारन, पूर्व कांग्रेस नेता का दावा, श्रीलंका ने 2009 में मार गिराने का किया था दावा आतंकवादी संगठन लिट्टे चीफ प्रभाकरन आतंकवादी संगठन लिट्टे के चीफ प्रभाकरन के जिंदा होने का दावा किया गया है। यह दावा पूर्व कॉन्ग्रेस नेता और ‘वर्ल्ड कन्फेडरेशन ऑफ तमिल’ के अध्यक्ष पाझा नेदुमारन ने किया है। नेदुमारन कहा […]

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भाषा

विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक फिजी में 15 फरवरी से 12 वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1975 में नागपुर से शुरु हुआ था। उसके बाद यह दुनिया के कई देशों में आयोजित होता रहा है। जैसे मोरिशस, त्रिनिदाद, सूरिनाम, अमेरिका, ब्रिटेन, भारत आदि! पिछले दो सम्मेलनों को छोड़कर बाकी सभी सम्मेलनों के […]

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