नेहा उपाध्याय 16वीं शताब्दी में दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला आखिरी हिंदू शासक हेमू विक्रमादित्य (Hemu Vikramaditya) को भारत का नेपोलियन के नाम से भी जाना जाता है। एक साधारण परिवार का सदस्य होने के बाद भी हेमू ने भारत के इतिहास में असाधारण और शानदार कार्य किए। बचपन में बेची सब्जियां हेमचंद्र विक्रमादित्य […]
Month: October 2022
प्रियेश मिश्र पाकिस्तान और दक्षिण कोरिया रक्षा सहयोग बढ़ाने जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच चंद दिनों पहले ही इसे लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। पाकिस्तान के कारण ही दक्षिण कोरिया को हमेशा अपने अस्तित्व की चिंता सताती रहती है। दरअसल, पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान ने ही दक्षिण कोरिया […]
बाकी सारे त्योहारों का धार्मिक महत्व है पर दीपावली का एक व्यावसायिक महत्व है। सोना और चांदी की बिक्री भी इसी सीजन में सबसे ज्यादा होती है और कपड़ों की भी। इस मौके पर उपहार और भेंटें देने के कारण भी तमाम सारे गिफ्ट आइटमों की बिक्री भी बढ़ जाती है। यानी अकेले दीपावली का […]
*”उत्सर्जन और विसर्जन अनिवार्य” पर गोष्ठी संपन्न* गाजियाबाद,वीरवार 20 अक्टूबर 2022, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “उत्सर्जन और विसर्जन अनिवार्य” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह करोना काल में 458 वां वेबीनार था। मुख्य वक्ता डॉ. सुषमा आर्या आयुर्वेदाचार्या ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए उत्सर्जन व विसर्जन दोनो […]
हम आर्य बनकर करते थे संसार का मार्गदर्शन भारत के प्राचीन गौरव पर प्रकाश डालते हुए अपनी एक कविता में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी लिखते हैं कि :- हम कौन थे, क्या हो गये हैं, और क्या होंगे अभी आओ विचारें आज मिल कर, यह समस्याएं सभी भू लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला […]
वाराणसी – वर्ष 1995 और वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार ने वक्फ कानून में केवल मुसलमान ही नहीं, अपितु सिख, बौद्ध, ईसाई आदि सर्व धर्मियों की किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित करने के अत्यंत भयानक अधिकार वक्फ बोर्ड को दिए । इस कानून का दुरुपयोग कर देशभर में बलपूर्वक भूमि हडपकर […]
सौम्या ज्योत्सना मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार दीपावली की बात मिट्टी के दीयों की चर्चा के बगैर अधूरी है. इसके बिना दीपावली की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. हज़ारों सालों से यह परंपरा चली आ रही है. इससे सबसे अधिक लाभ इसका कारोबार करने वालों को होता है. मिट्टी से दीया बनाने वाले कुम्हार समुदाय से लेकर […]
संस्कृति की धरोहर हैं ताड़पत्र
कीर्ति तिवारी वर्तमान की बेहतरी के लिए अतीत का ज्ञान जरूरी है। हमारी परंपराओं ऐतिहासिक धरोहरों व गौरवशाली अतीत को संजोने वाले ताड़पत्र पांडुलिपियां इसमें प्रमुख हैं। ताड़पत्र पर लिखी इबारतें भारत के अतीत की बहुमूल्य जानकारियों को समेटे हुए हैं । कहा गया है कि इतिहास अपने आपको दोहराता है। यह बात एक बार […]
भारत वर्ष के इतिहास के प्रति हमारी अपनी नीरसता और उदासीनता का परिणाम यह है कि कोई भी व्यक्ति हमारे महान पूर्वजों के महान पुरुषार्थ और पराक्रम के विषय में कुछ भी कह जाने के लिए स्वतंत्र है। अपने इतिहास के प्रति बरती गई लापरवाही का परिणाम यह है कि हमें अपने ही पूर्वजों पर […]
गतांक से आगे … सामवेद की किसी जमाने में 1000 तक शाखाएं हो गई थी, परंतु इस समय उनका कहीं पता नहीं है। चरणव्यूह की टीका में महीदास ने लिखा है कि – ‘आसॉ षोडशशाखाना मध्ये तित्रः शाखा विद्यन्ते गुर्जरदेश कौथुमी प्रसिद्धा , जैमिनीया प्रसिद्वा,महाराष्टे तु राणायनीयां ‘ अर्थात् इस की 16 शाखाओं में अब […]