हिंदुओं के नए भगवान- पता नहीं हिंदुओं को किस तरह की सनक है। हर कुछ साल में नया भगवान चाहिए। भगवान के नए नए चमत्कार चाहिए। क्योंकि चमत्कार के नाम पर इनकी जेब सेआसानी से पैसा निकलता है। अभी कुछ साल पहले ही एक धार्मिक नगर में बहुत बड़ा साई आश्रम बना जिसकी कीमत करोड़ों […]
Month: December 2022
वैदिक धर्मी बनाम आसमानी मज़हब
आज मन में आया कि दो महान परिवारों की तुलना करूँ- पहला है अयोध्या के चक्रवती सम्राट दशरथ का परिवार और दूसरा है हिंदुस्तान के बादशाह शाहजहां का परिवार। 1. सम्राट दशरथ के चार पुत्र थे- श्रीराम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न। उसी प्रकार मुगल बादशाह शाहजहां के भी चार जायज़ पुत्र थे – दारा शिकोह, […]
ममता देवी मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार असमानताएं, रूढ़िवादी विचार, कुरीतियां, अतार्किक परंपराएं और कुप्रथाएं यह आज भी कुछ ऐसी लकीरें हैं जो भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास में बाधक हैं. भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जो विविधताओं से भरा पड़ा है. सभी प्रांतों की वेशभूषा, रूप-रंग, रहन-सहन, भाषा-बोली और यहां तक कि खानपान आदि […]
देश के विभिन्न राज्यों में धर्म परिवर्तन कराने और मजहबी जहर घोलने के लिए इस्लामिक मदरसों की करतूत सामने आयी है, जिस पर अभी तक केन्द्रीय सरकार, मानवाधिकार आयोग और कानून व संविधान का रक्षक सुप्रीम कोर्ट को क्यों खामोश है? मदरसों में एक साजिश के तहत गैर मुस्लिम बच्चों जैसे हिन्दुओं और ईसाईयों और […]
जम्बू द्वीप जंबूद्वीप मैं कभी संपूर्ण यूरोप और एशिया सम्मिलित हुआ करते थे। पौराणिक भूगोल के वर्णन के अनुसार जम्बूद्वीप सप्तमहाद्वीपों में से एक है। विद्वानों की मान्यता के अनुसार यह पृथ्वी के केन्द्र में स्थित माना गया है। इसके नवखण्ड हैं, जिनके नाम ये हैं- इलावृत्त, भद्रास्व, किंपुरुष, भारत, हरि, केतुमाल, रम्यक, कुरू और […]
नई दिल्ली। यहां स्थित अशोक विहार फेस वन के आर्य समाज मंदिर में भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के सहयोग से आर्य समाज अशोक विहार और सत्यवती महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव 2022- 23 का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।जिसमें “भारतीय दर्शन का स्वतंत्रता सेनानियों पर प्रभाव” विषय पर मुख्य वक्ता के […]
1947 में किस प्रकार मुसलमानों के सिर पर मजहबी जुनूनियत का भूत सवार हो गया था और किस प्रकार हिंदुओं पर वहां अत्याचार हुए थे ? उसकी साक्षी के रूप में हमारे बीच में अब बहुत कम लोग रहे हैं। पिछले दिनों अशोक विहार आर्य समाज में एक विशेष कार्यक्रम में जब हम उपस्थित हुए […]
भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें यह सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का दोहन करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूरे विश्व में आज प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर प्रकृति से अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति बहुत ही आसानी […]
भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। भारतीय नागरिकों को प्रकृति का यह एक अनोखा उपहार माना जा सकता है। इन वनों एवं जंगलों की देखभाल मुख्य रूप से जनजाति समाज द्वारा की जाती रही है। जनजाति समाज की विकास यात्रा अपनी भूख मिटाने एवं अपने को सुरक्षित रखने के […]
बिखरे मोती : आत्मस्वरूप के संदर्भ में
प्रेरक तेरा ओ३म् है , रक्षक सर्वाधार । नित चरणौं में बैठके, निज प्रतिबिम्ब निहार॥2091॥ भाव की उत्कृष्टतम्ब निकृष्टतम्ब अव्यवस्था के संदर्भ में – भाव की ऊंची है गति, भक्ति में हो लीन । क्रोध और अहंकार में, उठते भाव मलीन॥2092॥ जीव ईश्वर का अंश है पुराण – पुरुष का अंशु तू , मत भूले […]