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इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-12)-चेदि महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो चेदि या चेति महाजनपद- *पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था। *यह शुक्तिमती नदी के पास का देश था, जिसमें बुंदेलखंड का दक्षिणी भाग और जबलपुर का उत्तरी भाग सम्मिलित था। *बौद्ध ग्रंथों में जिन सोलह महाजनपदों का उल्लेख है उनमें यह भी था। कलिचुरि वंश ने भी यहाँ राज्य किया। *किसी […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

“नफरत” का शिकार बने लाल बहादुर शास्त्री जी के बलिदान दिवस पर…..

आज देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि है। इस तिथि को लेकर भी कई प्रकार के वैसे ही प्रश्न हमारे मन मस्तिष्क में हर वर्ष उभरते हैं जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु को लेकर उनकी तथाकथित मृत्यु तिथि 18 अगस्त पर उभरते हैं। उस समय के सोवियत संघ के […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

नारद का मोह

नारद का मोह प्रचलित कथा : एक कथा का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास जी अपने ग्रन्थ रामचरित मानस के बालकाण्ड में करते है जो वास्तव में उनके इस ग्रन्थ की आधारशिला है। लिखा है कि एक समय महर्षि नारद को अभिमान हो गया कि वे महान इन्द्रियजीत हैं क्योंकि कामदेव का उन पर कोई प्रभाव नहीं […]

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मुद्दा

सम्यक प्रयास से बदलेगी बिहार की शिक्षा व्यवस्था

रिंकू कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार बिहार के सरकारी स्कूलों में इन दिनों नये-नये प्रयोग हो रहे हैं. ये प्रयोग प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ने के लिए किये जा रहे हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, ड्राॅपआउट बच्चों को स्कूल कैंपस तक लाने तथा पूरी घंटी तक बच्चों के विद्यालय में […]

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Uncategorised

अयोध्या के प्राचीन और नवीन प्रवेशद्वारों का परिचय

डा. राधे श्याम द्विवेदी अयोध्या का क्षेत्रफल 12 योजन अर्थात 84 किलोमीटर लंबा और तीन योजन अर्थात 21 किमी. चौड़ा है. इसके उत्तरी छोर पर सरयू और दक्षिणी छोर पर तमसा नदी अवस्थित हैं. इन दोनों नदियों के बीच की औसत दूरी लगभग 20 किलोमीटर है. माना जाता है कि अयोध्या शहर मछली के आकार […]

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इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-11)-वज्जि महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो वज्जि या वृजि प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था।यह महाजनपद मगध के उत्तर में स्थित था।कई छोटे राज्यों को मिलाकर इसकी उत्पत्ति हुई थी,यह संघ आठ कुलों के संयोंग से बना और इनमें चार (विदेह, ज्ञातृक, वज्जि और लिच्छवि) कुल अधिक प्रमुख थे । इसकी राजधानी वैशाली थी। वज्जि […]

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इतिहास के पन्नों से

25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच, भाग ……25

मराठा साम्राज्य शिवाजी ने कुछ मवाले सैनिकों के साथ उबरखिंद की लड़ाई में शाहिस्ता खान के एक सरदार कलतल्फ खान को हराया। औरंगजेब ने अपने मामा शाहिस्ता खान को बादीबागम साहिबा, आदिशाही सल्तनत के अनुरोध पर 1,50,000 से अधिक शक्तिशाली सेना के साथ भेजा। अप्रैल 1663 में छत्रपति शिवाजी ने व्यक्तिगत रूप से लाल महल […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

स्वार्थों के लिए मनुवाद का राग

मनुस्मृति या भारतीय धर्मग्रंथों को मौलिक रूप में और उसके सही भाव को समझकर पढ़ना चाहिए। विद्वानों को भी सही और मौलिक बातों को सामने लाना चाहिए। तभी लोगों की धारणा बदलेगी। दाराशिकोह उपनिषद पढ़कर भारतीय धर्मग्रंथों का भक्त बन गया था। इतिहास में उसका नाम उदार बादशाह के नाम से दर्ज है। फ्रेंच विद्वान […]

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महत्वपूर्ण लेख

अधूरी सड़क से पूरा विकास संभव नहीं

हरीश कुमार पुंछ, जम्मू केंद्र प्रशासित जम्मू कश्मीर बदलाव की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है. यदि अशांति के कुछ मामलों को छोड़ दिया जाए तो पहले की अपेक्षा इस केंद्र शासित क्षेत्र में विकास के कई स्वरुप देखने को मिले है. बड़ी संख्या में निवेशकों के यहां रुचि दिखाने से रोज़गार के […]

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इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-10)-मगध महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो मगध प्राचीन भारत के सोलह महाजनपद में से एक था । बौद्ध काल तथा परवर्तीकाल में उत्तरी भारत का सबसे अधिक शक्तिशाली जनपद था। इसकी स्थिति स्थूल रूप से दक्षिण बिहार के प्रदेश में थी। आधुनिक पटना तथा गया ज़िला इसमें शामिल थे । इसकी राजधानी गिरिव्रज थी । भगवान बुद्ध के […]

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