जब गजनवी के दरबार से सोमनाथ का आकलन और खिलजी के दरबार से पद्मावती का आकलन, बख्तियार के दरबार से नालंदा का आकलन तथा गोरी के दरबार से पृथ्वीराज का आकलन पढ़ेंगे तो – कैसे हम सच्चाई को जान पाएँगे! जब बाबर के दरबार से राणा साँगा का मूल्यांकन और हुमायूँ के दरबार से सती […]
महीना: नवम्बर 2022
रोजाना सुबह खाने में मूली का सेवन करने से डायबिटीज से जल्द छुटकारा मिल सकता हैं. मूली खाने से जुखाम रोग भी नही होता हैं, इसीलिए मुली को स्लाद के रूप में जरूर खाना चाहिए. हर-रोज मूली के ऊपर काला नमक डालकर खाने से भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती हैं. मूली खाने […]
युद्ध में भी धर्म निभाने का भारत का दर्शन राजनीति में पवित्रता बनाए रखने और सार्वजनिक जीवन के प्रति अपने कर्तव्य भाव को उत्कृष्टता के साथ निर्वाह करने के लिए दिव्य गुणों से युक्त जीवनसंगिनी का होना आवश्यक है। जिन जिन सम्राटों या क्रूर तानाशाहों के विरुद्ध इतिहास में क्रांति हुई हैं, उन उनकी जीवनसंगिनी […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत की बढ़ती आबादी को आखिर कैसे नियंत्रित किया जाये? संयुक्त राष्ट्र संघ की ताजा रपट के मुताबिक दुनिया की आबादी 8 अरब से भी ज्यादा हो गई है। पिछले 50 साल में दुनिया की जनसंख्या जितनी तेजी से बढ़ी है, पहले कभी नहीं बढ़ी। अभी तक यही समझा जा रहा था […]
सत्य सनातन वैदिक धर्म के शास्त्रो में , महिलाओ के वेदाध्ययन करने के असंख्यों प्रमाण है। इन असंख्यों प्रमाणो को अनदेखा करते हुये कुछ अज्ञानीजन “गिने चुने कुछ प्रक्षिप्त श्लोको” के आधार पर , स्त्रियो को अनाधिकारिणी सिद्ध करने का मूर्खतापूर्ण प्रयास करते रहते है। यह लोग विद्या के लिए, विद्या की देवी सरस्वती जो […]
अंकित गुप्ता छत्रपति शिवाजी किसी भी कीमत पर मुगलों के हिसाब से काम करने और उनके शाही दरबार के चक्कर लगाने के पक्ष में नहीं थे. न ही उन्हें उस दौर के मुगल शासक औरंगजेब पर भरोसा था. उनका मानना था कि औरंगजेब अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा […]
भारत ने अन्य देशों में हिंदू धर्म को स्थापित करने अथवा उनकी जमीन हड़पने के उद्देश्य से कभी भी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया है। परंतु, वर्ष 1947 में, लगभग 1000 वर्ष के लम्बे संघर्ष में बाद, भारत द्वारा परतंत्रता की बेढ़ियों को काटने में सफलता प्राप्त करने के पूर्व भारत की हिंदू सनातन […]
प्रक्षेप और पुनरुक्ति इसी प्रकार की बाह्य संस्कृत का नमूना अथर्ववेद में भी देखा जाता है। अथर्व काण्ड 19, सूक्त 22 और 23 में लिखा है कि- अङ्गिरसानामाद्यै: पञ्चानुवाकैः स्वाहा। आथर्वणानां चतु ऋचेभ्यः स्वाहा। अर्थात् अङ्गिरस वेद के पाँच अनुवाकों से स्वाहा और अथर्ववेद की चार ऋचाथों से स्वाहा । इन वाक्यों से प्रतीत होता […]
लेखक – पुरुषोत्तम नागेश ओक ₹475 (डाक खर्च सहित) कुल 1627 पृष्ठ (सभी 4 भाग में।)पेपरबैक मंगवाने के लिए 7015591564 पर व्हाट्सएप द्वारा सम्पर्क करें। श्री पुरुषोंत्तम नागेश ओक जी ने आज से लगभग 50 साल पहले वास्तविक इतिहास लिखने का कार्य शुरू किया था। यह कार्य अत्यंत कठिन था। संस्थाओं और व्यवस्था पर वामपंथी […]
आज पुरे भारत में दलित जाति के हिन्दूओं को जोर शोर से इसाई बनाया जा रहा रहा है. हिन्दू सो रहा है. प्रायः हिन्दू समझता है कि मत/ मजहब बदलने से कुछ अंतर नहीं पड़ता. सच तो यह है कि मतान्तरण आगे चल कर राष्ट्रान्तरण में बदल जाता है. जो भी मुस्लिम बन जाता है […]