धर्म ही व्यवस्था का प्रतीक है स्वामी दयानंद जी भारत में राजा को चारित्रिक गुणों में बहुत ही उत्तम देखने के पक्षधर थे। उनकी इच्छा थी कि जिस प्रकार आर्य राजाओं के भीतर गुण हुआ करते थे वैसे ही गुण आज के राजनीतिज्ञों के भीतर भी होने चाहिए। राजा के 36 गुण महाभारत में राजा […]
Month: November 2022
ललितपुर। यहां पर पहलवान गुरुदीन महाविद्यालय पनारो ललितपुर में महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान महरौनी की ओर से आयोजित भारतीय इतिहास एक पुनरावलोकन विषय पर अपने विचार रखते हुए सुप्रसिद्ध इतिहासकार एवं लेखक डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि भारत के इतिहास की गंगा को प्रदूषण मुक्त करना समय की आवश्यकता है। डॉक्टर आर्य […]
ललितपुर ( विशेष संवाददाता ) यहां पर नेहरू महाविद्यालय ललितपुर में महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान महरौनी द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम “भारत के इतिहास का पुनर्लेखन क्यों ?” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सुप्रसिद्ध इतिहासकार और 65 राष्ट्रवादी पुस्तकों के लेखक डॉक्टर राकेश कुमार आर्य ने कहा कि भारत ज्ञान की दीप्ति […]
मृत्युंजय दीक्षित भारत ने संयुक्त राष्ट्र व उसके किसी भी मंच पर कभी रूस के विरुद्ध मतदान नहीं किया अपितु ऐसे हर प्रस्ताव के समय अनुपस्थित रहा किन्तु जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भेंट रूसी राष्ट्रपति पुतिन से हुई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से पुतिन से कहा कि यह समय युद्ध का नहीं है। अंतरराष्ट्रीय […]
आनंद प्रधान सर्दियों की शुरुआत के साथ दिल्ली एक बार फिर गैस चेंबर बन गई। तेज हवाओं ने दो-तीन दिनों से थोड़ी राहत जरूर दी है, लेकिन इससे हालात खास बदले नहीं हैं। गंभीर प्रदूषण में सांस लेने के लिए मजबूर लोगों खासकर वृद्धों, बच्चों और गंभीर बीमारियों के मरीजों का जीवन और स्वास्थ्य खतरे […]
अध्याय – प्रक्षेप और पुनरुक्ति गतांक से आगे … इसी तरह सामवेद का भी खिल-भाग अर्थात् परिशिष्ट भाग प्रसिद्ध है। सभी जानते हैं कि सामवेद की महा नाम्नी ऋचाएँ और आरण्यकभाग परिशिष्ट हैं। महानाम्नी ऋचाओं के विषय में ऐतरेय ब्राह्मण 22/2 में लिखा है कि ‘ ता ऊर्ध्वा सोम्नोऽभ्यसृजत । यदूर्ध्वा सोम्नोऽभ्यसृजत तत् सिमा अभवत् […]
ललितपुर। आज योग भवन कंपनी बाग ललितपुर में भारतीय इतिहास के कुछ अनछुए पृष्ठों पर भारत के इतिहास का पुनर्लेखन क्यों आवश्यक है ? विषय पर महर्षि दयानंद सरस्वती शोध संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में एक विचार संगोष्ठी का महत्वपूर्ण आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सुप्रसिद्ध इतिहासकार […]
अयोध्या का कल्पवास एक साधना है ?
आचार्य डा.राधे श्याम द्विवेदी अयोध्यावास की लालसा:- राम करणामृतम(१/६३-६५) में अयोध्यावास की लालसा का वर्णन कुछ इस प्रकार किया गया है।यह अयोध्या दर्शन गीताप्रैस के पृष्ट 111 से उद्धित किया गया है। कदा वा साकेते विमल सरयू पुनीत पुलिने समासीन: श्रीमदरघुपतिपदाबजे हृदि भजन। अये राम स्वामिन जनक तनया बल्लभ विभो प्रसीदेति क्रोशन्नीमिषमिव नेष्यामि दिवसान।। कदा […]
दुष्टों के लिए दंड जनसाधारण धर्म की मर्यादा का स्वाभाविक रूप से पालन करते हैं इसलिए उन्हें दंड की आवश्यकता नहीं पड़ती। जबकि दुष्ट प्रवृत्ति के लोग कठोरता से ही सीधे चलते हैं। इस प्रकार दंड और धर्म एक ही सिक्के के दो पहलू हो गए। यही कारण है कि बुद्धिमान लोग दंड को ही […]
12 नवंबर 2022 समय लगभग 2:30 हमने रानी झांसी के ऐतिहासिक किले में अपने साथियों श्रीनिवास आर्य ,रविंद्र आर्य एवं अजय कुमार आर्य के साथ प्रवेश किया। किले के मुख्य द्वार पर प्रवेश करते ही रानी झांसी के बारे में श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता “खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी […]