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इतिहास के पन्नों से

वैदिक काल की कुछ प्रसिद्ध भारतीय विदुषियाँ

वैदिक भारत आज परीकथाओं सा प्रतीत होता है। कितना विचित्र है कि हजारों साल पहले इतना विकसित और समृद्ध होते हुए भी आज देश की विश्वपटल पर पहले के समान सशक्त छवि नहीं है। कुछ मामलों में तो भारत उस समय से भी पीछे दिखाई देता है। ऐसा ही एक पहलू है – स्त्री शिक्षा। […]

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भारतीय संस्कृति

सत्यार्थ प्रकाश में इतिहास विर्मश ( एक से सातवें समुल्लास के आधार पर) अध्याय 13 ( ख ) तीन सभाओं की देन भारत की है

तीन सभाओं की देन भारत की है जब सृष्टि के प्रारंभ में अपौरुषेय वेद परमपिता परमेश्वर ने हमारे ऋषि यों को प्रदान किए तो उनमें यह व्यवस्था की गई कि राजा और उसकी सभा का परस्पर संबंध और उद्देश्य क्या होगा? वेद का संदेश है :- त्रीणि राजाना विदथे पुरूणि परि विश्वानि भूषाथः सदांसि ।। – ऋ० मं० 3। […]

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उगता भारत न्यूज़

तत्वज्ञान से ही मोक्ष की प्राप्ति :: आचार्य सुरेश जोशी , बाराबंकी

महरौनी (ललितपुर)। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में विगत 2 वर्षों से वैदिक धर्म के मर्म को युवा पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से प्रतिदिन मंत्री आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित आर्यों का महाकुंभ में दिनांक 5 नवंबर 2022,शनिवार को “ज्ञान के चार प्रकार “विषय पर […]

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स्वास्थ्य

जाड़े की दस्‍तक और गुड का स्‍वाद…

जाड़े ने दस्‍तक दे दी है। सिर पर पंखों की पंखडि़यां थमती जा रही है और रजाई या कंबल चढ़ती जा रही है। मार्गशीर्ष आरंभ। आयुर्वेद तो कहता है : मार्गशीर्षे न जीरकम्। जीरा इस दौरान नहीं खाएं मगर कहने से कौन मानेगा, जीरा सेक कर गुड़ में मिलाकर खाएं तो खांसी जाए। हां, शक्‍कर […]

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आर्थिकी/व्यापार

युगदृष्टा एवं राष्ट्रऋषि श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्म दिवस (10 नवम्बर) पर विशेष लेख

आर्थिक क्षेत्र में भी राष्ट्रीयता का भाव होना आवश्यक श्री दत्तोपंत जी ठेंगड़ी का जन्म 10 नवम्बर, 1920 को, दीपावली के दिन, महाराष्ट्र के वर्धा जिले के आर्वी नामक ग्राम में हुआ था। श्री दत्तोपंत जी के पित्ताजी श्री बापूराव दाजीबा ठेंगड़ी, सुप्रसिद्ध अधिवक्ता थे, तथा माताजी, श्रीमती जानकी देवी, गंभीर आध्यात्मिक अभिरूची से सम्पन्न […]

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आज का चिंतन

वेद शिक्षा और उदात्त भावनाएँ

विश्व-कल्याण यो३स्मान् द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तस्य त्वं प्राणेना प्यायस्व । आ वयं प्यासिषीमहि गोभिरश्वै: प्रजया पशुभिर्गृहैर्धनेन ।। (अथर्ववेद ७/८१/५) भावार्थ― हे परमात्मन् ! जो हमसे वैर-विरोध रखता है और जिससे हम शत्रुता रखते हैं तू उसे भी दीर्घायु प्रदान कर। वह भी फूले-फले और हम भी समृद्धिशाली बनें। हम सब गाय, बैल, घोड़ों, पुत्र, पौत्र, […]

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उगता भारत न्यूज़

गुजरात में महिलाएं ना तो केजरीवाल को जानती हैं और ना ही जेडआप के बारे में उन्हें कोई जानकारी है

कौन नेता कितना लोकप्रिय है या उसका किसी खास क्षेत्र में कितना प्रभाव है, मीडिया इसका अनुमान अक्सर चुनावी रैलियों और रोड शो में भाग लेने वाली भीड़ को देखकर लगाती रही है। ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि इसके लिए नेता अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं और कई नेताओं द्वारा […]

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इतिहास के पन्नों से

देश में 100 साल से अधिक पुराने ब्रिज की संख्या

गुजरात के मोरबी जिले (Morbi Bridge Collapse) में हुई भयावह घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। मोरबी जिले में पुल के ढहने के बाद से देश के पुराने पुलों की मजबूती पर अब सवाल खड़े हो रहे है। भविष्य में फिर से ऐसी दुर्घटनाएं न हो इसके लिए देश में मौजूद 100 साल […]

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समाज

माहवारी से जुड़ी संकुचित सोच बदलने की ज़रूरत है

सोनिया बघरी बघर, कपकोट बागेश्वर, उत्तराखंड कहने को तो माहवारी प्रकृति की देन है, परन्तु लोगो ने इसे परंपरा से ऐसा बांधा है कि यह गांठ खुलने का नाम ही नही ले रही है. इसके नाम पर महिलाओं और किशोरियों के साथ शोषण का सिलसिला सदियों से अनवरत जारी है. अफ़सोस की बात तो यह […]

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भारतीय संस्कृति

सत्यार्थ प्रकाश में इतिहास विर्मश ( एक से सातवें समुल्लास के आधार पर) अध्याय 13 क तीन सभाओं को देने का भारत का राजनीतिक चिंतन

सत्यार्थ प्रकाश में इतिहास विर्मश ( एक से सातवें समुल्लास के आधार पर) अध्याय 13 क तीन सभाओं को देने का भारत का राजनीतिक चिंतन स्वामी दयानंद जी महाराज ने सत्यार्थ प्रकाश का षष्ठम समुल्लास राजधर्म पर लिखा है। स्वामी दयानंद जी महाराज भारतवर्ष में जिस प्रकार की राजनीतिक व्यवस्था के समर्थक थे उसे उन्होंने […]

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