देश की वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था राजनीति को इतना शुद्ध और पवित्र होना चाहिए कि वह दंड के योग्य को दंड दे सके और प्रशंसा के योग्य की प्रशंसा कर सके। इसके लिए वर्तमान समय में देश में जिस प्रकार की लोकतांत्रिक व्यवस्था काम कर रही है वह भी विकारग्रस्त है। देश की बहुदलीय संसदीय व्यवस्था […]
Month: December 2022
नरेन्द्र मोदी सौभाग्य से, आज की जो तकनीक है वह हमें मानवता के व्यापक पैमाने पर समस्याओं का समाधान करने का साधन भी प्रदान करती है। आज हम जिस विशाल वर्चुअल दुनिया में रहते हैं, वह डिजिटल प्रौद्योगिकियों की मापनीयता को प्रदर्शित करती है। जी20 की पिछली 17 अध्यक्षताओं के दौरान वृहद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित […]
भय, प्रलोभन और अंधविश्वास के माध्यम से किसी को अपनी धार्मिक पहचान बदलने के लिए बाध्य करना देश के लिए बड़ा और गंभीर संकट बनता जा रहा है। इस तरह के मतांतरण के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है। शीर्ष न्यायालय का कहना है कि इस पर रोक […]
रेहाना कौसर पुंछ, जम्मू केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिला पुंछ की तहसील मंडी के दरहा दीना गांव की निवासी 13 वर्षीय नजमा सातवीं कक्षा की छात्रा थी. एक दिन जब वह स्कूल से घर वापस आई तो उसके पेट में भयानक दर्द होने लगा. इससे उसका पूरा शरीर कांपने लगा. दस दिनों तक […]
रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में आगामी पांच दिसंबर को सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। उपचुनाव जीतने के लिए जहां प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। वहीं मतदान से पूर्व ही भाजपा नेताओं ने हार मान ली है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने पिछले दिनों […]
गुजरात के विधानसभा चुनाव का एक मुख्य मुद्दा अमीरी गरीबी के बढ़ते फासले एवं गरीबों की दुर्दशा का होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से यह मुद्दा कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बनता। अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं और गरीब अधिक गरीब। गौतम अडाणी एवं मुकेश अंबानी के दिन दोगुने रात चौगुने फैलते साम्राज्य पर […]
महरौनी (ललितपुर)। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में विगत 2 वर्षों से वैदिक धर्म और संस्कृत के मर्म को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रतिदिन मंत्री आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित आर्यों का महाकुंभ में दिनांक 26 नवंबर 2022 को “इतिहास का वह सच जो […]
धर्म और निष्पक्ष न्याय व्यवस्था प्राचीन काल में भारत में जिन सूत्रों या मानदंडों के आधार पर न्याय व्यवस्था संचालित होती थी उन्हें धर्मसूत्र कहा जाता था। प्रारंभ में धर्मसूत्र इंग्लैंड के संविधान की भांति अलिखित संविधान के रूप में काम करते थे। कालांतर में धर्मसूत्र लिखित रूप में आ गए और धर्मसूत्र तथा अर्थशास्त्र […]